The Empire: मुग़लों को लेकर सोशल मीडिया में बहस के बीच डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर बाबर की एंट्री, जानें- शो में क्या है ख़ास
द एम्पायर की कहानी लेखक एलेक्स रदरफोर्ड की किताब एम्पायर ऑफ़ द मुग़ल- रेडर्स फ्रॉम द नॉर्थ के पन्नों से निकली है। शो का निर्माण निखिल आडवाणी ने किया है और निर्देशक मिताक्षरा कुमार हैं। मिताक्षरा संजय लीला भंसाली को असिस्ट करती रही हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारत में मुग़ल साम्राज्य को लेकर अक्सर बहस छिड़ी रहती है। पिछले कुछ अर्से से सोशल मीडिया में इस मुद्दे को लेकर विचारधाराओं के टकराव को देखा जा रहा है। हाल ही में एक इंटरव्यू में निर्देशक कबीर ख़ान ने यह कहकर कि राष्ट्र निर्माण में मुग़लों ने उल्लेखनीय योगदान दिया है, इस बहस को हवा दे दी।
संयोग से इस बहस के बीच डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर द एम्पायर शीर्षक से नया शो 27 अगस्त से आ रहा है, जो भारत में मुग़ल साम्राज्य की नींव डालने वाले जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर के जीवन और जंगों पर आधारित है। हालांकि, मेकर्स इस शो को इतिहास से प्रेरित काल्पनिक बता रहे हैं, मगर बाबर का नाम और मध्ययुगीन भारत का इतिहास इसके लिए दिलचस्पी जगाने के लिए काफ़ी है।
जानकारी के मुताबिक़, द एम्पायर की कहानी लेखक एलेक्स रदरफोर्ड की किताब एम्पायर ऑफ़ द मुग़ल- रेडर्स फ्रॉम द नॉर्थ के पन्नों से निकली है। शो का निर्माण निखिल आडवाणी ने किया है और निर्देशक मिताक्षरा कुमार हैं। मिताक्षरा, संजय लीला भंसाली को असिस्ट करती रही हैं। आइए, जानते हैं कि इस शो में क्या ख़ास है-
द एम्पायर शो की सबसे अहम बात यह है कि यह बाबर के उस दौर के बारे में बताएगा, जब वो मुग़ल साम्राज्य का बादशाह नहीं था और उसकी ज़िंदगी शैबानी ख़ान ने मुश्किल बना रखी थी। जैसा कि ट्रेलर में दिखाया गया था, शैबानी ख़ान से पार पाना बाबर के बस की बात नहीं थी। बाबर के किरदार में कुणाल कपूर हैं, जबकि शैबानी ख़ान का किरदार डीनो मोरिया निभा रहे हैं।
यह शो शासन चलाने में महिला किरदारों की निर्णायक भूमिका पर भी रौशनी डालेगा। शबाना आज़मी बाबर की नानी बेगम एसान दौलत के रोल में हैं, जबकि दृष्टि धामी बाबर की बहन खानज़ादा का किरदार निभा रही हैं। शबाना और दृष्टि, दोनों का यह डिजिटल डेब्यू है।
द एम्पायर की एक ख़ासियत इसका प्रोडक्शन है। ट्रेलर से शो काफ़ी भव्य और विहंगम लग रहा है। शो के बड़े हिस्से की शूटिंग उज़बेकिस्तान में हुई है, जहां बाबर के पिता उमर शेख का राज्य था। शो में हाथी-घोड़ों और तलवारों की जंग के कई बेहतरीन दृश्य देखने को मिल सकते हैं।
इस शो में वीएफएक्स का भी बेहतरीन इस्तेमाल होने की पूरी सम्भावना है, क्योंकि इतिहास के जिस दौर में यह शो लेकर जाता है, वहां क़िले, महल और जंग के दृश्य वीएफएक्स के बिना सम्भव नहीं हैं। द एम्पायर में 10 एपिसोड्स हैं। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सम्भवत: यह पहला भारतीय हिस्टोरिकल फिक्शन शो है, जिसे इतने बड़े स्केल पर बनाया गया है।