Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Gadar 2 से हिंदी सिनेमा में डेब्यू कर रही हैं Simrat Kaur, कभी मां की गोद में बैठकर देखी थी गदर की शूटिंग

    By Jagran NewsEdited By: Mohammad Sameer
    Updated: Wed, 09 Aug 2023 05:07 AM (IST)

    बकौल सिमरत ‘मेरा सपना हीरोइन बनने का नहीं था। मैं तो खेल से जुड़ी हुई थी। कालेज में थी जब एक फिल्म की कास्टिंग के लिए काल आ गया था। वहां से सफर शुरू हुआ। मैंने बहुत से आडिशन दिए जिसमें सबसे बड़ा आडिशन गदर 2 का रहा। उससे पहले कई बार रिजेक्शन्स मिले। रिजेक्शन के तनाव से निपटने में मेरी मदद खेल ने की।

    Hero Image
    Gadar 2 से से हिंदी सिनेमा में डेब्यू कर रही हैं Simrat Kaur (file photo)

    कई बार जो सोचा नहीं होता है, जीवन में वह हो जाता है। अभिनेत्री सिमरत कौर के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। फिल्म गदर 2 से सिमरत बालीवुड में कदम रख रही हैं। यह फिल्म साल 2001 में रिलीज हुई फिल्म गदर : एक प्रेमकथा की सीक्वल हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आडिशन के जरिए सिमरत को इस फिल्म में काम मिला। एक मजेदार किस्सा सुनाते हुए दैनिक जागरण से बातचीत में सिमरत कहती हैं कि मेरी मम्मी अमृतसर से हैं। वह बताती हैं कि जब गदर : एक प्रेमकथा की शूटिंग वहां पर हो रही थी, तो वह मुझे गोद में लेकर शूटिंग देखने गई थीं। अब मैं गदर 2 की हीरोइन हूं।

    टीवी पर गदर फिल्म कई बार देखी है। मैं निकला गड्डी लेके... गाना मेरा पसंदीदा है। साल 2021 में इंस्टाग्राम पर मैंने इस गाने पर अपनी एक स्टोरी भी साझा की थी। तब तक मुझे इस फिल्म के आडिशन के लिए कोई काल नहीं आया था। सिमरत आगे बताती हैं कि उन्हें तो यह भी नहीं पता नहीं था कि वह कभी अभिनेत्री बनेंगी।

    खेल से जुड़ी हुई थी

    बकौल सिमरत, ‘मेरा सपना हीरोइन बनने का नहीं था। मैं तो खेल से जुड़ी हुई थी। कालेज में थी, जब एक फिल्म की कास्टिंग के लिए काल आ गया था। वहां से सफर शुरू हुआ। मैंने बहुत से आडिशन दिए, जिसमें सबसे बड़ा आडिशन गदर 2 का रहा। उससे पहले कई बार रिजेक्शन्स मिले। रिजेक्शन के तनाव से निपटने में मेरी मदद खेल ने की। मैं कराटे में ब्लैक बेल्ट रही हूं।

    कई चैंपियनशिप खेली है। खेल में हर बार जीत नहीं होती है। आप कई मैच हार भी जाते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि आपका करियर वहां खत्म हो गया है। इसका मतलब होता है कि आपको और मेहनत करनी है। खेल ने हमेशा मेरी मदद की है। हालांकि कई बार इंसान होने के नाते यह भी लगता है कि इतना समय इंडस्ट्री में हो गया है, कुछ हो नहीं रहा है, तो छोड़ देना चाहिए, लेकिन फिर अंदर का खिलाड़ी कहता था कि हार नहीं माननी है।