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    रोक के बावजूद स्टेडियम में 10 गुना अधिक कीमत पर बेची गईं पानी की बोतलें

    Updated: Sun, 14 Dec 2025 09:56 PM (IST)

    साल्ट लेक स्टेडियम में अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉलर लियोन मेसी के कार्यक्रम के कुप्रबंधन मामले में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। बिधाननगर पुलिस कमिश ...और पढ़ें

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    मेसी के इवेंट में मचा था उत्‍पात।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता : साल्ट लेक स्टेडियम में अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉलर लियोन मेसी के कार्यक्रम के कुप्रबंधन मामले में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट ने कार्यक्रम से कुछ दिन पहले बकायदा संवाददाता सम्मेलन कर स्पष्ट कर दिया था कि दर्शक दीर्घा में पानी की बोतल की बिक्री नहीं होगी। लोगों को अपने साथ पानी की बोतल लाने से भी मना किया गया था।
    स्टेडियम में पेयजल की व्यवस्था होने की बात कही गई थी। इसके बावजूद कार्यक्रम के दौरान न सिर्फ पानी की बोतल की जमकर बिक्री हुई बल्कि वह भी 10 गुना अधिक कीमत पर, यानी 20 रुपये की बोतल 200 रुपये में बिक रही थी। इंटरनेट मीडिया पर इसका एक वीडियो बहुप्रसारित हो रहा है।

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    मालूम हो कि मेसी को ठीक से नहीं देख पाने से गुस्साए दर्शकों ने सबसे पहले ग्राउंड पर पानी की बोतलें फेंककर ही विरोध जताना शुरू किया था। प्रश्न उठ रहा है कि इसकी बिक्री की अनुमति किसने दी? बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट फिलहाल चुप्पी साधे हुए है।
    बिधाननगर दक्षिण थाने की पुलिस ने स्टेडियम में तोड़फोड़ करने वाले अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है। उनपर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने व सरकारी कर्मचारियों को मारने-पीटने के आरोप लगाए गए हैं। घटना में एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से जख्मी हुआ है। मालूम हो कि आइलीग व डूरंड कप के मैचों के समय भी स्टेडियम में पानी की बोतल की बिक्री की अनुमति नहीं दी जाती है।

    स्टेडियम को सवा दो करोड़ का नुकसान

    साल्ट लेक स्टेडियम को तोड़फोड़ से प्राथमिक तौर पर दो से सवा दो करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। मालूम हे कि उग्र भीड़ ने स्टेडियम की कुर्सियों से लेकर टनल, टेंट और गोल पोस्ट के जाल को भी नुकसान पहुंचाया है। सरकार घटना का पूरा ठीकरा आयोजकों के सिर पर फोड़ चुकी है।
    शताद्रु को 14 दिनों की पुलिस हिरासत शताद्रु को रविवार सुबह कड़ी सुरक्षा में बिधाननगर महकमा अदालत में पेश किया गया। करीब 20 मिनट सुनवाई चली। शताद्रु के अधिवक्ता ने जमानत का आवेदन कर दलील दी कि उनके मुवक्किल मेसी के भारत दौरे के मुख्य आयोजक हैं। दौरा अभी जारी है, वहां उनकी जरुरत है इसलिए उन्हें निजी मुचलके पर रिहा किया जाए।

    सरकारी अधिवक्ता ने इसपर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि घटना की जांच अभी प्राथमिक स्तर पर है और शताद्रु से गहन पूछताछ की जरुरत है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने शताद्रु को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया। मालूम हो कि स्टेडियम में हंगामा शुरू होने के बाद शताद्रु मेसी को लेकर एयरपोर्ट के लिए निकल गए थे, उस जेट में भी बैठ गए थे, जिससे वे सभी हैदराबाद जाने वाले थे।
    पुलिस ने उन्हें जेट से उतरवाकर गिरफ्तार किया था। पीटने अदालत पहुंचे भाजपा कार्यकर्ता शताद्रु को पीटने भाजपा कार्यकर्ता रविवार को जूते-चप्पल लेकर अदालत परिसर पहुंच गए थे। शताद्रु को देखते ही उन्होंने 'चोर-चोर' के नारे लगाते हुए उनकी तरफ बढ़ने का प्रयास किया, हालांकि पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। शताद्रु के हुगली जिले स्थित घर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

    जांच टीम ने स्टेडियम जाकर किया मुआयना

    बंगाल सरकार की ओर से गठित कमेटी ने रविवार सुबह स्टेडियम जाकर मुआयना किया। कमेटी के सदस्य न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) असीम कुमार राय, बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत व गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती के नेतृत्व में स्टेडियम की हालत की वीडियोग्राफी भी की गई। न्यायमूर्ति राय ने कहा कि दो सप्ताह के अंदर सरकार को जांच रिपोर्ट सौंपने की कोशिश की जाएगी। बंगाल के राज्यपाल डा सीवी आनंद बोस ने भी स्टेडियम जाकर वहां की स्थिति का निरीक्षण किया।