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    अच्‍छे और सच्‍चे उम्‍मीदवार चुनकर भेजें: त्र‍िलोचन शास्‍त्री

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Sun, 20 Feb 2022 08:51 AM (IST)

    सोशल मीडिया में वायरल हो रहीं फर्जी खबरों की जानकारी हो तो इसे रोकना आसान है। लेकिन आम मतदाता फेक न्‍यूज और सही खबर में अंतर नहीं कर पाता है। जिसके कारण वह इसका शिकार बन जाता है। किसी भी मैसेज को फारवर्ड करने से पहले एक बार जरूर सोचें।

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    विधानसभा चुनाव 2022' अभियान के तहत शनिवार को लखनऊ के मतदाताओं से रूबरू

    लखनऊ। सोशल मीडिया में वायरल हो रहीं फर्जी खबरों की जानकारी हो तो इसे रोकना आसान है। लेकिन आम मतदाता फेक न्‍यूज और सही खबर में अंतर नहीं कर पाता है। जिसके कारण वह इसका शिकार बन जाता है। किसी भी मैसेज को फारवर्ड करने से पहले एक बार जरूर सोचें। यह कहना है एडीआर के संस्‍थापक त्रिलोचन शास्त्री का। वह देश की अग्रणी फैक्‍ट चेकिंग वेबसाइट विश्‍वास न्‍यूज के 'सच के साथी : विधानसभा चुनाव 2022' अभियान के तहत शनिवार को लखनऊ के मतदाताओं से रूबरू थे। उन्‍होंने इस खास कार्यक्रम में कहा कि एडीआर उम्‍मीदवारों के शपथ पत्र का विश्‍लेषण करके जनता के सामने लाता है, ताकि मतदाता अच्‍छे और सच्चे उम्‍मीदवार को चुनकर भेज सकें। यह मतदाताओं की जिम्‍मेदारी है।

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    'विश्‍वास न्‍यूज' की खास वेबिनार में केजीएमयू के प्रोफेसर डॉ. निशांत वर्मा ने कहा कि कई बार उनके पास भी फर्जी खबरों के शिकार मरीज आते हैं। इसके लिए हम पिछले मरीजों का उदाहरण देकर समझाते हैं। कभी भी हेल्‍थ से जुड़ी वायरल खबरों पर भरोसा करके खुद ही इलाज शुरू न कर दें। इसके लिए अपने डॉक्‍टर से जरूर सलाह लें। लखनऊ विश्वविद्यालय के मास कॉम विभाग के हेड मुकुल श्रीवास्तव ने बताया कि इंटरनेट पर आ रहीं सूचनाओं पर आंख मूंदकर यकीन न करें। यदि फेक खबरों को रोकना है तो हर किसी को अपना कॉमन सेंस जरूर इस्‍तेमाल करना होगा। इसकी मदद से अधिकांश फर्जी सूचनाओं को रोका जा सकता है।

    स्टडी हॉल कॉलेज के हेड गज़नफर अब्बास ने कार्यक्रम में प्रतिभागियों से कहा कि डिजिटल अशिक्षा के कारण फर्जी खबरों का प्रवाह ज्‍यादा होता है। इसलिए लोगों को जागरूक करने की आवश्‍यकता है। वहीं, नेशनल पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल देवेंद्र सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया एक यूनिवर्सिटी की तरह हो गई है। लोग आंख बंदकर के इस पर यकीन कर लेते हैं। ऐसा न करें। सोशल मीडिया या आपके मोबाइल पर आने वाला हर मैसेज सच नहीं होता। इसकी पड़ताल जरूर करें। वेबिनार का संचालन करते हुए विश्‍वास न्‍यूज के फैक्‍ट चेकर शरद प्रकाश अस्थाना और प्रज्ञा शुक्ला ने फैक्‍ट चेकिंग टूल्‍स के बारे में विस्‍तार से जानकारी दी।

    विश्‍वास न्‍यूज की ओर से लखनऊ से पहले कानपुर और चंडीगढ़ में भी ऐसा आयोजन किया जा चुका है। विश्वास न्यूज ऑनलाइन वर्कशॉप के माध्‍यम से मतदाताओं को चुनाव में फैलने वाली फर्जी खबरों, दुष्‍प्रचार और अफवाहों को पहचान कर रोकने का प्रशिक्षण दे रही है। 'विश्‍वास' न्यूज अपने इस अभियान के जरिए अफवाह और भ्रामक सूचनाओं के खिलाफ लोगों में मीडिया लिटरेसी और जागरूकता बढ़ाने का काम कर रहा है।

    आज भी होगी लखनऊ के मतदाताओं की ट्रेनिंग

    विश्वास न्यूज की मुहिम 'सच के साथी : विधानसभा चुनाव 2022' के तहत रविवार को भी लखनऊ के मतदाताओं को फैक्ट चेक करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही उनसे मतदान जरूर करने की अपील भी की जाएगी। रविवार को वेबिनार में एडीआर के सदस्य सुधीर पाल, एमिटी स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन के डायरेक्टर डॉ. संजय जौहरी, करियर मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. आशीष वर्मा, मॉडर्न गर्ल्स कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज की मास कॉम की हेड प्रो. सुनयना अस्थाना और सुप्रीम कोर्ट के वकील संजय कुमार एक्सपर्ट के तौर पर प्रतिभागियों के सवालों के जवाब देंगे।

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