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    आर्थिक तंगी से जूझ रहे 'महाभारत के भीम', प्रविण कुमार ने सरकार से लगाई आर्थिक मदद की गुहार

    By Ruchi VajpayeeEdited By:
    Updated: Sun, 26 Dec 2021 09:24 AM (IST)

    महाभारत में ‘गदाधारी भीम’ का किरदार निभाने वाले प्रविण कुमार सोबती ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। प्रवीण ने अपने दमदार किरदार से न केवल अभिनय की दु ...और पढ़ें

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    Image Source: Mahabharat Fan page on Social Media

    नई दिल्ली, जेएनएन। सीरियल महाभारत पिछले 30 सालों से लोगों के दिलों पर राज कर रहा है। इसके हर एक किरदार को दर्शक नाम से जानते और पहचानते हैं। अब एक बड़ी खबर सामने आ रही है इस मेगाशो में भीम का किरदार निभाने वाले ‘गदाधारी भीम’ यानि प्रविण कुमार सोबती ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। प्रवीण ने अपने दमदार किरदार से न केवल अभिनय की दुनिया में परचम लहराया, बल्कि खेल के मैदान में भी कामयाबी हासिल की।

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    देश का बढ़ा चुके हैं मान

    प्रविण कुमार की माली हालत बहुत खराब है जिसके चलते उन्होंने सरकार से आर्थिक मदद की अपील की है। अभिनेता ने अपनी शिकायत में कहा कि पंजाब में सरकार बनाने वाली सभी पार्टियों से मुझे शिकायत है। जितने भी खिलाड़ी एशियन गेम्स खेलते हैं या मेडल जीतते हैं, उन्हें पेंशन दी जाती है। हालांकि इस अधिकार से मुझे वंचित रखा गया। बातें कि प्रवीण सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी हैं। वे अकेले ऐसे एथलीट हैं, जिन्होंने कॉमनवेल्थ में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।

    आर्थिक तंगी से जूझ रहे 'भीम'

    प्रविण कुमार ने मीडिया से कहा, 'मैं 76 साल का हो गया हूं। काफी समय से घर में ही हूं, तबीयत ठीक नहीं रहती है। खाने में भी कई तरह के परहेज हैं, स्पाइनल प्रॉब्लम है। घर में पत्नी वीना देखभाल करती है। एक बेटी की मुंबई में शादी हो चुकी है। उस दौर में भीम को सब जानते थे, लेकिन अब सब भूल गए हैं।'

    कोई नहीं दे रहा साथ 

    हाल ही में मीडिया के सामने अपनी परेशानी बताते हुए प्रवीण कुमार सोबती ने कहा कि कोरोना के दौरान दुनिया के रिश्तों की असलियत सामने आ चुकी है। उन्हें यह शिकायत है कि पंजाब की जितनी भी सरकारें आईं उन्हें पेंशन से वंचित ही रखा गया। उन्होंने बताया कि जितने भी एशियन गेम्स या मेडल जीतने वाले प्लेयर थे, उन सभी को पेंशन दी, लेकिन उन्हें अब तक पेंशन नहीं मिली, जबकि सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल जीते। हालांकि अभी उन्‍हें बीएसएफ से पेंशन मिल रही है, लेकिन उनके खर्चों के हिसाब से यह काफी नहीं है।