श्रीदेवी की बेटी का किरदार निभा चुकी इस पाकिस्तानी एक्ट्रेस का नया शो ज़ी5 पर, जानें- कब होगा रिलीज़
इस शो में पाकिस्तान की ख़ूबसूरत अदाकारा सजल अली और एक्टर अहद रजा मीर मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह पाकिस्तान में निर्मित एक क्रॉस बॉर्डर लव स्टोकी है। धूप की दीवार की कहानी प्यार परिवार और समझौतों पर आधारित है।
नई दिल्ली, जेएनएन। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ज़ी5 पर ज़िंदगी ऑरिजिनल के तहत एक नयी सीरीज़ धूप की दीवार आ रही है। इस शो में पाकिस्तान की ख़ूबसूरत अदाकारा सजल अली और एक्टर अहद रजा मीर मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह पाकिस्तान में निर्मित एक क्रॉस बॉर्डर लव स्टोकी है। शो 25 जून से प्लेटफॉर्म पर देखा जा सकता है। धूप की दीवार की कहानी प्यार, परिवार और समझौतों पर आधारित है।
सजल पाकिस्तानी की जानी-मानी अदाकारा हैं, वहीं हिंदी सिनेमा में उन्हें श्रीदेवी की आख़िरी फ़िल्म मॉम के लिए जाना जाता है, जिसमें सजल ने श्रीदेवी की बेटी का रोल निभाया था। धूप की दीवार का लेखन उमेरा अहमद का है, जबकि हबीबी बसन ने निर्देशित किया है। शो 'हार्ट ओवर हेट' के संदेश को बढ़ावा देता है।
क्या है कहानी
वेब सीरीज़ दो परिवारों की शहादत और युद्ध के असर को रेखांकित करती है और संदेश देती है कि शांति ही हर सवाल का जवाब है। इस सीमा पार की प्रेम कहानी में अहद रज़ा मीर ने भारत के विशाल का किरदार द्वारा निभाया गया है, जबकि सजल पाकिस्तानी सारा के किरदार में हैं।
दोनों युद्ध में अपने पिता को खो देने के बाद अपने जीवन को आपस में जुड़ा हुआ पाते हैं और उनका एक जैसा दर्द उनकी दोस्ती की बुनियाद बनता है। सामिया मुमताज़, ज़ैब रहमान, सवेरा नदीम, समीना अहमद, मंज़र सेहबाई, रज़ा तालिश, अली ख़ान, अदनान जफ़र जैसे दमदार कलाकार प्रमुख किरदारों में नज़र आएंगे। यह शो मोशन कंटेंट ग्रुप और हमदान फिल्म्स द्वारा निर्मित है।
धर्म या देश कोई हो, दुख एक जैसा है
धूप की दीवार के बारे में बात करते हुए, निर्देशक हसीब हसन ने कहा, “धूप की दीवार सीमाओं, धर्म और सामाजिक पूर्वाग्रहों से परे सकारात्मकता का प्रतिविम्ब है। शो का एकमात्र सार इसकी कथा की सादगी में निहित है। शो में सीमा पार प्रेम कहानी जैसे विषय को अलग तरीके से पेश किया गया है और इसमें शांति, सद्भाव और जीवन के आनंद का संदेश देता है।”
लेखक उमेरा अहमद ने कहा, “धूप की दीवार मेरे दिल के बहुत करीब है। कहानी के लिए मेरी प्रेरणा एकमात्र इस विचार से उपजी है कि आप जिस भी देश या धर्म के हैं, दिन के अंत में दुःख हर जगह एक जैसा है और यह आपसे और मुझसे बहुत बड़ा है। यह प्यार, दुख और नुकसान की कहानी है जिससे सीमा पार और विदेशों में लोग मानवीय स्तर पर जुड़ा महसूस कर सकते हैं।”