अभिनेत्री कावेरी प्रियम ने अपने नए शो के लिए बिग बास 16 को ना कह दिया
हमेशा कामेडी शो प्रसारित करने वाला सोनी सब चैनल इस बार कामेडी से अलग लेकर आ रहा है पारिवारिक ड्रामा। अभिनेत्री कावेरी प्रियम का नया टीवी शो दिल दियां गल्लां- दिल की बातें टूटे हुए रिश्तों को जोड़ने की कहानी है...

कोई कहानी जब पसंद आ जाती है तो फिर उसके लिए कलाकारों को कई बार दूसरे प्रोजेक्ट्स छोड़ने पड़ते हैं। ये रिश्ते हैं प्यार के, जिद्दी दिल माने ना शो में काम कर चुकीं अभिनेत्री कावेरी प्रियम ने शो दिल दियां गल्लां– दिल की बातें के लिए बिग बास 16 को ना कह दिया। सोनी सब चैनल पर 12 दिसंबर से शुरू होने वाले इस शो में कावेरी एक ऐसी बेटी की भूमिका निभा रही हैं, जो अपने माता-पिता और दादा-दादी के टूटे हुए रिश्तों को जोड़ने की कोशिश करेगी। इस शो की शूटिंग इन दिनों पंजाब में चल रही है...
प्रियंका सिंह
पंजाब में शूटिंग का अनुभव कैसा है? वहां पर डाइट का खयाल रखना मुश्किल हो रहा होगा?
(हंसते हुए) हां, मैंने सोचा था कि नहीं खाऊंगी, लेकिन क्या करूं। यहां पर खाने की इतनी वैरायटी है कि उससे खुद को दूर रखना मुश्किल होता है। यहां के अमृतसरी छोले-कुलचे, सरसों का साग-मक्के की रोटी, गोल-गप्पे नहीं खाए तो क्या फायदा पंजाब तक आने का। इस शो का सफर इस वजह से और यादगार रहेगा। हम सुबह-सुबह गांव के अंदर जाकर शूटिंग करते हैं। पंजाब के खेत बहुत सुंदर हैं। यहां हवा में ताजगी है। स्थानीय लोगों से बातचीत करने का भी मौका मिल रहा है।
आप इस शो के लिए बिग बास 16 में नहीं गईं। बिग बास कम समय में प्रसिद्धि देता है...
मैं कम समय में मिलने वाली प्रसिद्धि में यकीन नहीं करती हूं। मेरे लिए जरूरी यह है कि मुझे किन चीजों में खुशी मिल रही है। जब मैं अभिनय करती हूं और कैमरे पर आती हूं तो हर दिन कुछ नया करने का मौका मिलता है। वह मुझे रोमांचक लगता है। हर चीज का अपना वक्त होता है। हो सकता है आगे वह मौका फिर मिले। फिलहाल मैंने इस शो को चुन लिया है। मैं बहुत ज्यादा सोचकर कोई चीज नहीं करती हूं। उस पल में जो फैसला लेना होता है, मैं ले लेती हूं। बहुत ज्यादा नापतौल के फैसले नहीं करती हूं। जब दूसरा काम नहीं होगा तो बिग बास भी कर लूंगी।
टीवी पर पारिवारिक ड्रामा दिखाया जाता है। अंदर का एक्टर डिजिटल प्लेटफार्म और सिनेमा के अलग-अलग जानर और भूमिकाओं की ओर तो जाता ही होगा...
दोनों का अपना अलग चार्म है। टीवी के माध्यम से मैं देश के गांव-गांव तक पहुंच रही हूं। मैंने अपने आपको कभी किसी प्लेटफार्म पर काम करने के लिए रोका नहीं है। टीवी पर अच्छा काम मिल रहा है, लेकिन अगर कोई अच्छा आफर दूसरे माध्यमों से आएगा तो मैं वह भी करूंगी।
क्या आपको आडिशन के जरिए इस शो में काम मिला था?
हां, मुझे याद है, जब मैंने आडिशन की स्क्रिप्ट पढ़ी थी तो मैं भावुक हो गई थी। उस सीन में मुझे रोना नहीं था, लेकिन डायलाग बोलते-बोलते रोना आ गया था।
टीवी कलाकारों पर कम समय में अच्छा काम करने का दबाव होता है। यह दबाव अनुभव के साथ कितना कम हो गया है?
कम समय में अच्छी परफार्मेंस देना हमारे काम का हिस्सा है। खासकर जब टीवी कर रहे हैं तो इस कला में माहिर हो जाते हैं। हम किसी भी भावना को आसानी से पकड़ लेते हैं। यह सही बात है कि पिछले शो में जो मैंने मेहनत की है, उसकी वजह से अब कहानी की लाइनें पढ़कर जल्दी समझ लेती हूं। लंबे डायलाग्स याद करने में भी वक्त नहीं लगता है। जब लाइनों का मतलब समझ आ जाता है तो उन्हें याद करने की भी जरूरत नहीं पड़ती है। टीवी शो लंबे समय तक चलते भी हैं तो कई बार कलाकार खुद ही उस भूमिका को इतने अच्छे से समझ जाते हैं कि फिर उन्हें केवल लाइनें एक बार देखनी पड़ती हैं। वे लाइनें किस भावना से बोलनी हैं, उन्हें वह पता होता है।
इस शो में आप अपने माता-पिता और दादा-दादी के बीच की दूरियां खत्म करने की कोशिश करेंगी। वास्तविक जीवन में मतभेद सुलझाने का काम कभी किया है?
हां, परिवार और कालेज में कई बार मैंने दो लोगों या दो ग्रुप के बीच झगड़े सुलझाने के लिए एक पुल की तरह काम किया है। हालांकि यह आसान नहीं होता है। कई बार ऐसा होता है कि एक पक्ष गलत है और दूसरा सही, लेकिन अगर वे आपके दिल के करीब हैं तो कोशिश यही करती हूं कि रिश्तों को मजबूत रखें, गिले-शिकवे भुला दें। मुझे लगता है झगड़े और बहस में वक्त बर्बाद नहीं करना चाहिए, जो वक्त बीत गया, वह वापस नहीं आता है। गिले-शिकवे भुलाकर जीवन जीना चाहिए।
दिल दियां गल्लां... यानी दिल की बातें वास्तविक जीवन में आप किससे करती हैं?
दिल की बातें मैं अपने बहुत करीबी लोगों से ही करती हूं। इसमें मेरे मम्मी-पापा और कुछ खास दोस्त ही हैं।
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