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    Taj Mahal 1989 In Five Points: कहानी, किरदार और प्यार के लिए देख सकते हैं नेटफ्लिक्स की नई वेब सीरीज़

    By Rajat SinghEdited By:
    Updated: Tue, 18 Feb 2020 12:03 PM (IST)

    Taj Mahal 1989 In Five Points टिंडर फेसबुक और ट्विटर के बिना 1889 के पल रहे प्यार की कहानी को दिखाती वेब सीरीज़ के पांच ऐसे प्वाइंट हैं जो इसे देखने लायक बनाते हैं।

    Taj Mahal 1989 In Five Points: कहानी, किरदार और प्यार के लिए देख सकते हैं नेटफ्लिक्स की नई वेब सीरीज़

    नई दिल्ली, जेएनएन। नेटफ्लिक्स रॉमकॉम वेब सीरीज़ 'ताजमहल 1989' शुक्रवार को रिलीज़ हो गई। 'जामताड़ा सबका नंबर आएगा' के बाद यह एक और अच्छी वेब सीरीज़ है, जिसे देखा जा सकता है। इस वेब सीरीज़ को टिपिंग फ़िल्म और नेटफ्लिक्स ने मिलकर बनाया है। इसे पुष्पेंद्र नाथ मिश्रा ने डायरेक्ट किया है। टिंडर, फेसबुक और ट्विटर के बिना '1889' में पल रहे प्यार की कहानी को दिखाती वेब सीरीज़ के पांच ऐसे प्वाइंट हैं, जो इसे देखने लायक बनाते हैं। आइए जानते हैं-

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    1.कहानी- वेब सीरीज़ की कहानी नॉर्मल प्यार की कहानियों से हटकर है। इसमें साल 1989 में लखनऊ विश्वविद्यालय के कैंपस में पल रहे कई प्यार के किस्से दिखाए गए हैं। मुख्य रूप से दो कहानियां हैं, जो एक साथ चलती हैं। एक ओर फिलॉस्फ़ी के प्रोफेसर अख्त़र बेग और उनकी बीबी प्रोफेसर सरिता का प्यार है। वहीं, दूसरी ओर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे नेता और भौतिक विज्ञान की स्टूडेंट्स रश्मि का प्यार। कहानी बिलकुल हवा-हवाई सपने नहीं दिखाती, बल्कि उन मुद्दों पर बात करती है, जो उस समय से लेकर आज तक प्यार करने वालों को समझ में नहीं आए। 

    2. स्क्रीनप्ले- वेब सीरीज़ की दूसरी ख़ासियत है इसका स्क्रीनप्ले। वेब सीरीज़ में एक साथ पांच से छह कहानियां एक साथ चल रही हैं। कई अलग-अलग प्लॉट है और सब प्लॉट भी हैं। हालांकि, इसे ऐसा लिखा गया है कि यह एक दूसरे से जुड़े रहते हैं और कहीं भी बोर नहीं करते। स्क्रीनप्ले को गढ़ने के लिए नरेशन का भी इस्तेमाल किया गया है, जो उसके किरदारों ने बीच-बीच में समय के अनुसार किया है। 

    3. एक्टिंग- वेब सीरीज़ के सभी किरदारों ने अपने हिस्से का किरदार काफी आसानी से निभाया है। प्रोफेसर अख़्तर बेग का किरदार निभाने वाले नीरज कबी, उनकी पत्नी सरिता का किरदार निभा रही गीतांजलि कुलकर्णी और अनुद सिंह ने काफी दमदार एक्टिंग की है। गीतांजली कुलकर्णी इससे पहले भी 'गुल्लक' जैसी वेब सीरीज़ में ऐसी महिला के किरदार में छा चुकी हैं। उनको बार-बार देखने का मन करता है। 

    4. क्लाइमेक्स- इस वेब सीरीज़ का क्लामेक्स कोई स्पेशल नहीं है। लेकिन वेब सीरीज़ की शुरुआत में प्यार को लेकर जो माइंडसेट बनाया जाता है, वह अंत में बिलकुल बदल जाता है। इस वेब सीरीज़ का क्लाइमेक्स भी इसे देखने लायक बनाता है। 

    5. डायरेक्शन- वेब सीरीज़ की कहानी और किरदारों को पुष्पेंद्र नाथ मिश्रा ने अपने डायरेक्शन से बांध कर रखा है। हर एपिसोड के बाद एक किस्म रोमांच हैं, जो उसके अगले एपिसोड तक ले जाने के लिए मजबूर करता है। वेब देखने की पीछे एक वजह डायरेक्शन भी हो सकता है।