Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Fact Check: गलत दावे के साथ पुराना वीडियो वायरल- भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय का नहीं मेरठ से है संबंध

    दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग वेबसाइटकी पड़ताल में पता चला कि यह 2018 का है। मेरठ में होटल मालिक ने पुलिसकर्मी को पीटा था। इस मामले में अरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इतना ही नहीं भाजपा में कोई अनिल उपाध्याय नाम का विधायक ही नहीं है।

    By Monika MinalEdited By: Updated: Wed, 14 Sep 2022 04:35 PM (IST)
    Hero Image
    भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय का नहीं है वायरल वीडियो

    नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसे कथित तौर पर 'भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय' का बताते हुए शेयर किया जा रहा है। 29 सेकंड के इस वीडियो में एक युवक को पुलिसकर्मी को पीटते हुए देखा जा सकता है। उनके साथ वहां एक महिला और कुछ अन्य लोग भी हैं। वीडियो को शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि 'भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय' ने पुलिसवाले से मारपीट की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट 'विश्वास न्यूज' ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो वर्ष 2018 का है। मेरठ में होटल मालिक ने पुलिसकर्मी को पीटा था। इस मामले में अरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इतना ही नहीं, भाजपा में कोई अनिल उपाध्याय नाम का विधायक ही नहीं है।

    वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए 'विश्वास न्यूज' ने सबसे पहले वीडियो से एक कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। इसमें 20 अक्टूबर 2018 को इंडिया टुडे में छपी खबर का लिंक मिला। इसमें वायरल वीडियो भी अपलोड किया गया है। खबर के अनुसार, मामला 19 अक्टूबर का मेरठ का है। सब-इंस्पेक्टर सुखपाल सिंह एक महिला वकील के साथ रेस्त्रां गए थे। वहां सुखपाल का होटल स्टाफ से विवाद हो गया। इस पर स्टाफ ने रेस्त्रां के मालिक मनीष चौधरी को बुला लिया। मनीष चौधरी भाजपा सभासद है। मनीष ने सब -इंस्पेक्टर को कई थप्पड़ मारे और गालियां दीं। सूचना मिलने पर पुलिस वहां पहुंची और सबको कंकरखेड़ा थाने ले आई। सब-इंस्पेक्टर और महिला वकील की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। आरोपी को जेल भेज दिया गया है।

    20 अक्टूबर 2018 को जागरण डॉट कॉम में छपी खबर के मुताबिक, ब्लैक पेपर रेस्त्रां में दारोगा और उनकी अधिवक्ता मित्र से मारपीट के मामले में भाजपा पार्षद चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है। महिला वकील ने छेड़छाड़, मारपीट और लूटपाट का आरोप लगाया है। वहीं, मनीष चौधरी का आरोप है कि खाने में देर होने पर महिला अधिवक्ता ने हंगामा कर दिया था। दारोगा उस समय नशे में था। मामला सामने आने के बाद एसएसपी ने दारोगा का लाइन हाजिर कर दिया।

    16 अप्रैल 2021 को टाइम्स ऑफ इंडिया में खबर छपी है कि भाजपा सभासद मनीष चौधरी कार में मृत पाया गया है। उसको गोली लगी थी। कंकरखेड़ा में कार की ड्राइवर सीट पर उसका शव मिला है। पुलिसकर्मी से मारपीट करने पर वह जेल गया था। वायरल वीडियो को लेकर यूपी पुलिस ने 13 सितंबर को ट्वीट कर कहा है कि वीडियो 2018 का है। तत्कालीन सभासद समेत 4 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया जा चुका है। बिना जांच किए भ्रामक पोस्ट कर अफवाह मत फैलाएं। इस बारे में मेरठ के स्थानीय पत्रकार केपी त्रिपाठी का कहना है, 'यह वीडियो 2018 का है। भाजपा सभासद मनीष चौधरी रेस्त्रां के मालिक थे। उन्होंने दारोगा से मारपीट की थी। उनकी मौत भी हो चुकी है।'

    पूरी पड़ताल पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।