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    प्रत्यूषा के आखिरी दिनों की तरह बेतरतीब है उनका कमरा, डालें एक नजर

    By Pratibha Kumari Edited By:
    Updated: Tue, 05 Apr 2016 06:21 PM (IST)

    हार्मनी बिल्डिंग का फ्लैट नंबर-703, प्रत्यूषा बनर्जी के आखिरी दिनों की तरह ही बेतरतीब दिख रहा है।

    विनोद कुमार मेनन (मिड-डे), मुंबई। हार्मनी बिल्डिंग का फ्लैट नंबर-703, प्रत्यूषा बनर्जी के आखिरी दिनों की तरह ही बेतरतीब दिख रहा है। कमरे में गंदगी पसरी हुई है। जले हुए सिगरेट के टुकड़े, कुछ दवाइयां और हुक्के, बीयर के डिब्बे और शराब की बोतलें डबल बेडरूम के इस फ्लैट में जगह-जगह बिखरी हुई हैं।

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    प्रत्यूषा बनर्जी इसी फ्लैट में अपने ब्वॉयफ्रेंड राहुल राज सिंह के साथ रहती थीं। पुलिस और फोरेंसिक टीम ने रविवार को फ्लैट पर पहुंचकर पूरे प्रकरण को दोहराने (सीन रीक्रिएट) का प्रयास किया।

    वह तरीका भी आजमाया गया, जिस तरह से प्रत्यूषा ने फंदा लगाया होगा। इसके अलावा रसोइया जिस तरह पड़ोस के फ्लैट से आया होगा और उसने राहुल के लिए दरवाजा खोला होगा, इसे भी देखा गया।

    प्रत्यूषा का रसोइया सुनील मुखिया इस दौरान खुद मौजूद था। उसने पुलिस को बताया कि दुपट्टा काटकर प्रत्यूषा को उतारा गया और राहुल ने उसके मुंह से अपना मुंह लगाकर सांस चालू करने की कोशिश की।

    जांच अधिकारियों ने किचन में नाश्ते और चिप्स के खुले हुए पैकेट देखे। थोड़ा-बहुत खाकर बाकी पैकेटों को ऐसे ही छोड़ दिया गया था। बेडरूम पूरी तरह अस्त-व्यस्त दिखा। प्रत्यूषा के सारे कपड़े नीचे बिखरे हुए थे। साफ जाहिर होता था कि या तो वह बहुत व्यस्त रहती होंगी या कपड़ों को करीने से रखने का सिर दर्द नहीं लेती होंगी।

    एक बार फिर जांच अधिकारियों ने सुसाइड नोट खोजने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। पुलिस को अब कॉल डिटेल का इंतजार है। वह इस बात की सत्यता परखना चाहती है कि राहुल ने सही में प्रत्यूषा को फोन किया था या नहीं, जैसा कि वह अपने बयान में दावा कर रहा है।

    क्या पुलिस को प्रत्यूषा की हत्या की है आशंका ?

    वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संतोष भंडारे इसे नकारते हैं। उनका कहना है कि प्रथम दृष्टया हमारी जांच इस ओर नहीं है। हम फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलेगी। तभी पक्के तौर पर कुछ कहा जा सकेगा। वरिष्ठ लोक अभियोजक रोहिणी सालिन का कहना है कि जब प्रत्यूषा के माता-पिता ने ही शिकायत नहीं की, तो फिर पुलिस एफआइआर दर्ज नहीं कर सकती।

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