HERO Gayab Mode On: पहली बार में शो के लिए रिजेक्ट हो गए थे अभिषेक निगम, फिर ऐसे हुए सलेक्ट
अभिनेता अभिषेक निगम जल्द ही ‘हीरो गायब मोड ऑन’ में सुपरहीरो वीर का किरदार निभाते दिखेंगे। शो सात दिसंबर से सोनी सब पर टेलीकास्ट होगा। अभिषेक भले ही सुपरहीरो बनकर इस धारावाहिक में दुनिया को बचाते दिखें लेकिन निजी जीवन में उनकी मां ही सुपरहीरो हैं।
दीपेश पांडेय, जेएनएन। अभिनेता अभिषेक निगम जल्द ही एक शो ‘हीरो: गायब मोड ऑन’ में सुपरहीरो वीर का किरदार निभाते दिखेंगे। शो सात दिसंबर से सोनी सब पर टेलीकास्ट होगा। अभिषेक भले ही सुपरहीरो बनकर इस धारावाहिक में दुनिया को बचाते दिखें, लेकिन निजी जीवन में उनकी मां ही सुपरहीरो हैं।
पहली बार नहीं हुआ था सलेक्ट
पहली बार ऑडिशन देने के बाद अभिषेक इस धारावाहिक के लिए नहीं चुने गए थे। वह कहते हैं, उम्मीद नहीं थी कि इतना बेहतरीन मौका मिलेगा। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं अपनी मेहनत से इस किरदार के साथ न्याय कर सकूं। मैंने लॉकडाउन से पहले इस शो के लिए ऑडिशन दिया था। लॉकडाउन के दौरान प्रोडक्शन हाउस ने घर से ही सेल्फ टेस्ट देने के लिए कहा। लॉकडाउन के दौरान मेरे शरीर में काफी बदलाव आ गया था। इसलिए पहली बार इस शो के लिए मेरा चयन नहीं हुआ। कुछ दिनों बाद इसी शो के लिए फिर से ऑडिशन देने के लिए बुलाया गया। इस बार मैंने दिल से ऑडिशन दिया। कुछ दिनों बाद पता चला कि इस शो के लिए मेरा चयन हो गया है। यह बात मैंने सबसे पहले अपनी मां को बताई थी।
सुपरहीरोज में दिलचस्पी
अभिषेक हमेशा से भारतीय सुपरहीरोज के साथ-साथ हॉलीवुड सुपरहीरोज में भी दिलचस्पी लेते रहे हैं। उनका कहना है, बचपन में मुझे सुपरमैन बहुत पसंद था। बड़े होने पर मैं मार्वेल कॉमिक्स का शौकीन हो गया। फिर आयरन मैन मेरा पसंदीदा सुपरहीरो बन गया। शक्तिमान सबसे पसंदीदा भारतीय सुपरहीरो है। आमतौर पर सुपरहीरो के मूल रूप को काफी कमजोर दिखाया जाता है, लेकिन इस धारावाहिक में हीरो का मूल रूप वीर एक स्टंटमैन है। इस किरदार के लिए फिलहाल निर्देशक के निर्देशानुसार काम कर रहा हूं। किरदार के बारे में पूरी तरह से समझ जाने के बाद देखूंगा कि किरदार के साथ किस तरह के प्रयोग कर सकता हूं। मैं अपनी तरफ से किरदार में सच्चाई डालना चाहता हूं।
इस मुकाम के बारे में सोचा न था
अपने अभिनेता बनने के सफर के बारे में अभिषेक कहते हैं, मुंबई आने से पहले मेरा परिवार प्रयागराज में रहता था। हम मूलत: बुंदेलखंड से ताल्लुक रखते हैं। प्रयागराज में मैं इंजीनियर बनने के लक्ष्य से पढ़ाई कर रहा था। फिर मेरे छोटे भाई सिद्धार्थ के अभिनेता बनने बाद, मैं मम्मी के साथ लॉ की पढ़ाई करने मुंबई आ गया। यहां मुझे मनोरंजन जगत की विभिन्न गतिविधियों के बारे में पता चला। निर्देशन में मेरी ज्यादा दिलचस्पी थी। इसलिए मैंने कुछ प्रोजेक्ट में बतौर असिस्टेंट निर्देशक काम किया। एक दोस्त की सलाह पर ऑडिशन देना शुरू किया। मैंने एक्टिंग कहीं से सीखी नहीं है। ऑडिशन से ही अभिनय करना सीखा है। मेरा पहला शो ‘अकबर’ रक्त से तख्त का सफर आया। एक और शो करने के बाद लॉ की पढ़ाई पूरी करने के लिए मैं एक साल का ब्रेक लेकर पुणे में रहा। फिर मुझे मुझे फिल्म ‘पानीपत’ में काम करने का मौका मिला। इसके बाद मैं इस शो में काम कर रहा हूं।
जिम और सेट पर बीत रहे दिन
शो में अभिषेक एक स्टंटमैन का किरदार निभा रहे हैं। लिहाजा इस किरदार की उनकी तैयारियां भी कठिन हैं। वह कहते हैं, व्यक्तिगत तौर पर मैं ज्यादा उछलकूद नहीं करता। स्टंट के बारे में थोड़ा बहुत जो चीजें जानता था, लॉकडाउन के दौरान वे भी भूल गया। इस किरदार के लिए मेरे अंदर इतना जोश और जुनून था कि एक-डेढ़ माह में ही काफी स्टंट करना सीख गया हूं। सेट पर मेरी यही कोशिश रहती है कि अपने ज्यादा से ज्यादा स्टंट खुद करूं। मेरे भाई सिद्धार्थ राष्ट्रीय स्तर के जिम्नास्ट रह चुके हैं। मैं उनसे भी मदद लेता हूं। आजकल मेरा दिन जिम से शुरू होता है और सेट से होते हुए फिर जिम में ही खत्म होता है।
हर मां है सुपरहीरो
अभिषेक का मानना है कि अपने बच्चे के पालन-पोषण के साथ अपनी अन्य जिम्मेदारियों का निर्वहन करना औरतों को सुपरहीरो से भी बढ़कर बनाता है। वह कहते हैं, जब हमारे सिर से पिता का साया उठा था तो हम बहुत छोटे थे। मेरी मां ने ही हमें पाल-पोसकर इस काबिल बनाया। सिद्धार्थ को काम मिलने के बाद मां अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर मुंबई चली आर्इं। इन दिनों वह मुझे और सिद्धार्थ को मैनेज करती हैं। मां के आगे सुपरहीरो भी कम है। हर मां सुपरहीरो ही होती है। मुझे समाज में औरतों की सुरक्षा की चिंता सबसे ज्यादा परेशान करती है। अगर मुझे वास्तव में कोई सुपरपावर मिल जाए तो मैं सबसे पहले महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहूंगा।