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    गुजरात में HMPV का एक और केस, 80 साल के बुजुर्ग मिले संक्रमित; यह बात कर रही परेशान

    देश में अब तक एचएमपीवी के आठ मामले सामने आ चुके हैं। कर्नाटक तमिलनाडु महाराष्ट्र और गुजरात में एचएमपीवी संक्रमण के दो-दो केस मिल चुके हैं। गुजरात के अहमदाबाद शहर में गुरुवार को 80 वर्षीय एक व्यक्ति में ह्यूमन मेटानिमोवायरस (एचएमपीवी) संक्रमण की पुष्टि हुई। मरीज का फिलहाल एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है और बुजुर्ग का विदेश यात्रा का कोई रिकॉर्ड नहीं है।

    By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 10 Jan 2025 02:28 AM (IST)
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    गुजरात में 80 वर्षीय एक व्यक्ति में एचएमपीवी संक्रमण की पुष्टि हुई (सांकेतिक तस्वीर)

     पीटीआई, अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद शहर में गुरुवार को 80 वर्षीय एक व्यक्ति में ह्यूमन मेटानिमोवायरस (एचएमपीवी) संक्रमण की पुष्टि हुई। देश में किसी वयस्क के एचएमपीवी संक्रमित होने का यह पहला मामला है। इससे पहले के मिले सभी सात केसों में बच्चों में यह संक्रमण मिला था।

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    एचएमपीवी के आठ मामले सामने आ चुके हैं

    देश में अब तक एचएमपीवी के आठ मामले सामने आ चुके हैं। कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और गुजरात में एचएमपीवी संक्रमण के दो-दो केस मिल चुके हैं। अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) की ओर से बताया गया कि मरीज का फिलहाल एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है और बुजुर्ग का विदेश यात्रा का कोई रिकॉर्ड नहीं है।

    बुजुर्ग की हालत स्थिर

    बुजुर्ग को बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और गुरुवार को उनके नमूने में एचएमपीवी की पुष्टि हुई। बयान में कहा गया कि बुजुर्ग कुछ समय से अस्थमा से पीड़ित थे और फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में बुधवार को भी एचएमपीवी संक्रमण का संदिग्ध केस सामने आया था। आठ वर्षीय बच्चा फिलहाल वेंटिलेटर पर है। उसके रक्त नमूने की जांच आनी अभी बाकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि एचएमपीवी घातक वायरस नहीं है। घबराने की आवश्यकता नहीं है।

    राहत की खबर! फरवरी के बाद धीमा हो जाएगा HMPV वायरस

    ह्यूमन मेटा न्यूमोवायरस (HMPV) को लेकर देश के सबसे बड़े शोध ने बड़ी राहत दी है। शोध परिणाम के मुताबिक, इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। फरवरी के बाद इसका असर धीरे-धीरे कम हो जाएगा। यह शोध भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने मई 2022 से दिसंबर 2024 तक बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के बाल रोग विभाग में किया।

    यह वायरस पांच साल से कम उम्र के बच्चों, कमजोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता वाले बच्चों और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों को आसानी से चपेट में लेता है। हालांकि, संक्रमित बच्चों में केवल एक प्रतिशत को ही गंभीर जटिलता का सामना करना पड़ा, जिसे सपोर्टिव थेरेपी जैसे आक्सीजन थेरेपी, संतुलित आहार और लक्षण आधारित उपचार से नियंत्रित करना संभव है।

    943 बच्चों पर क‍िया गया शोध

    ICMR के वैज्ञानिकों ने एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (ARI) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (SARI) के शिकार पांच साल से कम उम्र के 943 बच्चों पर शोध किया। इसमें पाया गया कि 1.38 प्रतिशत बच्चों में श्वसन तंत्र में संक्रमण का कारण एचएमपीवी था। बाकी बच्चों में दूसरे वायरस मिले।

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