Turning Red Review: किशोरवय में भावनाओं के ज्वार का दिलचस्प और दमदार चित्रण, जानिए कैसी ही टर्निंग रेड
Turning Red Review डिज्नी पिक्सर निर्मित टॉय स्टोरी अ बग्स लाइफ द इनक्रेडिबल्स फाइंडिग डोरी और सबसे ताजा लूका के बाद अगली कड़ी टर्निंग रेड है जो एक टीनेज लड़की की जिंदगी के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म 11 मार्च को डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर आ रही है।
मनोज वशिष्ठ, नई दिल्ली। डिज्नी पिक्सर की फिल्म टर्निंग रेड उन एनिमेशन फिल्मों में शामिल है, जो हल्के-फुल्के अंदाज में जिंदगी का बहुत बड़ा फलसफा कह देती हैं। आम तौर पर बच्चों का विभाग समझी जाने वाली एनिमेशन फिल्में बड़ों को भी बहुत कुछ सिखाने और समझाने का माद्दा रखती हैं। ऐसी ही एक कहानी डिज्नी पिक्सर की फिल्म टर्निंग रेड दिखाती है, जो 11 मार्च को डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर आ रही है।
किशोर उम्र में लड़कियों के साथ शारीरिक और मानसिक तौर पर बहुत कुछ ऐसा होता है, जिसे समझना आसान नहीं होता। कभी डर, कभी दुस्साहस, इस उम्र की सबसे अहम भावनाएं होती हैं। निर्देशक डोमी शी ने किशोरवय के इस अहम विषय को बेहद संवेदनशीलता और दिलचस्प तरीके से सहज रूप में एनिमेटेड कैरेक्टर्स के जरिए पेश किया है।
कहानी के केंद्र में 13 साल की चीनी-कनाडाई मेलिन ली है, जिसकी जिंदगी स्कूल और दोस्तों तक सिमटी हुई है। एक ब्वॉय बैंड से उसे जबरदस्त लगाव है। स्कूल और दोस्तों मिरियम, प्रिया और एब्बी के अलावा मेलिन एक समर्पित बेटी भी है, जो मां मिंग की मदद करने के लिए तत्पर रहती है।
मेलिन की जिंदगी में बड़ा और चौंकाने वाला ट्विस्ट तब आता है, जब एक रात वो एक विशालकाय रेड पांडा बन जाती है। मां से पता चलता है कि यह उनके परिवार का एक पुराना राज है, जब भी उसकी भावनाओं का ज्वार आएगा, वो इस विशालकाय प्राणी में बदल जाएगी। अगर देखा जाए तो यह मेलिन के किरदार और रेड पांडा में रूपांतरण की अनुरूपता है। अब मेलिन की आगे की जिंदगी इसी बदलाव और इसकी वजह से सामने आने वाली चुनौतियों का चित्रण है।
टर्निंग रेड ऐसी एनिमेशन फिल्म है, जो अपने नैरेटिव और दृश्यों के तालमेल से दर्शक को अपने आगोश में लेते जाती है और धीरे-धीरे फिल्म की परिस्थितियों में दर्शक डूबने लगता है। मेलिन के किरदार के साथ कभी हास्य का भाव आता है, तो कभी उसकी दशा से सहानुभूति भी होती है। फिल्म का रंगों से सुज्जित हर फ्रेम इसके असर और मनोरंजन को इंटेंस बनाता है। दोस्ती, पारिवारिक संबंध और बचपन की मासूमियत देखना दिलचस्प लगता है।
एनिमेशन फिल्मों में कैरेक्टर स्कैच के साथ उस किरदार के मिजाज को स्थापित करने में आवाजों का बहुत बड़ा योगदान होता है। आवाज ही उस किरदार या कैरेक्टर के व्यक्तित्व को तय और पेश करते हैं। मेलिन ली की आवाज रोजली चियांग बनी हैं। मेलिन के दृढ़ इच्छाशक्ति और जबरदस्त रूप से उत्साही किरदार पर रोजली की आवाज फबती है। एवा मोर्स ने मिरियम के किरदार को आवाज दी है। मैत्रेयी रामकृष्णन प्रिया की आवाज बनी हैं, जबकि हाइन पार्क ने एब्बी के किरदार को आवाज दी है।
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निर्देशक डोमी शी की यह पहली फीचर फिल्म है। इसका लेखन शी ने जूलिया चो और सारा स्ट्रीचर के साथ मिलकर किया है। टर्निंग रेड की कहानी में किरदारों के जरिए विभिन्न कल्चर और लोगों का समन्वय इसके कैनवास को व्यापक करता है। टर्निंग रेड सांकेतिक तौर पर किशोरवय लड़कियों की भावनात्मक जरूरतों पर टिप्पणी करने के साथ पीरियड जैसे विषयों पर बिना झिझके बात करती है।
टर्निंग रेड का लेखन सभी सहायक किरदारों को विकसित होने का पूरा मौका देता है और इन्हें देखकर अधूरापन नहीं लगता। टर्निंग रेड के लेखन में ह्यूमर अंडर करेंट रहता है। लगभग 90 मिनट की फिल्म एक खुशनुमा असर छोड़ती है। टॉय स्टोरी, अ बग्स लाइफ, द इनक्रेडिबल्स, फाइंडिग डोरी और सबसे ताजा लूका के बाद डिज्नी पिक्सर की एक और बेहतरीन पेशकश है टर्निंग रेड। फिल्म अंग्रेजी के साथ हिंदी, तमिल, तेलुगु और मलयालम भी आ रही है।
कलाकार- रोजली चियांग, सैंड्रा ओह, एवा मोर्स, मैत्रेयी रामकृष्णन, हाइन पार्क आदि।
निर्देशक- डोमी शी
प्लेटफॉर्म- डिज्नी प्लस हॉटस्टार
अवधि- 90 मिनट
रेटिंग- ***1/2 स्टार