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    Kisan Kalyan Yojana: सिंचाई व्यवस्था में व्यापक सुधार से यूपी में किसानों को मिल रहा है लाभ

    By Amit SinghEdited By:
    Updated: Fri, 08 Jan 2021 03:40 PM (IST)

    Kisan Kalyan Yojana यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश की खस्ताहाल कृषि व्यस्था को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी का असर है कि 46 वर्षों से लटकी बाणसागर सिंचाई परियोजना अब पूरी हो सकी है। जानें- कौन-कौन सी हैं ये परियोजनाएं।

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    यूपी में सिंचाई व्यवस्था सुधरने से लहलहाने लगे खेत।

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश में उर्वर भूमि और पर्याप्त जल संसाधन हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में सिंचाई व्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ है। हर खेत को पर्याप्त पानी मिल रहा है, जिससे फसलें लहलहा रही हैं। पिछले 46 वर्षों से अधर में लटकी बाणसागर सिंचाई परियोजना योगी सरकार के प्रयासों से पूर्ण हो चुकी है, जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है।

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    लंबित सिंचाई परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूर्ण कराने के परिणामस्वरूप प्रदेश के सिंचाई संसाधनों में बढ़ोत्तरी हुई है। तकनीक का उपयोग कर कम लागत से अधिक क्षेत्रफल में सिंचाई की व्यवस्था की जा रही है। सिंचाई क्षमता में वृद्धि तथा लागत में कमी लाकर कृषकों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सौर ऊर्जा के माध्यम से सिंचाई को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश में सोलर पम्प तथा मिनी ग्रीन ट्यूबवेल योजना का संचालन भी किया जा रहा है।

    यूपी सरकार की प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं -

    • 334 सिंचाई परियोजनाएं पूर्ण।

    • 512 गंगा तालाबों का निर्माण।

    • 149 बाढ़ सुरक्षा की परियोजनाएं पूर्ण।

    • 50 लाख किसान ड्रिप स्प्रिंकलर सिंचाई योजना से लाभान्वित। योजना में लघु एवं सीमांत कृषकों को 90% एवं सामान्य कृषकों को 80% का अनुदान मिला।

    • 2.97 लाख से अधिक निःशुल्क बोरिंग योजना से 161 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की सिंचन क्षमता में हुई वृद्धि।

    • 19,483 सोलर पम्प सिंचाई की सुविधा के लिए स्थापित। 2 एवं 3 हॉर्स पावर वाले सोलर पम्पों पर 70% तथा 5 हॉर्स पावर वाले पम्पों पर 40% अनुदान की व्यवस्था।

    • 13,645 खेत तालाब का बुंदेलखंड में निर्माण हुआ। वर्षा जल को संग्रहित करके सिंचाई हेतु उपयोग करने के लिए खेत तालाब निर्माण के लिए 50% तक अनुदान। भुगतान डी.बी.टी. द्वारा तीन किश्तों में किया गया।

    • 2,000 नवीन राजकीय नलकूपों का निर्माण कर 69,050 हेक्टेयर सिंचन क्षमता का विस्तार किया गया। इससे 67,600 कृषक परिवार लाभान्वित हुए। 100 राजकीय नलकूपों का पुनर्निर्माण हुआ।

    मिनी ग्रीन ट्यूबवेल योजना

    लघु, सीमांत, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषक समूह के लिए मिनी ग्रीन ट्यूबवेल योजना। योजना के तहत नलकूप के सबमर्सिबल पम्प का संचालन सौर ऊर्जा के माध्यम से किया जाएगा। सिंचाई सुविधा के लिए बुंदेलखंड के किसानों को बिजली बिल के फिक्स चार्ज में 50 से 75% तक की छूट।

    46 वर्षों से लंबित बाण सागर परियोजना पूर्ण

    • पहाड़ी बांध परियोजना, पथरई बांध परियोजना, जमरार बांध परियोजना, मौदहा बांध परियोजना, पहुंज बांध परियोजना, लहचुरा बांध परियोजना और गुण्टा बांध परियोजना भी पूरी हुईं।

    • 2.16 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता में हुई वृद्धि

    • 35.50 लाख किसान सरयू नहर परियोजना, मध्य गंगा नहर परियोजना और अर्जुन सहायक परियोजना से लाभान्वित।