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    Fact Check: मुंबई में असम और रखाईन दंगों के विरोध में हुई हिंसक रैली की तस्वीर को गाजा हिंसा से जोड़कर किया जा रहा शेयर

    By Jagran NewsEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Mon, 23 Oct 2023 05:35 PM (IST)

    इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष के बीच एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि एक मुस्लिम युवक मुंबई के अमर जवान मेमोरियल को नुकस ...और पढ़ें

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    मुंबई में असम और रखाईन दंगों के विरोध में हुई रैली की तस्वीर गलत दावे के साथ हो रही शेयर

    विश्नास न्यूज, नई दिल्ली। इजरायल-हमास संघर्ष के बीच सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर में एक युवक को अमर जवान मेमोरियल को नुकसान पहुंचाते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर मुंबई की है, जब मुंबई के आजाद मैदान में फलस्तीनी गाजा पट्टी के समर्थन में जुटी मुस्लिमों की भीड़ में शामिल एक युवक ने ऐसा किया था।

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    विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल तस्वीर मुंबई की ही है, लेकिन इसका इजरायल-फलस्तीन संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं है। 2012 में असम और रखाईन में हुए दंगों के विरोध में मुंबई के आजाद मैदान में हुई हिंसा के दौरान हिंसक भीड़ ने अमर जवान मेमोरियल को नुकसान पहुंचाया था और यह तस्वीर उसी हिंसा से संबंधित है।

    सोशल मीडिया पर यह तस्वीर कुछ साल पहले भी वायरल हुई थी और इसे नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ हुए प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया गया था। विश्वास न्यूज ने तब इस तस्वीर के साथ किए गए दावे की जांच की थी और पाया था कि यह 11 अगस्त 2012 को मुंबई के आजाद मैदान में हुई रैली से संबंधित तस्वीर है, जब असम और रखाईन में हुए दंगों के विरोध में मुंबई में निकाली गई रैली हिंसक हो गई थी और उत्पातियों ने सार्वजनिक संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया था।

    इसी रैली के दौरान दो युवकों ने अमर जवान मेमोरियल को नुकसान पहुंचाया था, जिन्हें पुलिस ने बाद में गिरफ्तार किया। रिपोर्ट के मुताबिक, अमर जवान मेमोरियल को नुकसान पहुंचाने वाले युवकों की पहचान शाहबाज अब्दुल कादिर शेख और अब्दुल कादिर मोहम्मद यूनुस अंसारी के तौर पर हुई थी।

    रिपोर्ट के मुताबिक, इन तस्वीरों को मिड-डे के सीनियर फोटोग्राफर कांबले ने क्लिक किया था और इस दौरान कांबले पुलिसिया कार्रवाई की चपेट में भी आ गए थे, लेकिन अब उनकी खींची गई तस्वीरें मुंबई पुलिस के लिए वरदान साबित हुई है।

    विश्वास न्यूज ने इस तस्वीर को लेकर हमारे सहयोगी मिड-डे के फोटोग्राफर अतुल कांबले से संपर्क किया था। अतुल कांबले ने विश्वास न्यूज को बताया, "यह तस्वीर 2012 में हुए विरोध प्रदर्शन की है, जब असम और म्यांमार में मुस्लिमों के खिलाफ दंगे हुए थे और उसके विरोध में रजा एकेडमी ने मुंबई में प्रदर्शन का आह्वान किया था। यह विरोध प्रदर्शन बाद में हिंसक हो गया और उसी दौरान मैंने यह तस्वीर ली।"

    हमारी जांच से स्पष्ट है कि 11 अगस्त 2012 को मुंबई के आजाद मैदान में असम और रखाईन में हुए दंगों के विरोध में मुंबई में निकाली गई रैली हिंसक होने के दौरान अमर जवान मेमोरियल को नुकसान पहुंचाए जाने की तस्वीर को इजरायल-हमास संघर्ष के संदर्भ में भड़काऊ दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

    आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर इस फैक्ट चेक रिपोर्ट को पढ़ सकते हैं...

    https://www.vishvasnews.com/viral/fact-check-the-violent-rally-in-assam-and-rakhine-at-azad-maidan-in-mumbai-is-being-shared-by-linking-it-to-gaza-violence/