जल, जंगल और जमीन की बात करती फ़िल्म 'वन रक्षक '
जगंल को बचाने को काम करता है फारेस्ट गार्ड। सिनेमा कई बार प्रदूषण और जंगल को लेकर चर्चा हुई है। इस बार फारेस्ट गार्ड की कहानी सामने आई है। ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जेएनएन। ग्रीन हाउस गैसों के बेतहाशा उत्सर्जन से पूरी दुनिया का वातावरण आज इतना जहरीला हो चुका है कि आम आदमी साफ़ सुथरी हवा में सांस लेना ही एकदम भूल चुका है। इस प्रदूषण से लड़ने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है जंगल का बचा रहना। अगर जगंल रहेगा, तभी जल और जमीन भी रहेगी। इस जंगल को बचाने को काम करता हैं फारेस्ट गार्ड। सिनेमा कई बार प्रदूषण और जंगल को लेकर चर्चा हुई है। इस बार फारेस्ट गार्ड की कहानी सामने आई है। इसे समाने लेकर आई है फ़िल्म 'वन रक्षक'।
फारेस्ट गार्ड की कहानी
यशपाल शर्मा, आदित्य श्रीवास्तव, राजेश जैश, धीरेंद्र ठाकुर और फ़लक खान जैसे एक्टर्स से सजी फ़िल्म वनरक्षक भी ऐसी की कहानी बंया कर रही है। वन रक्षक फ़िल्म एक फारेस्ट गार्ड की आपबीती है, जो बचपन से ही अपनी धरती मां से प्रेम करता है। इस फ़िल्म में ग्लोबल वार्मिंग और प्रकृति संरक्षण की बात पुरज़ोर तरीके से की गई है। आज के समय में जब पर्यावरण पर पूरी दुनिया में बहस छिड़ी है, 17 वर्षीय 'ग्रेटा थनबर्ग' पर्यावरण संरक्षण के लिए सबसे अपील कर रही हैं, वैसे समय में ऐसी फ़िल्म का बनना अपने आप में ही इसकी महत्ता को साबित करता है।
सच्ची घटना से प्रेरित
इस फ़िल्म को पवन कुमार शर्मा ने डायरेक्ट किया है। पवन कुमार शर्मा की यह फ़िल्म एक स्थानीय फारेस्ट गार्ड चिरंजीलाल चौहान के जीवन पर आधारित है। चिरंजी लाल को अपनी धरती से बहुत प्यार है और पर्यावरण संरक्षण के चलते पेड़ों की रक्षा करने को वह अपना परम कर्तव्य और धर्म समझता है। पूरी फिल्म की कहानी चिरंजीलाल चौहान नामक वन रक्षक के इर्दगिर्द घूमती है जो जंगलों को सुरक्षित रखने की बात कहता है।
हिंदी और हिमाचली में बनी है फ़िल्म
इस फ़िल्म की एक खासियत यह भी है कि यह फिल्म एक साथ दो भाषाओं हिंदी और हिमाचली में बनी है। इस फ़िल्म में हिंदी और हिमाचली कलाकारों मिश्रण है। ऐसे में फ़िल्म हिमाचली लोकल टच देखने को मिलेगा।

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