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FIFA World Cup 1982 के नायक, इटली के महान फॉरवर्ड पाओलो रोसी नहीं रहे

वह 1982 में फीफा के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गए थे। उन्होंने गोल्डन बूट और गोल्डन बॉल का अवॉर्ड जीता था। रॉसी उन खिलाडि़यों में शामिल थे जिन्होंने एक ही विश्व कप में यह अवॉर्ड जीते हैं। 1982 में रोसी को बैलन डि ओर के पुरस्कार से भी नवाजा गया था।

By Viplove KumarEdited By: Published: Thu, 10 Dec 2020 09:53 PM (IST)Updated: Thu, 10 Dec 2020 09:53 PM (IST)
FIFA World Cup 1982 के नायक, इटली के महान फॉरवर्ड पाओलो रोसी नहीं रहे
इटली फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान पाओलो रोसी का निधन

रोम, एपी। फुटबॉल विश्व कप 1982 में इटली को चैंपियन बनाने वाले कप्तान पाओलो रोसी का निधन हो गया। वह 64 साल के थे। फुटबॉल जगत ने 15 दिन के अंदर ही दो महान खिलाडि़यों को खो दिया। इससे पहले अर्जेटीना के महान खिलाड़ी डिएगो माराडोना का भी बीमारी के कारण निधन हो गया था।

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रोसी खिलाड़ी के बाद अपने देश में कमेंटेटर के तौर पर भी सक्रिय थे। वह सरकारी प्रसारणकर्ता आरएआइ (रेडियो टेलीविजन इटैलिया) से जुड़े थे, जिसने गुरुवार को बताया कि उनका निधन एक बीमारी के कारण हुआ। आरएआइ और अन्य मीडिया संस्थानों ने उनकी पत्नी फेडरिका कैपेल्लेटी के इंस्टाग्राम पोस्ट का हवाला दिया। फेडरिका ने रोसी के साथ तस्वीर साझा करते हुए लिखा, 'हमेशा इटली के लिए।'

विपक्षी टीमों के लिए सिरदर्द :

रोसी को महान फॉरवर्ड खिलाडि़यों में गिना जाता था और एक बार जब गेंद उनकी तरफ आ जाती थी तो वह गोल करने से पीछे नहीं हटते थे। वह विपक्षी टीमों के लिए सिरदर्द बने हुए थे। उनको रोकना विपक्षी टीम के डिफेंडरों के लिए आसान नहीं रहता था। वह जल्दी ही विपक्षी टीम के डिफेंस को भेद दिया करते थे और अपनी टीम को बढ़त दिलाने में आगे रहते थे।

तकनीक के मामले में भी सर्वश्रेष्ठ :

वह तकनीक के मामले में भी सर्वश्रेष्ठ थे और साथ ही उनके शॉट भी गोल पोस्ट पर ज्यादातर सटीक होते थे। उनकी नजरें सीधा गेंद पर रहती थी और उनके आगे विपक्षी टीमों की रणनीति सफल नहीं हो पाती थी। रोसी को इसके अलावा अन्य चीजों के लिए भी जाना जाता था। वह ऐसे स्ट्राइकरों में भी शामिल थे जो पेनाल्टी एरिया में मौजूद रहते थे।

निलंबन भी झेला :

रोसी को 1980 में सट्टेबाजी के मामले में निलंबन भी झेलना पड़ा था, लेकिन उन्होंने इसके बाद दमदार वापसी करके सभी का मुंह बंद कर दिया था। उन्होंने 1982 में अपनी टीम को विश्व चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई। टीम का नेतृत्व करने के साथ उन्होंने स्पेन में हुए इस विश्व कप में छह गोल दागे जिसमें ब्राजील के खिलाफ 3-2 की जीत में उन्होंने हैट्रिक भी लगाई थी। उन्होंने वेस्ट जर्मनी के खिलाफ फाइनल मैच का पहला गोल किया था। इटली ने इस मैच को 3-1 से अपने नाम कर विश्व कप का खिताब उठाया था।

गोल्डन बूट और गोल्डन बॉल का अवॉर्ड भी मिला :

वह 1982 में फीफा के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गए थे। उन्होंने गोल्डन बूट और गोल्डन बॉल का अवॉर्ड जीता था। रॉसी उन तीन खिलाडि़यों में शामिल थे जिन्होंने एक ही विश्व कप में यह अवॉर्ड जीते हैं। 1982 में रोसी को बैलन डि ओर के पुरस्कार से भी नवाजा गया था। रोबर्टो बागियो, क्रिस्टियन वेइरी के अलावा वह विश्व कप में इटली के लिए सबसे ज्यादा नौ गोल करने वाले खिलाड़ी रहे।


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