2026 में भारत भी ले सकता है FIFA वर्ल्ड कप में हिस्सा, ये है वजह
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि फीफा रैंकिंग में भारत 97वें स्थान पर है।
नई दिल्ली, जेएनए। 20 साल के बाद फीफा विश्वकप जीतकर फ्रांस ने फुटबॉल की दुनिया पर बादशाहद हासिल की है। फ्रांस ने फीफा विश्वकप के फाइनल मुकाबले में क्रोएशिया को 4-2 हराकर फीफा विश्वकप का खिताब अपने नाम किया है। इस मुकाबले में 20वें स्थान की टीम क्रोएशिया ने 7वें स्थान की टीम फ्रांस को खूब छकाया। फ्रांस ने विश्वकप जीत लिया और फुटबाल के इस खेल ने इस बार दुनिया भर में अपनी चमक बिखेरी। भारत जैसे देश में भी फीफा का जादू सिर चढ़कर बोल रहा था। टीम के सामने बैठे भारतीय दर्शक भी अपनी-अपनी टीमों को सपोर्ट कर रहे थे। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि भारत कब अपनी टीम को फीफा विश्वकप में हिस्सा लेने के लिए भेजेगा, क्या भारत भी कभी फुटबॉल के इस कुंभ में शामिल हो पाएगा?
दुनिया के नक्शे पर कुश्ती, हॉकी, कबड्डी, बैडमिंटन और क्रिकेट जैसे खेलों के लिए भारत का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है, लेकिन फुटबॉल का जिक्र आते ही निराशा सामने जाती है। इस वैश्विक खेल में भारतीय अभी काफी पीछे हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि फीफा रैंकिंग में भारत 97वें स्थान पर है। अगर 40 लाख की आबादी वाला क्रोएशिया जैसा देश फीफा विश्वकप का उपविजेता हो तो ऐसे में क्रोएशिया की 300 गुना ज्यादा आबादी वाला देश फुटबॉल रैंकिंग में लगभग 100वें स्थान पर हो तो ये बात कहां तक शोभा देती है? इस सवाल का जवाब देते हुए भारत के पूर्व फुटबॉलर अनादि बरुआ भारत में फुटबॉल की उम्मीदों को जिंदा रखने का उपाय कुछ इस तरह से बताते हैं।
भारत के लिए सुनहरा अवसर
भारत के पूर्व फुटबॉलर और भारतीय महिला टीम के पूर्व कोच अनादि बरुआ बताते हैं कि फीफा के तय प्रोग्राम के मुताबिक साल 2026 के विश्वकप के लिए 32 टीमों की बजाए 48 टीमों के हिस्सा लेने का कार्यक्रम तय किया है। जिसमें एशिया से अब 8 टीमों को मौका मिलेगा। इसके पहले अभी तक एशिया की सिर्फ 4 टीमें ही फीफा विश्वकप में हिस्सा लेती थीं। जो कि भारत के लिए एक सुनहरा अवसर साबित होगा। वो आगे बताते हैं कि 1950 से 60 के दशक में भारतीय फुटबॉल टीम काफी बेहतर टीम थी, लेकिन मौजूदा दौर में हम काफी पीछे छूट गए, लेकिन अगर खिलाड़ी साल 2026 के विश्वकप को लक्ष्य मानकर मेहनत करें तो हम इस विश्वकप में जरूर हिस्सा ले सकते हैं
अंडर -17 टीम कर रही है बेहतरीन प्रदर्शन
भारत में फुटबॉल की मौजूदा स्थिति पर बरुआ बताते हैं कि हमारी अंडर-17 की टीम एशिया में काफी बेहतर प्रदर्शन कर रही है अगर ये खिलाड़ी ऐसे ही मेहनत करते रहे तो ये टीम एशिया की 8 टीमों में जरूर शामिल हो सकती है। लेकिन सिर्फ एक टीम से फुटबॉल का मैदान नहीं मार सकते इसके लिए हमें कम से कम 3 ऐसी ही मजबूत टीमें तैयार करनी पड़ेंगी क्योंकि एक टीम के विकल्प सीमित होते हैं और खिलाड़ियों का चयन भी अगर उनके प्रदर्शन के आधार पर हो तो शायद भारतीय फुटबॉल के लिए यह और भी बेहतर साबित हो सकता है।
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी की थी पहल
भारत के फीफा में हिस्सा लेने के लिए भारतीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी पिछले दिनों यह बयान दे चुके हैं कि भले ही भारत ने फीफा विश्व कप में हिस्सा नहीं लिया हो, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों के पास क्षमता जरूर है। उन्होंने कहा था कि हमें भारतीय खिलाड़ियों के लिए मौके उपलब्ध कराने होंगे। राठौड़ ने कहा कि अगर भारतीय फुटबॉल खिलाड़ियों को तैयारी के बाद मौका मिले तो शायद भारत भी जल्दी ही फीफा विश्वकप में शिरकत करता हुआ नजर आ जाएगा।
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