गुजरात में 2 लाख 83 हजार युवा बेरोजगार, 5 साल में डेढ़ लाख को मिली सरकारी नौकरी
सरकार की ओर से राज्य की प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में लाखों आवेदन किए जाने के संबंध में कहा कि हर युवा पहले से बेहतर व ऊंचे पद की लालसा रखता है इसलिए परीक्षाओं में आवेदन लाखों में आते हैं। शिक्षित बेरोजगार की संख्या में वडोदरा 25709 के साथ सबसे ऊपर हैं।
अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। गुजरात में शिक्षित व अर्द्ध शिक्षित बेरोजगार युवकों की संख्या 2 लाख 83 हजार है, बीते 5 साल में सरकार ने डेढ़ लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी। राज्य के श्रम एवं रोजगार मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने विधानसभा में बताया कि राज्य में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या करीब 2 लाख 70922 है जबकि अर्द्ध शिक्षित 12218 हैं।
सरकार की ओर से राज्य की प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में लाखों आवेदन किए जाने के संबंध में कहा कि हर युवा पहले से बेहतर व ऊंचे पद की लालसा रखता है इसलिए परीक्षाओं में आवेदन लाखों में आते हैं। शिक्षित बेरोजगार की संख्या में वडोदरा 25709 के साथ सबसे ऊपर हैं। जबकि आणंद में इनकी संख्या 17987, अहमदाबाद में 16312, सूरत में 11147 तथा राजकोट में 11110 शिक्षित बेरोजगार है। राजपूत ने बताया कि भारत की बेरोजगारी दर 4.4 प्रतिशत है जबकि गुजरात की बेरोजगारी दर 2.2 प्रतिशत है।
गुजरात में सवा लाख बच्चे कुपोषित
गुजरात में कुपोषित बच्चों की संख्या करीब सवा लाख है, आदिवासी बहुल नर्मदा जिले में इनकी संख्या सर्वाधिक 12492 है। महिला एवं बाल कल्याण मंत्री भानुबेन बाबरिया ने विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में बताया कि राज्य में कुपोषित बालक बालिकाओं की संख्या 1 लाख 25707 है। इनमें एक लाख 1586 बालकों का वजन कम है तथा 24121 बालकों का वजन अति कम है। नर्मदा में सर्वाधिक कुपोषित 12492 बच्चे है जबकि वडोदरा में 11322, सूरत में 6967, आणंद में 9615 साबरकांठा में 7270 है। उल्लेखनीय है कि सूरत जहां डायमंड व सिल्क सिटी के नाम से दुनिया में मशहूर है वहीं आणंद श्वेत क्रांति का जनक है। अमूल का प्लांट भी इसी जिले में स्थित है।