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    राजरूप सरकार ने भारत के एएफसी अंडर-17 एशियाई कप 2026 के क्वालीफाइंग में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 10:31 PM (IST)

    राजरूप ने भारत के सभी ग्रुप मैचों में शुरुआत की और अपने संयम, तेज रिफ्लेक्स और असाधारण शॉट-स्टॉपिंग क्षमता से पूरे क्वालीफायर में शानदार प्रदर्शन किया ...और पढ़ें

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    राजरूप सरकार ने भारत को दिलाई जीत।

    स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। जिंक फुटबॉल अकादमी के खिलाड़ी मात्र 16 वर्षीय गोलकीपर राजरूप सरकार ने भारत की अंडर-17 राष्ट्रीय टीम को एएफसी अंडर-17 एशियन कप 2026 के लिए क्वालीफाई कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत ने अहमदाबाद में ईरान पर 2-1 की शानदार जीत के साथ एशियन चैम्पियनशिप में अपना स्थान सुरक्षित कर लिया।

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    राजरूप ने भारत के सभी ग्रुप मैचों में शुरुआत की और अपने संयम, तेज रिफ्लेक्स और असाधारण शॉट-स्टॉपिंग क्षमता से पूरे क्वालीफायर में शानदार प्रदर्शन किया। ईरान, लेबनान, फिलिस्तीन और चाईनीज ताइपे के खिलाफ दबाव भरे पलों में उनका योगदान महत्वपूर्ण साबित हुआ, जिससे भारत ने एशिया की प्रमुख युवा प्रतियोगिता में अपनी जगह पक्की की।

    छोटी उम्र में दिखाई प्रतिभा

    जिंक फुटबॉल अकादमी से निकले राजरूप, जावर स्थित आवासीय कार्यक्रम में छोटी उम्र में शामिल हुए और तेजी से आगे बढ़े। अकादमी की विश्वस्तरीय कोचिंग, शैक्षिक सहायता और तकनीकी प्रशिक्षण मॉडल के तहत, वह देश के सबसे होनहार युवा गोलकीपरों में से एक बन गए हैं। 2024-25 एआईएफएफ अंडर-17 यूथ लीग में उनके प्रदर्शन ने उन्हें राष्ट्रीय टीम के शिविर में शामिल होने का मौका दिलाया।

    एशिया के सबसे बड़े युवा टूर्नामेंटों में से एक एएफसी अंडर-17 एशियन कप, राजरूप और भारतीय टीम को 2026 में एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करेगा। उनकी यात्रा जिंक फुटबॉल अकादमी के कार्य को दर्शाता है कि किस तरह से अकादमी ने लगातार देश को बेहतरीन खिलाड़ी देने का काम किया है।

    वर्ष 2018 में अपनी स्थापना के बाद से जिंक फुटबॉल अकादमी ने लगातार भारत की विभिन्न आयु-वर्ग की टीमों के लिए खिलाड़ी तैयार किए हैं और देश के टैलेंट पूल को मजबूत किया है। साहिल पूनिया, मोहम्मद कैफ और प्रेम हंसदक के पहले ही राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के बाद, राजरूप की सफलता भारतीय फुटबॉल की विकास गाथा में सार्थक योगदान देने की अकादमी की निरंतर प्रतिबद्धता में एक और गौरवपूर्ण उपलब्धि है।