Fact Check Story: वायरल तस्वीर का नाग वासुकी मंदिर से नहीं है कोई संबंध, कर्नाटक की है फोटो
वायरल तस्वीर प्रयागराज के नाग वासुकी मंदिर की नहीं है बल्कि कर्नाटक के उत्सव रॉक गार्डन के एक आर्टिस्टिक बनियान ट्री की है। विश्वास न्यूज़ ने पड़ताल की शुरुआत गूगल रिवर्स इमेज सर्च से की। हमने वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड किया। ये तस्वीर कई जगह मिली।

नई दिल्ली, विश्वास न्यूज। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फर्जी दावे के साथ एक तस्वीर वायरल हो रही है। वायरल हो रही यह तस्वीर है कर्नाटक की लेकिन इसे प्रयारराज का बताया जा रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर प्रयागराज के नाग वासुकी मंदिर की है और यह मूर्ति एक ही पत्थर को काटकर बनाई गई है। पोस्ट को सच मानकर इसे तेज़ी से वायरल किया जा रहा है। दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग टीम विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया इसे फर्जी पाया।
वायरल तस्वीर प्रयागराज की नहीं बल्कि कर्नाटक के राक गार्डन की है
वायरल तस्वीर प्रयागराज के नाग वासुकी मंदिर की नहीं है, बल्कि कर्नाटक के उत्सव रॉक गार्डन के एक आर्टिस्टिक बनियान ट्री की है। विश्वास न्यूज़ ने पड़ताल की शुरुआत गूगल रिवर्स इमेज सर्च से की। हमने वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड किया। हमें ये तस्वीर कई जगह मिली। where-is-this.com की वेबसाइट पर मिली। तस्वीर के कैप्शन में बताया गया, ” तस्वीर कर्नाटक के उत्सव रॉक गार्डन की है।” असल तस्वीर को यहाँ देखा जा सकता है।
यहां मिली वायरल तस्वीर
utsavrock.com की वेबसाइट पर भी वायरल तस्वीर से मिलती-जुलती तस्वीर को देखा जा सकता है। वेबसाइट पर दिए गए डिस्क्रिप्शन के अनुसार, ‘द ग्रेट बरगद का पेड़’ कर्नाटक के तीन महान कलाकारों – Dr M. V. Minajigi, Shri D. V. Halabhavi और Shri T. P. Akki. को एक स्मारकीय श्रद्धांजलि है।
प्रयागराज में है प्राचीन मंदिर
वायरल तस्वीर का सच जानने के लिए हमने सचिव प्रयागराज सेवा समिति तीर्थराज पांडेय से सम्पर्क किया। उन्होंने हमें बताया, ‘प्रयागराज के दारागंज मोहल्ले में नागवासुकी का प्राचीन मंदिर है, लेकिन उसमें ऐसी मूर्ति नहीं है। उसमें सिर्फ वासुकी नाग की एक मूर्ति है। इंटरनेट मीडिया में वायरल ये चित्र प्रयागराज के नागवासुकी मंदिर का नहीं है। ये कहीं और का चित्र है। “
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