दूसरे निकाह जैसे मुद्दे पर बने शो रब से है दुआ में प्रमुख भूमिका में नजर आएंगी अदिति शर्मा
कलीरें और ये जादू है जिन्न का धारावाहिकों की अभिनेत्री अदिति शर्मा अब धारावाहिक रब से है दुआ में दुआ की भूमिका में नजर आएंगी। पत्नी के रहते हुए दूसरे निकाह जैसे महिलाओं से जुड़े मुद्दे पर आधारित इस शो का प्रसारण 28 नवंबर से जी टीवी पर होगा

दीपेश पांडेय
इन दिनों टीवी धारावाहिकों में भी काफी नए प्रयोग किए जा रहे हैं, इस शो में आपको क्या नया दिखा ?
इसमें कोई दो राय नहीं कि आजकल टीवी में भी काफी दिलचस्प और नई कहानियां बन रही हैं। हमारा शो एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दे पर बात कर रहा है कि एक से ज्यादा निकाह होना चाहिए या नहीं और इससे औरतों को किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए मुझे यह कहानी बहुत प्यारी लगी। इस विषय और दुआ से ढेर सारी औरतें खुद को जोड़ पाएंगी। दुआ बहुत ही प्यारी, मासूम और घरेलू सी लड़की है, जो अपने पति हैदर के लिए सब कुछ करने को तैयार रहती है।
सुनने में आया है कि शो में चुने जाने के अगले दिन ही आपने शूटिंग शुरू कर दी ?
शो के लिए मुझे व्यक्तिगत तैयारी का कुछ भी समय नहीं मिला। करीब एक-डेढ़ महीने पहले मैं अपनी छुट्टियां मनाने श्रीलंका गई थी। वहीं से मैंने शो के निर्माताओं को अपना आडिशन वीडियो भेजा था, लेकिन शायद निर्माताओं ने उस आडिशन पर ध्यान नहीं दिया। फिर एक दिन शो के निर्माता प्रतीक शर्मा का मुझे फोन आया। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं दुआ की भूमिका में तुम्हें ही देखता हूं। तुम इस शो के लिए हां कर दो, हम कल से ही इसकी शूटिंग शुरू करेंगे। उनकी बातें सुनकर मैंने खुशी और उत्साह के साथ इस शो के लिए अपनी स्वीकृति दे दी।
किसी पंथ या समुदाय से जुड़े ऐसे विषयों को दिखाने से अक्सर निर्माता कतराते हैं। फिर आपको इस धारावाहिक से जुड़ने में किसी विवाद का डर नहीं लगा ?
हमारे शो में तर्कों के आधार पर बात की गई है। इस शो की टीम में ऐसे कई कलाकार और क्रू सदस्य काम कर रहे हैं, जो मुस्लिम हैं। उन सबने कुरान को अच्छी तरह से पढ़ा है। शो के डायलाग लेखक जहीर शेख ने मुझे इस शो और इसकी पूरी संकल्पना के बारे में बताया है। मैं इस चीज का पूरा ध्यान रखती हूं कि मुझसे कहीं कोई गलती ना हो जाए। शो में हम सिर्फ वही चीजें दिखा रहे हैं, जो कुरान में हैं। औरतें अपनी जिंदगी में दूसरे या तीसरे निकाह को लेकर काफी परेशानियां झेलती हैं। इस धारावाहिक में इस महत्वपूर्ण विषय पर बात की गई है। ऐसे में डर की कोई बात ही नहीं है, क्योंकि हम कुछ गलत कर ही नहीं रहे हैं।
महिलाओं के लिए अपने निर्णयों को स्वयं लेने की स्वतंत्रता कितनी जरूरी है ?
महिला सशक्तीकरण बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। आज भी हमारे देश के कई क्षेत्रों में महिलाओं को दबाकर रखा जाता है। उनको अपने सोच और विचार व्यक्त करने की आजादी नहीं होती है। इस धारावाहिक के माध्यम से हम लोगों को इस पहलू से भी रूबरू करवाएंगे कि नायिका दुआ कैसे अपने विचारों को बिना किसी डर के सबके बीच रखती है। वह कहीं भी दबकर नहीं रहती है। औरत पूरे परिवार को साथ में लेकर चलती है, वह सिर्फ अपने बारे में नहीं सोचती। कई बार वह इसलिए भी अपने निर्णय या बात नहीं रख पाती है। उन्हें लगता है कि अगर किसी बात से मेरे पति या बच्चे खुश हैं तो मैं भी उसी में खुश हूं। हालांकि महिलाओं को अपनी बात कहना और स्वयं निर्णय लेना बहुत जरूरी है।
निर्णय लेने की स्वतंत्रता से जुड़ी चीजों को अपने घर में कैसे देखती हैं ?
मैं खुशकिस्मत हूं कि मेरे परिवार में मेरे मम्मी और पापा दोनों एक-दूसरे की बातों और निर्णयों का बहुत सम्मान करते हैं। हमारे यहां यह भी माना जाता है कि औरत घर की लक्ष्मी होती है। कई बार मम्मी के स्मार्ट निर्णयों की वजह से पापा बड़ी मुश्किलों से भी बाहर निकले हैं। कहते हैं ना कि इंसान की जिंदगी में सही औरत का साथ होना जरूरी है, ये चीजें मेरे मम्मी-पापा के मामले में लागू होती हैं।
क्या काम को लेकर कोई प्राथमिकता तय की है ?
मैं भगवान से यही दुआ करूंगी कि मुझे हमेशा अच्छा काम मिलता रहे। मैं चाहती हूं कि अलग-अलग तरह के काम करूं ताकि उम्रदराज होने के बाद जब मैं अपने काम को देखूं तो अपने काम की विविधता पर गर्व हो। काम को लेकर मैंने कोई प्राथमिकता नहीं तय की है, काम ही मेरी प्राथमिकता है। जहां भी काम मिले कर लेना चाहिए। किसी को नहीं पता कि कौन सा शो या फिल्म कब हिट हो जाए।
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