Kundali Bhagya की इस एक्ट्रेस के पिता को रिश्तेदार देते थे ताने, कहते थे - 'कौन करेगा तुम्हारी लड़की से शादी, इसकी तो हाईट...'
रूही अपनी बात रखते हुए कहती हैं मैं समझ नहीं पाती कि लड़कियों के लिए शादी इतनी इम्पोर्टेन्ट क्यों है कि अगर शादी नहीं होगी तो सब रुक जाएगा। मेरे मम्मी -पापा को रिश्तेदारों ने यहां तक कहा कि इसे ज्यादा मत पढ़ाओ।

शिखा धारीवाल, मुंबई। 'कुंडली भाग्य' सीरयल में शर्लिन का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री रूही चतुर्वेदी अपनी शादीशुदा जिंदगी में बेहद खुश हैं। रूही के पति भी एक्टर हैं। रूही कहती हैं कि कई सालों की डेटिंग के बाद उन्होंने अपने पार्टनर शिवेंद्र से शादी के बंधन में बंधने का फैसला लिया था, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब उनके रिश्तेदार उनकी शादी को लेकर उनके पापा को तरह- तरह के ताने देते थे।
Jagran.com से इंटरव्यू के दौरान रूही कहती हैं कि असल मे एक फीमेल होने के नाते आपको बहुत ज्यादा मैनेज करना होता है। मैं हर दिन सुबह साढ़े पांच बजे उठती हूं, वर्क आउट करती हूं। उसके बाद थोड़ा घर भी मैनेज करती हूं और फिर नौ बजे तक सेट पर पहुचती हूं। रूही आगे कहती हैं, 'भारत में महिलाओं को आज भी बहुत हल्के में लिया जाता है और अक्सर कहा जाता है कि अरे ये लड़की है और ये यह काम नहीं कर पायेगी। मैं राजस्थान की मारवाड़ी फैमिली से हूं। राजस्थान में आज भी बहुत सी जगह ऐसी हैं, जहां लड़कियों को पढ़ाया नहीं जाता है, लेकिन मेरे दादा जी हमेशा से ही चाहते थे कि मैं एक्टिंग करूं और टीवी पर दिखूं। लेकिन वहीं मेरे कुछ रिश्तेदार ऐसे थे जिनकी वजह से मेरे पापा को बहुत कुछ झेलना पड़ा।'
रूही आगे कहती हैं, 'एक तो मैं हाईट में भी लंबी हूं और थोड़ी अलग दिखती हूं। आम तौर पर मारवाड़ी परिवारों में लड़कियों की हाईट कम ही रहती है तो पहले मेरी हाईट को लेकर कहा जाता था कि अरे इतनी लंबी है हमारी बिरादरी में इतनी लंबी हाईट का लड़का भला कहां मिलेगा। चुतर्वेदी साहब की लड़की की शादी कैसे होगी और उसके बाद जब मैंने मॉडलिंग और एक्टिंग में ट्राई करना शुरू किया। जब भी मेरे पापा गांव जाते थे तो इन्हें रिश्तेदार जमकर सुनाते थे कि तुम्हारी लड़की से कौन शादी करेगा।'
रूही अपनी बात रखते हुए कहती हैं, 'मैं समझ नहीं पाती कि लड़कियों के लिए शादी इतनी इम्पोर्टेन्ट क्यों है कि अगर शादी नहीं होगी तो सब रुक जाएगा। मेरे मम्मी -पापा को रिश्तेदारों ने यहां तक कहा कि इसे ज्यादा मत पढ़ाओ। इसकी शादी करवा दो और इतना पढ़ाने की क्या जरूरत है नहीं तो बाद में शादी में दिक्कत होगी। लेकिन मेरे पापा ने स्टैंड लिया और कहा कि शादी इम्पोर्टेन्ट नहीं है। बल्कि उसका करियर और पढ़ाई ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है तो मैं इसे पढ़ाऊंगा। यह बात हर मां-बाप को समझनी चाहिए कि सिर्फ शादी करना ही एक लड़की का मकसद नहीं होता बल्कि उसकी अपनी पहचान जरूरी है। मैं अपनी पहचान बनाने में इसलिए कामयाब रही क्योकि मेरे मम्मी-पापा ने मुझे बहुत सपोर्ट किया।'

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