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Fact Check Story: चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 बचा हुआ खाना नहीं इकट्ठा करता, वायरल मैसेज है फेक

दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन बचा हुआ खाना नहीं इकट्ठा करता है। यह बच्चों के अधिकारों की रक्षा और उनकी मदद के लिए काम करने वाली संस्था का इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर है।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 05:40 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 05:40 PM (IST)
Fact Check Story: चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 बचा हुआ खाना नहीं इकट्ठा करता, वायरल मैसेज है फेक
चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 बचा हुआ खाना नहीं इकट्ठा करता, वायरल मैसेज है फेक

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल एक मैसेज में चाइल्ड हेल्पलाइन (Child Helpline)  को लेकर गलत दावा (Fake Claim) किया जा रहा है। इसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि यदि कोई पार्टी की मेजबानी कर रहा है और भोजन बच जाता है तो लोग भारत में 1098 पर कॉल कर सकते हैं। यह बच्चों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर है। फोन करने के बाद उनकी टीम घर पर पहुंच बचा हुआ सारा खाना इकट्ठा करते हैं और अपने साथ ले जाते हैं।

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विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत

दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन बचा हुआ खाना नहीं इकट्ठा करता है। यह बच्चों के अधिकारों की रक्षा और उनकी मदद के लिए काम करने वाली संस्था का इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर है। 

चाइल्ड हेल्पलाइन ने जारी किया था स्पष्टीकरण

हमने संबंधित कीवर्ड से खबरें ढूंढनी शुरू की हमें 16 जुलाई, 2018 को प्रकाशित बिजनेस स्टैंडर्ड पर एक आर्टिकल जरूर मिला। जिसमें सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज को लेकर चाइल्ड हेल्पलाइन की तरफ से एक स्पष्टीकरण जारी किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया की चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 एक आपातकालीन हेल्पलाइन है, जो संकट में पड़े बच्चों को सहायता प्रदान करती है।

मार्च 2010 को ही चाइल्ड हेल्पलाइन ने किया था ट्वीट और बताया था वायरल मैसेज को फर्जी 

हमें ‘चाइल्डलाइन’ द्वारा उनके अकाउंट @CHILDLINE1098 पर एक ट्वीट भी मिला। 17 मार्च 2010 को किये गए इस ट्वीट में वायरल मैसेज को फर्जी बताया गया था। चाइल्डलाइन इंडिया से मेल के जरिये संपर्क किया। हेड रिसोर्स मोबिलाइजेशन एंड कम्युनिकेशंस, विकास पुथरन ने कहा यह एक फर्जी संदेश प्रसारित किया जा रहा है। यह सच नहीं है। उन्होंने हमारे साथ PIB Fact Check का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया।

इस पड़ताल को विस्तार से यहां पढ़ें।


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