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    टीवी एक्ट्रेस रतन राजपूत का छलका दर्द, कहा- मदद के लिए लगाई गुहार लेकिन वह लड़का मुझे जंगल में घसीटता हुआ...

    By Tanya AroraEdited By:
    Updated: Wed, 10 Aug 2022 11:07 AM (IST)

    अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो से घर-घर में मशहूर हुईं टीवी एक्ट्रेस रतन राजपूत ने हाल ही में एक ब्लॉग शेयर किया। इस ब्लॉग में रतन राजपूत ने अपने पहले फोन लेने और अपने साथ दिल्ली में होने वाले दर्दनाक हादसे के बारे में शयेर किया।

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    tv actress ratan raajputh share about her dark incident when she bought her first phone. Photo Credit- Instagram

    नई दिल्ली, जेएनएन। 'अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो' से घर-घर में मशहूर हुईं टीवी एक्ट्रेस रतन राजपूत पिछले 2 साल से छोटे परदे से दूर है। वह लास्ट बार सीरियल 'संतोषी मां' शो में नजर आई थीं। रतन राजपूत भले ही टीवी पर कम नजर आ रही हों, लेकिन सोशल मीडिया और ब्लॉग्स के जरिए लगातार अपने फैंस के साथ जुड़ी रहती हैं। रतन राजपूत अपना अधिकतर समय पटना अपने घर पर बिताती हैं। रतन अपने यू-ट्यूब पर अक्सर अपनी पुरानी यादों को ताजा करती हैं। हाल ही में रतन राजपूत ने अपनी पुरानी जिंदगी से जुड़ा एक ऐसा किस्सा शेयर किया, जिसे सुनने के बाद आपकी आंखें नम हो जाएंगी और आपकी रूह तक कांप जाएगी।

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    पटना से दिल्ली जाते हुए रतन राजपूत के साथ हुआ था हादसा

    टीवी एक्ट्रेस रतन राजपूत ने अपने ब्लॉग की शुरुआत अपना नया फोन खरीदने जाने की खुशी के साथ की। लेकिन इस बीच रतन राजपूत को वह समय याद आ गया जब उन्होंने अपना पहला फोन खरीदा था और पटना से दिल्ली जाते हुए उनके साथ एक दर्दनाक घटना घटी थी। रतन राजपूत ने कहा, 'अपने परिवार में सबसे पहला मोबाइल मैंने खरीदा था, जोकि मैंने दिल्ली से लिया था, जिसकी कीमत साढ़े चार हजार थी। यह घटना उस समय की है जब मैं पटना से दिल्ली गई थी और ड्रामा क्लास खत्म कर मैं खिड़की से मंडी हाउस लौट रही थी। जब मैं बस में बैठी और फोन निकाल कर घर पर बात कर रही थी तो मुझे लगा कोई मेरा फोन खींच रहा है। थोड़ी देर तो मुझे समझ नहीं आया, एक लड़का सबके सामने मेरा फोन छीन रहा है लोग वहां से गुजर रहे हैं, लेकिन वह सिर्फ देख रहे हैं। मैं चीख रही हूं, बचाओ। लोगों से मदद मांग रही हूं, लेकिन सब बस देख के जा रहे हैं।

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    रतन ने कहा लड़का हाथ पकड़ कर बुरी तरह से घसीटने लगा

    रतन ने अपने साथ हुए हादसे के बारे में आगे कहा, 'मैं उस लड़के को फॉलो करते हुए काफी आगे बढ़ गई थी। मैं जहां थी वहां आसपास जंगल था। उस वक्त रात के करीब साढ़े आठ बज रहे थे। मुझे बस अपना पहला फोन दिख रहा था। मैं जंगल के पास तक पहुंच गई थी। तभी पीछे से एक आदमी आया पूछा क्या चाहिए, मैंने बोला भैया मेरा फोन दिलवा दो। उस शख्स ने कहा चलो तुम्हें तुम्हारा फोन दिलाता हूं। ये कहते हुए वह मेरा हाथ पकड़कर मुझे घसीटने लगा। मैं समझ गई कि मैं कहीं और ही फंसती जा रही हूं। मैं अपना हाथ छुड़ाकर सड़क की साइड जाना चाह रही थी, लेकिन वह मुझे अन्दर(जंगल)की तरफ खींच रहा था। उस वक्त मुझे लगा मैं गई। किसी भी तरह मैं रोड तक आई। मैंने मदद के लिए गुहार लगाई, लेकिन लोग देख रहे थे, लेकिन मदद नहीं कर रहे थे।

    रतन राजपूत ने कहा दो लड़कों ने की मदद

    रतन ने अपने इस ब्लॉग में आगे बताया कि काफी समय बाद दो लड़के स्कूटर पर वहां से जा रहे थे, जिसमें से एक लड़का चलते स्कूटर से उतरा और उसने उस आदमी से कहा इसका हाथ छोड़, तो वह आदमी बोला ये मेरी है, मैं हाथ नहीं छोडूंगा। मैं हाथ छुड़ाकर लड़के के पीछे दुबक गई। साकेत से लेकर खिड़की तक वह गमछे वाला आदमी मुझे धमका रहा था। रतन ने बताया कि जिसने मेरी मदद की उस शख्स ने मुझे घर तक छोड़ा और कहा कि डरो नहीं मैं NIFT के स्टूडेंट हैं और हम तुम्हें घर तक पहुंचा देंगे।

    उस घटना की वजह से मन में बैठ गया ये डर

    रतन ने कहा काफी कुछ हुआ, लेकिन आज मैं ये बात अच्छे से समझ सकती हूं कि जो विक्टिम होते हैं वह किस फेज में होते हैं, अगर वह रिएक्ट नहीं कर पाते तो क्यों नहीं कर पाते। मुझे बस ये लग रहा था कि आज शायद में एक न्यूज ही बन जाती और मेरे को मार दिया होता, रतन एक न्यूज होती। किसलिए सिर्फ एक फोन के लिए। बात सिर्फ फोन की भी नहीं है, मुझे ऐसा लगा था कि मेरे साथ सिर्फ एक एक्सीडेंट हुआ है, लेकिन मेरे साथ दूसरा एक्सीडेंट होने वाला था। उस दिन मुझे ये एहसास हुआ मैं एक लड़की हूं और मुझे संभलकर रहना होगा।