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    Kisan Kalyan Yojana: कोरोना काल में किसानों की खुशहाली और उन्नति के लिए योगी सरकार ने किया काम

    By Amit SinghEdited By:
    Updated: Fri, 08 Jan 2021 05:05 PM (IST)

    लॉकडाउन में यूपी सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि फसल की कटाई प्रभावित नहीं होनी चाहिये। किसानों को सरकारी क्रय केंद्रों के अलावा निजी खरीदारों को सीधे उपज बेचने की छूट दी गई। ये भी सुनिश्चित किया गया कि किसानों को एमएसपी से कम कीमत न मिले।

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    योगी सरकार में किसानों को न केवल समर्थन, बल्कि प्रोत्साहन भी मिला।

    लखनऊ। लॉकडाउन के दौरान फसल कटाई प्रभावित न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये। किसानों को फसल कटाई के लिए आने-जाने की सुविधा दी। इसके लिए नियमों को आसान बनाया गया। साथ ही किसानों को यह सुविधा भी उपलब्ध कराई गई कि सरकारी क्रय केंद्रों के इतर अगर कोई अन्य संस्था या एजेंसी किसानों से सीधे उनके खेत से उपज खरीदना चाहती है, तो इसे भी प्रोत्साहित किया जाय। बशर्ते, वह किसानों को सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) या उससे ज्यादा कीमत अदा करे।

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    • फसल कटाई के लिए कम्बाइन हारवेस्टर समेत दूसरे उपकरणों को लॉकडाउन में मिली छूट।

    • उर्वरक, बीज और कृषि रक्षा रसायनों के बिक्री केंद्र और दुकानें खोलने की व्यवस्था।

    • 72 घंटे में धान का भुगतान सीधे बैंक खातों में करने की व्यवस्था।

    • महिला किसानों को दी गई वरीयता।

    • लॉकडाउन में गेहूं क्रय का कार्य जारी रखा गया।

    • गेहूं क्रय केन्द्रों पर अधिकारी नामित, गांव-गांव भेजे गये नोडल ऑफिसर।

    • बटाईदारों और कॉन्ट्रैक्ट फार्मर्स के हितों पर ध्यान।

    • किसानों को राज्य और अंतरराज्यीय परिवहन की व्यवस्था।

    किसानों को मिला योगी सरकार का साथ

    कोरोना काल में किसानों के साथ योगी सरकार मजबूती से खड़ी है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि किसानों के बैंक खातों में भेजना, किसानों को दो महीने मुफ्त में जुताई और बुवाई की सुविधा देना, सरकारी गेहूं खरीद केंद्र शुरू करना, उर्वरक और कीटनाशक की दुकानें खोलने की अनुमति देना आदि ऐसी कई योजनाएं हैं, जो किसानों के लिए मददगार साबित हुईं हैं। लॉकडाउन के पहले हफ्ते में ही किसानों की दिक्कतों को समझकर दूर किया गया। रबी फसलों की कटाई में उपयोग होने वाले कम्बाईन हरवेस्टर और मजदूरों को लॉकडाउन में छूट दी गई। उर्वरक, बीज और कृषि रक्षा रसायनों के बिक्री केंद्र खोलने की अनुमति दी गई।

    • 45 लाख मीट्रिक टन गेहूं और धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद

    • 60000 करोड़ रुपये खाद्यान्न का भुगतान सीधे खातों में हस्तांतरित

    • 38717 मी. टन चने की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई

    • 2.13 करोड़ किसानों को 2,000-2,000 रुपये की किसान सम्मान निधि हस्तांतरित

    • 11180 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की गई

    • 1264 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया

    • 1.76 लाख लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन, देश भर में आपूर्ति

    • 119 चीनी मिल लॉकडाउन के दौरान चलाई गईं

    16 जनपदों में मुफ्त में जुताई और बुवाई

    लघु और सीमांत किसानों को राहत देने के लिए योगी सरकार ने ट्रैक्टरों से मुफ्त में खेतों की जुताई और बुवाई कराने जैसी बड़ी सुविधा दी। पहले चरण में ये योजना यूपी के लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर समेत 16 जिलों में लागू की गई।

    तिलहन और दलहन का न्यूनतम समर्थन मूल्य

    योगी सरकार ने तिलहन और दलहन की फसल के तहत सरसों, चना और मसूर का न्यूनतम मूल्य निर्धारित कर उसकी सरकारी खरीद कराने की व्यवस्था की। साथ ही जो किसान अपनी उपज को बेचने के लिए बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे थे, सरकार ने उनके घरों से खरीदारी करने का निर्णय लिया।

    लॉकडाउन में भी जारी रखी सरकारी गेहूं खरीद

    लॉकडाउन में किसानों को राहत देते हुए सरकारी गेहूं खरीद सुनिश्चित की गई। प्रदेश में 15 अप्रैल से प्रारम्भ हुई गेहूं खरीद 90 दिनों तक चली। इस दौरान 3577 लाख मीट्रिक टन गेहूं 1925 प्रति क्विंटल की दर से खरीदा गया। किसानों के खातों में 6885 करोड़ रुपये हस्तांतरित किये गये।