Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Republic Day 2021: इन फ़िल्मों में की गयी है संविधान से जुड़ी ज़रूरी बात, जानें किसी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हैं उपलब्ध

    By Manoj VashisthEdited By:
    Updated: Tue, 26 Jan 2021 01:36 PM (IST)

    साल 2019 में आयी आयुष्मान खुराना की आर्टिकल-15 संविधान के आर्टिकल 15 को लेकर बात करती है। आर्टिकल 15 कहता है कि राज्य अपने किसी नागरिक के साथ केवल धर्म जाति लिंग नस्ल और जन्म स्थान या इनमें से किसी भी आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।

    Hero Image
    Films talk about constitution of india. Photo- Mid-day

    नई दिल्ली, जेएनएन। 26 जनवरी 2021 को 72वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन देशवासियों के लिए बेहद ख़ास होता है। संविधान को समर्पित इस ख़ास दिन के अवसर पर आइए जानते हैं उन फ़िल्मों के बारे में, जिनमें भारतीय संविधान की किसी धारा को लेकर बात कही गयी है। इसके साथ आपको यह भी बताते हैं कि ये फ़िल्में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आप कहां देख सकते हैं। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ओह माय गॉड

    अक्षय कुमार और परेश रावल अभिनीत फ़िल्म 'ओह माय गॉड' एक अहम मुद्दे पर बात करती है। इस फिल्म में 'एक्ट ऑफ गॉड' पर चर्चा की गई थी। 2012 में आयी इस फ़िल्म का निर्देशन उमेश शुक्ला ने किया था। यह फ़िल्म नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है।

    अलीगढ़

    2016 में आयी हंसल मेहता निर्देशित अलीगढ़ क्रिटिकली सक्सेफुल फ़िल्म है, जिसमें भी धारा 377 की बात की गई थी। समलैंगिकों के अधिकारों री रक्षा के लिए बनी धारा 377 की बात इस फिल्म में की गई। मनोज बाजपेयी और राजकुमार राव ने फ़िल्म में मुख्य भूमिकाएं निभायीं। मनोज का किरदार वास्तविक जीवन से प्रेरित था। यह  जिसमें मनोज वाजपेयी ने एक एलजीबीटीक्यू कम्यूनिटी के शख्स का किरदार निभाया था। यह फ़िल्म भी अमेज़न प्राइम वीडियो पर देखी जा सकती है। 

    न्यूटन

    2017 में आयी राजकुमार राव और पंकज त्रिपाठी की मुख्य भूमिकाओं वाली फ़िल्म न्यूटन में संविधान के अहम अधिकार यानी मतदान के अधिकार पर टिप्पणी करती है। फ़िल्म का निर्देशनअमित वी मासूरकर ने किया था। 90वें ऑस्कर अवॉर्ड समारोह के लिए बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फ़िल्म श्रेणी में फ़िल्म भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के तौर पर भेजी गयी थी। यह फ़िल्म अमेज़न प्राइम वीडियो पर देखी जा सकती है। 

    आर्टिकल 15

    साल 2019 में आयी आयुष्मान खुराना की 'आर्टिकल-15' संविधान के आर्टिकल 15 को लेकर बात करती है। आर्टिकल 15 कहता है कि राज्य अपने किसी नागरिक के साथ केवल धर्म, जाति, लिंग, नस्ल और जन्म स्थान या इनमें से किसी भी आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा। अनुभव सिन्हा निर्देशित फ़िल्म में दुष्कर्म के एक केस के जरिए आर्टिकल 15 की अहमियत को रेखांकित किया गया। यह फ़िल्म आप नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं।

    सेक्शन 375

    अजय बहल निर्देशित सेक्शन 375 भी 2019 में ही आयी थी। मूल रूप से यह एक कोर्ट रूम ड्रामा है, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 375 की अहमियत पर बात की गयी। इस धारा के अनुसार यदि कोई व्यक्ति 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ उसकी सहमति से भी संबंध बनाता है, तो यह अपराध भी दुष्कर्म की श्रेणी में ही माना जाता है। अक्षय खन्ना और ऋचा चड्ढा ने फ़िल्म में वकीलों के किरदार निभाये थे। यह फ़िल्म अमेज़न प्राइम वीडियो पर उपलब्ध है।