Delhi Crime 3: 'महिलाओं की बहस में...', शेफाली शाह असल जिंदगी में खुद को रखती हैं इन मुद्दों से दूर
दिल्ली क्राइम सीजन 3 के साथ एक बार फिर से शेफाली शाह डीआईजी वर्तिका चतुर्वेदी बनकर लौट आई हैं, जो इस बार मानव तस्करी के केस को सुलझाते हुए नजर आएंगी। सीरीज में लड़कियों को बचाने के लिए लड़ रहीं एक्ट्रेस शेफाली शाह ने बताया कि असल जिंदगी में वह किन मुद्दों से खुद को कोसों दूर रखना पसंद करती हैं।

दिल्ली क्राइम सीजन 3 के बारे में शेफाली शाह ने की बात/ फोटो- Instagram
प्रियंका सिंह, मुंबई। मैडम सर बनकर एक बार फिर नेटफ्लिक्स पर दिल्ली क्राइम वेब सीरीज के तीसरे सीजन में लौट आई हैं अभिनेत्री शेफाली शाह। पात्र से जुड़ाव व अपना दृष्टिकोण उन्होंने साझा किया।
दिल्ली क्राइम शो की जिम्मेदारी शेफाली के कंधों पर है। वह डीआइजी वर्तिका चतुर्वेदी के रोल में हैं, जो पुरुषों के बीच अपनी दमदार जगह बनाकर चलती हैं। हालांकि शेफाली वास्तविक जीवन में ऐसी किसी बहस में नहीं पड़ना चाहती हैं, जहां महिला-पुरुष के बीच असमानता की बात हो।
मुझे श्रेष्ठ बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है
शेफाली कहती हैं कि दिल्ली क्राइम 3 शो की कास्ट में पावरफुल अभिनेत्रियां हैं, यहां पावर से मेरा मतलब केवल प्रतिभा से है, लेकिन यह पर्दे की बात है, वास्तविक दुनिया की बात करें तो मुझे श्रेष्ठ बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है। क्यों साबित करना है कि महिलाएं, पुरुषों से ज्यादा हिम्मती हैं। मैं यही मानती हूं कि जियो और जीने दो। आज महिलाओं को लेकर बहस हो रही है, कल को इस पर बात होगी कि पुरुषों को क्यों पीछे रखा जा रहा है। क्यों न हम साथ में अपने-अपने रास्तों पर चलें।
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हाइवे पर दूसरे शो की होर्डिंग देखकर हुई थीं खुश
शो में शेफाली के पात्र को मैडम सर कहकर बुलाया जाता है। शेफाली इससे जुड़ा एक किस्सा सुनाती हैं कि जब पहला सीजन आया था, उस दौरान मैं कहीं जा रही थी। हाइवे पर एक धारावाहिक की होर्डिंग लगी थी, जिसका नाम ही मैडम सर था। यह देखकर अच्छा लगा था। मैंने अपनी बहन से कहा कि बहुत कम ऐसे आइकॉनिक पात्र होते हैं, जो नए शो के लिए प्रेरणा बन पाएं।
उन्होंने आगे कहा, "जब इस शो के सेट पर जाती हूं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इस रोल को निभाने का दबाव होता है। मैं स्वयं अपना काम नहीं देखती हूं, क्योंकि फिर मुझे उसमें कमियां नजर आती हैं। मैंने शो के बाकी कलाकारों से पूछा तो प्रतिक्रिया अच्छी मिली।
सीरीज में मेकअप से बच गई थीं शेफाली शाह
शेफाली आगे कहती हैं कि इस रोल की सबसे अच्छी बात मेरे लिए यही थी कि सुंदर लगने का कोई दबाव ही नहीं था। कैमरा चेहरे के बहुत नजदीक आ रहा था, मैं अपनी त्वचा, आंखों के नीचे काले घेरे के साथ सहज थी। वर्तिका के पास उतनी ऊर्जा और समय नहीं है कि वह मेकअप करे। मैं तो बहुत सहज थी कि नहाकर सेट पर आ जाओ, बस हो गया। हालांकि ऐसा हर रोल के साथ संभव नहीं है। रोल के अनुसार मेकअप करना कलाकारों के लिए जरूरी काम होता है। वास्तविक जीवन में मैं बहुत मेकअप नहीं करती।
मैं आम महिला हूं। मेरी तैयारी लुक से ज्यादा स्क्रिप्ट को लेकर होती है, जिसे बार-बार पढ़ती हूं, समझती हूं और जब कैमरा शुरू होता है तो सब भूलकर केवल पात्र बन जाती हूं। मैं एक्शन और कट के बीच में ही रहती हूं। मैं भले ही तैयारी के साथ सेट पर आती हूं, लेकिन कैमरे के सामने जो करती हूं, वह उसी समय, उसी पल में होता है।

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