Move to Jagran APP

Sardar Udham Interview: पढ़े-लिखे लोग भी नहीं जानते 'जनरल डायर' और 'गवर्नर डायर' का फर्क- शूजित सरकार, निर्देशक

Sardar Udham Interview वास्तविक जीवन में शहीदे-आज़म सरदार भगत सिंह के फैन शूजित अब महान क्रांतिकारी सरदार ऊधम सिंह के जीवन की घटनाओं पर आधारित फ़िल्म सरदार ऊधम के साथ हाज़िर हैं। क्की कौशल सरदार ऊधम के शीर्षक किरदार में हैं।

By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthPublished: Mon, 11 Oct 2021 10:58 AM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 10:58 AM (IST)
Sardar Udham Interview: पढ़े-लिखे लोग भी नहीं जानते 'जनरल डायर' और 'गवर्नर डायर' का फर्क- शूजित सरकार, निर्देशक
Shoojit Sircar director of Sardar Udham. Photo- Jagran

मनोज वशिष्ठ, नई दिल्ली। शूजित सरकार की गिनती बॉलीवुड के संवेदनशील, सचेत और सतर्क निर्देशकों में होती है। विक्की डोनर, पीकू, अक्टूबर और गुलाबो सिताबो जैसी फ़िल्मों के लिए शूजित ने हल्के-फुल्के अंदाज़ में मानवीय रिश्तों और संवंदनाओं को उकेरा तो पिंक जैसी फ़िल्म का निर्माण करके उन्होंने मुद्दापरक सिनेमा के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी पूरी की। वास्तविक जीवन में शहीदे-आज़म सरदार भगत सिंह के फैन शूजित अब महान क्रांतिकारी सरदार ऊधम सिंह के जीवन की घटनाओं पर आधारित फ़िल्म सरदार ऊधम के साथ हाज़िर हैं।

loksabha election banner

मद्रास कैफे के ज़रिए देश के राजनीतिक इतिहास का एक चैप्टर दिखाने वाले शूजित की सरदार ऊधम पहली फ़िल्म है, जिसकी कहानी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के काल में स्थापित है। यह फ़िल्म 16 अक्टूबर को अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ हो रही है। विक्की कौशल सरदार ऊधम के शीर्षक किरदार में हैं। पेश हैं शूजित से जागरण डॉटकॉम के डिप्टी एडिटर मनोज वशिष्ठ की बातचीत के अंश-

स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर हिंदी सिनेमा में फ़िल्में बनती रही हैं। सरदार ऊधम सिंह पर फ़िल्म बनाने का ख़्याल आपके ज़हन में पहली बार कब और क्यों आया? 

मैं और मेरे जो दोनों लेखक दोस्त हैं, शुभेंदु भट्टाचार्य और रितेश शाह, हम लोग काफ़ी दिनों से जुड़े हैं, थिएटर के दिनों से ही। यह विषय शुरू से ही ज़हन में था। स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब का जो योगदान है, उससे हम सब वाकिफ़ हैं हीं और कहीं ना कहीं प्रभावित भी। मुझे फ्रीडम मूवमेंट पर तो फ़िल्म बनानी ही थी और ख़ास तौर पर सरदार ऊधम पर, क्योंकि कहीं ना कहीं वो जलियांवाला बाग की घटना से भी जुड़े थे।

 

 

 

 

View this post on Instagram

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

A post shared by @shoojitsircar

दुनिया में उन्होंने जिस तरह से ट्रैवल किया और जिस नज़रिए से दुनिया को देखा, जिस तरह से उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत तक अपनी आवाज़ पहुंचाने की कोशिश की। वो दिखाना था। विद्रोह करने का उनका तरीका अलग था। मुझे लगा, वो लोगों तक पहुंचना चाहिए, क्योंकि बहुत कम लोग उनके बारे में जानते हैं। लोग तो उनके बारे में यह भी नहीं जानते कि उन्होंने किसको मारा था? सब सोचते हैं कि उन्होंने जनरल डायर (जलियावाला बाग नरसंहार के लिए ज़िम्मेदार) को मारा था। अच्छे-खासे पढ़े-लिखे लोगों को भी जनरल डायर और गवर्नर डायर के बारे में अंतर नहीं मालूम है। यह सब बातें थीं, तो मुझे लगा कि फ़िल्म बनानी चाहिए।

फ़िल्म की शूटिंग कहां-कहां हुई और उस दौर के कालखंड को दिखाना कितना मुश्किल रहा?

