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    Rana Naidu Season 2 Review: राणा का वही पुराना रण, क्यों दमदार नहीं बन पाया ये सीजन? पढ़ें रिव्यू

    Updated: Fri, 13 Jun 2025 05:18 PM (IST)

    Rana Naidu Season 2 साल 2023 में आई एक्शन ड्रामा सीरीज राणा नायडू लोगों को बेहद पसंद आई थी। सीरीज में राणा दग्गुबाती से लेकर वेंकटेश और सुशांत सिंह हर किरदार ने अपने-अपने किरदार को बखूबी से निभाया था। अब दो साल बाद इस सीजन की कहानी आगे बढ़ी है और इसका सेकंड पार्ट आया है लेकिन पहले पार्ट की तरह ये पावरफुल है या नहीं यहां पर पढ़ें रिव्यू

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    राणा नायडू सीजन 2 रिव्यू/ फोटो- IMDb

    स्मिता श्रीवास्‍तव, मुंबई। अमेरिकी क्राइम थ्रिलर सीरीज रे डोनोवन की हिंदी रीमेक राणा नायडू की कहानी राणा (राणा दग्गुबाती) की है, जो मुंबई के अमीर और मशहूर लोगों की समस्याओं को अवैध से तरीकों से सुलझाता है। इसे ऐसे कर दो इंट्रो में। उसकी प्राथमिकता उसका परिवार और उनकी खुशियां होती हैं।

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    साल 2023 में आए पहले सीजन में राणा का अपने दो भाइयों तेज नायडू (सुशांत सिंह) और जफा (अभिषेक बनर्जी) के साथ जुड़ाव और उनकी जिंदगी के उतर चढ़ाव के साथ उसके पिता नागा (वेंकटेश डग्‍गूबाती) के अतीत से उसके वर्तमान जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव की जटिलताओं को दर्शाया गया था। 

    क्या है राणा नायडू सीजन 2 की कहानी?

    सीजन 2 की शुरुआत राणा के बेटे अनि (माधव ढींगरा) के अपहरण से होती है। गोवा ले जाए गए अनि को रिहा कराने में राणा कामयाब होता है। उसके पीछे जेल में बंद गैंगस्‍टर रऊफ (अर्जुन रामपाल) के गुर्गे का हाथ होता है। ओबेरॉय स्‍टूडियो का मालिक विराज ओबेरॉय (रजत कपूर) राणा को अपने साथ जोड़ता है। विराज की बेटी आलिया (कृति खरबंदा) आइपीएल सरीखी लीग में मुंबई क्रिकेट टीम खरीदना चाहती है। उसका भाई चिराग (तनुज विरवानी) उसमें आड़े आता है।

    विराज को अंधेरे में रखकर राणा आलिया से हाथ मिलाने की साजिश रचता है और सौदे का पांच प्रतिशत हासिल करने में कामयाब हो जाता है, जो 500 करोड़ रुपये के बराबर है, इस प्रकार वह अपने परिवार के भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने में सक्षम हो जाता है। उधर, राजनेता ओ बी महाजन (राजेश जायस) की मदद से रऊफ जेल से बाहर आता है। रऊफ निर्विरोध चुनाव जीतना चाहता है। वह अपने प्रतिद्वंद्वी महाजन को हटाना चाहता है जो कभी राणा का सरपरस्त रहा होता है। इस बीच निजी रिश्‍तों में अविश्‍वास और तनाव के चलते पत्‍नी नैना का झुकाव नवीन (डिनो मारिया ) की ओर हो जाता है। बाद में पता चलता है कि नवीन पुलिस अधिकारी है।

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    Photo Credit- Instagram

    उधर राणा की बेटी नित्‍या (अफरा सईद) की आंखों के सामने सनकी और निर्मम रऊफ उसके ब्‍वायफ्रेंड की हत्‍या कर देता है। नित्‍या उसकी चश्‍मदीद गवाह है। नवीन, ओबेरॉय परिवार और रऊफ तीनों राणा के गले की फांस बने हैं। अब राणा खुद को और अपने परिवार को कैसे सुरक्षित रखेगा? कहानी इस संबंध में हैं। 

    किरदार नहीं छोड़ पाए अपना प्रभाव 

    इस बार करण अंशुमन, सुपर्ण वर्मा के साथ अभय चोपड़ा ने भी निर्देशन की कमान संभाली है। मूल शो की तरह इस बार भी परिवार की सुरक्षा, विश्वासघात, मारधाड़ और खून खराबा है। हालांकि मूल शो में सेक्‍स, हिंसा और अभद्र भाषा के प्रयोग को लेकर हुई आलोचना के बाद इस बार यह नियंत्रित है। इस बार यहां पर बहुत सारी अराजकता, कोलाहल और तबाही है, लेकिन वह प्रभावशाली नहीं बन पाया है। नागा के बेहूदा और विचित्र वन-लाइनर्स में भी कटौती है। इस बार यह कहानी पारिवारिक प्रतिशोध में बदल गई है।

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    Photo Credit- Instagram

    ओबेरॉय परिवार के आपसी मतभेद और तनातनी ठोस नहीं बन पाई है। आलिया और उसके पति के संबंधों को भी समुचित तरीके से एक्‍सप्‍लोर नहीं किया गया है। राणा से जुड़ी बातों को जानने के लिए नवीन को महाजन ने नैना के पीछे लगाया होता है, लेकिन बाद में नवीन जिस प्रकार राणा को फंसाने की कोशिश करता है वह बचकाना लगता है। नैना और नवीन के संबंधों का पता चलने पर राणा का चुप रहना अपच है। हालांकि, रऊफ का पात्र उस भयावहता को स्‍थापित नहीं कर पाता जैसे संवादों में बताया गया है।

    गैंगस्‍टर अंजलि (हिबा शाह) का पात्र भी अधकच्‍चा है। रऊफ और उसकी रंजिश का एंगल बहुत कमजोर है। कुछ दृश्‍य अच्‍छे बन पड़े हैं। मसलन राणा का अपने बेटे की जन्‍मदिन पार्टी के बाद डांस करना। शो का आकर्षण इस बार भी नागा हैं।  एक्‍शन भी भरपूर है लेकिन उसमें कोई नयापन नहीं है।

    अभिषेक बनर्जी ने अपने किरदार में फूंकी जान

    कलाकारों की बात करें तो राणा के संघर्ष, द्वंद्व और खामोशी को राणा दग्गुबाती सहजता से अंगीकार करते दिखते हैं। नैना की भूमिका में सुरवीन चावला को ग्‍लैमर से लेकर इमोशन तक सभी भावों को जीने का पूरा मौका मिला है। उसमें वह खरी उतरती हैं। डिनो मारिया खास प्रभाव नहीं छोड़ते हैं। स्क्रिप्‍ट के दायरे में वेंकटेश डग्‍गूबाती ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया है। तनुज विरवानी और कृति खरबंदा अपने सीमित स्क्रीन समय में चमकते हैं।

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    अभिषेक बनर्जी ने अपने किरदार के सुर को बनाए रखा है। सीरीज के अंत में अगले सीजन का साफ संकेत है। खलनायक रऊफ अपने दुश्मनों को पीटने के लिए क्रिकेट बैट का इस्तेमाल करता है। एक दृश्‍य में वह कहता है कि स्ट्रेट ड्राइव उसका पसंदीदा स्ट्रोक है, लेकिन वह और राणा नायडू सीजन 2 इस स्‍ट्रोक में कमजोर साबित होते हैं।