Fact Check: गुजरात में आरक्षण खत्म होने का फर्जी दावा फिर से वायरल
दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि गुजरात हाईकोर्ट ने ऐसा कोई निर्णय नहीं सुनाया है। वहां अब भी नियमानुसार आरक्षण लागू है। सोशल मीडिया पर वायरल दावा गलत है जो पहले भी वायरल हो चुका है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। गुजरात में सरकारी नौकरी और पढ़ाई में आरक्षण को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसे शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि गुजरात हाईकोर्ट ने आरक्षण पूरी तरह से समाप्त कर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। गुजरात देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां आरक्षण खत्म हो गया है।
दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट 'विश्वास न्यूज' ने पड़ताल में पाया कि गुजरात हाईकोर्ट ने ऐसा कोई निर्णय नहीं सुनाया है। वहां अब भी नियमानुसार आरक्षण लागू है। सोशल मीडिया पर वायरल दावा गलत है, जो पहले भी वायरल हो चुका है। वायरल दावे की पड़ताल के लिए 'विश्वास न्यूज' ने कीवर्ड से इसे फेसबुक पर सर्च किया। इसमें हमें पता चला कि यह पोस्ट पहले भी कई बार वायरल हो चुकी है।
इसके बाद 'विश्वास न्यूज' ने पोस्ट के साथ दिए गए टाइम्स ऑफ इंडिया के लिंक को चेक किया। यह 11 सितंबर 2015 की खबर का लिंक है। इसमें लिखा है, गुजरात हाईकोर्ट ने कहा है कि जिन मेरिटोरियस रिजर्व कैटेगरी कैंडिडेट्स (MRCs) ने सामान्य श्रेणी के कट ऑफ मार्क्स से ज्यादा नंबर हासिल किए हैं और यदि उन्होंने ऊपरी आयु सीमा में आयु में छूट प्राप्त की है, उनको जनरल कैटेगरी की लिस्ट में नहीं रखा जा सकता है। खबर में कही भी आरक्षण खत्म करने की बात नहीं की गई है।
हमने इसे कीवर्ड से गूगल पर ओपन सर्च किया। किसी भी विश्वसनीय वेबसाइट पर ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे इस दावे की पुष्टि हो सके। अगर हाईकोर्ट ऐसा कोई निर्णय देता तो मीडिया इसको जरूर कवर करती। गुजरात हाईकोर्ट की वेबसाइट पर भी इस तरह की कोई जानकारी नहीं मिली। सर्च में 14 जनवरी 2019 को अमर उजाला में छपी खबर का लिंक मिला। इसके मुताबिक, गरीबों को आरक्षण देने वाला गुजरात पहला राज्य बन गया है। गरीब सवर्णों को आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाएगा। यह शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में लागू होगा। हालांकि, इसमें कही भी आरक्षण खत्म करने वाली बात नहीं है।
इसकी पुष्टि के लिए 'विश्वास न्यूज' ने गुजरात हाईकोर्ट के वकील एवं गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के सदस्य चिराग ए प्रजापति से बात की। उनका कहना है, 'गुजरात हाईकोर्ट ने ऐसा कोई निर्णय नहीं दिया है।' इस पोस्ट में यह भी दावा किया जा रहा है, 'अब सामान्य वर्ग में कोई भी अन्य वर्ग (OBC-SC-ST) का उम्मीदवार नौकरी या कॉलेज में आवेदन नहीं कर सकता है।' इस पर चिराग ए प्रजापति ने कहा, 'यह दावा गलत है।'
इस बारे में गुजरात दैनिक जागरण के रिपोर्टिंग हेड शत्रुघ्न का कहना है, 'यह पोस्ट कई साल से वायरल हो रही है। रेलवे व बसों में सफर और फिल्म व होटल में बुकिंग के लिए भी भला कोई आरक्षण का नियम होता है। सोशल मीडिया पर फेक पोस्ट वायरल हो रही है।'
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