सरदार उधम काफ़ी ट्रैवल करते थे। यूरोप में तो काफ़ी किया था तो यूरोप में कई जगह हमने शूट किया है। मुख्य रूप से रूस में शूटिंग हुई है। वहां, हमने उस दौर का पुनर्निमाण करने की कोशिश की। उस दौर के लंदन को बनाया है। बाकी इंडिया वाले हिस्से की शूटिंग अमृतसर में हुई है। आज कल के दौर में विजुअल इफेक्ट्स की ज़रूरत तो पड़ती ही है। दृश्यों को इस तरह गढ़ा गया है कि वास्तविकता के नज़दीक लगें, ताकि जब दर्शक फ़िल्म को देखे तो लगे कि वो वहीं पर मौजूद है। 1930 और 1940 का दौर दिखाना बहुत मुश्किल रहा, क्योंकि यह ऐसा पीरियड है, अगर उसको विश्वसनीय नहीं बनाते तो बाकी चीज़ें बहुत फेक हो जाती हैं। कोशिश वही की है, जितना हो सके वास्तविकता के करीब ले जाएं।

सरदार भगत सिंह की इस फ़िल्म में क्या भूमिका रहेगी?

सरदार ऊधम के जीवन की यात्रा सरदार भगत सिंह के बिना पूरी नहीं हो सकती। भगत सिंह का उनके जीवन पर बहुत प्रभाव था। वो उनको गुरु भी मानते थे। सरदार ऊधम भगत सिंह को कैसे देखते थे, फ़िल्म में वो दिखाया गया है। मैं भगत सिंह को किस तरह देखता हूं, आप भगत सिंह को किस तरह देखते हैं... यह उन सबसे अलग टेक है।

 

 

 

 

View this post on Instagram

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

A post shared by Vicky Kaushal (@vickykaushal09)

क्या सरदार ऊधम सिंह के निजी जीवन के प्रसंग भी देखने को मिलेंगे?

जलियांवाला बाग नरसंहार के बाद से सरदार ऊधम किस मानसिक स्थिति में थे, उसको हमने इस फ़िल्म में रेखांकित करने और उभारने की कोशिश की है। उन्हें जानने के लिए मुझे जितना हिस्सा ज़रूरी लगा, उतना ही फ़िल्म में रखा है।

विक्की कौशल को इस किरदार में लेने के पीछे कोई ख़ास वजह रही?

विक्की पंजाब से हैं, सबसे पहला कारण। विक्की से जब हम शुरू में बात करते थे तो उसे कुछ चीज़ें समझ में आती थीं। जो ऐतिहासिक पहलू हैं और क्या-क्या उनके परिणाम हैं। यह सिर्फ़ समझना ज़रूरी नहीं, बल्कि उस चीज़ को अपने एक्सप्रेशंस में लाना भी उतना ही ज़रूरी है। अपनी आंखों में उसे लेकर आना। सरदार ऊधम बहुत ज़्यादा बोलते भी नहीं थे। आपने ट्रेलर में भी देखा होगा कि काफ़ी साइलेंसेज़ भी हैं। ये सब चीज़ें तीं तो मुझे लगा कि विक्की कर पाएगा। मसान में हम विक्की का अभिनय देख चुके हैं। फिर उम्र का दो-तीन जगह जो उतार-चढ़ाव है, उसमें विक्की को ढालना आसान था। 25 का भी लग सकता है, 30 का और 39 का भी, जिस उम्र में सरदार ऊधम शहीद हुई थे। विक्की ने बहुत आसानी से यह किया है। 

क्या आपको ऐसा लगता है कि ओटीटी प्ले़टफॉर्म पर फ़िल्मों के रिलीज़ होने से सिनेमाघर में दर्शकों की संख्या घट रही है या भविष्य में ऐसा संभव है, क्योंकि दर्शक अब ओटीटी पर फ़िल्म के आने का इंतज़ार करता है?

आपने जो कहा, वो कहीं ना कहीं, सच भी है। कुछ लोग डिसाइड ही कर लेते हैं कि यह फ़िल्म ओटीटी पर देखूंगा। मैं पिछले 18 महीने की बात ही कर रहा हूं। लॉकडाउन की वजह से जो एक बिहेवियर पैटर्न आया है। चाहे वो फ़िल्म हो या खेल देखने का हो। कुछ फ़िल्में हैं, जब सब खुल जाएगा तो लोग सिनेमाघरों में देखने ज़रूर जाएंगे और कुछ फ़िल्में वो शायद घर पर बैठकर ही देखना चाहेंगे। अभी यह देखना है कि लोगों का पैटर्न कैसा रहता है। मुझे उम्मीद है कि दोनों माध्यम साथ-साथ चल सकेंगे। 

आख़िरी सवाल, सरदार ऊधम सिंह की किस ख़ूबी ने आपको सबसे अधिक प्रभावित किया है?

सरदार ऊधम ने अपने विचारों को कहीं किसी पर थोपा नहीं। अपने तक रखा। जहां मौक़ा मिला, उन्होंने अपने विचार रखे। बहुत साधारण और आम आदमी जैसे क्रांतिकारी थे। उनके किरदार में कोई मिस्ट्री है, जिसे बयान करना मुश्किल है, उसने मुझे बहुत प्रभावित किया। उनकी ज़िंदगी के बारे में भी लोगों को ज़्यादा कुछ मालूम नहीं है, इस बात ने भी मुझे फ़िल्म बनाने के लिए प्रेरित किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.