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फिल्म रिव्यू- जंगल में मंगल, 'द जंगल बुक' (4 स्‍टार)

फिल्म के माध्यम से यह बताने की भी कोशिश की गई है कि इंसान अगर जानवरों का दोस्त बने तो वे भी अपनी दोस्ती शिद्दत से निभाते हैं। ऐसा होता भी है। हाथी, कुत्ते इंसान के वफादार हैं।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 08 Apr 2016 08:16 AM (IST)Updated: Fri, 08 Apr 2016 01:17 PM (IST)
फिल्म रिव्यू- जंगल में मंगल, 'द जंगल बुक' (4 स्‍टार)

-स्मिता श्रीवास्तव

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प्रमुख कलाकार- नील सेठी, बिल मुर्रे, बेन किंग्सले।

निर्देशक- जॉन फेवरू

संगीत निर्देशक- जॉन डेबने

स्टार- चार स्टार

‘द जंगल बुक’ फिल्म की कहानी रुडयार्ड किपलिंग के इसी नाम से लिखित कहानियों पर आधारित है। ‘आयरन मैन’ फेम जॉन फेवरू ने इस एनिमेशन फिल्म को जीवंत बना दिया है। उन्होंने इसे 3डी फॉर्म में बखूबी पेश किया है।

कहानी जाहिर तौर पर भेडिय़ों के बीच पलने वाले मोगली की है। एक बार जंगल में सूखा पड़ता है। ऐसे हालातों में जल संधि होती है। इसके तहत सभी प्रजाति के जानवर एक ही घाट पर एकसाथ पानी पी सकते हैं, मगर कोई किसी का शिकार नहीं करेगा।

पानी पीने मोगली सभी भेडिय़ों साथ पहुंचता है। वहां शेर खान भी आता है। वह भेडिय़ों से मोगली को अपने हवाले करने को कहता है। वे इन्कार कर देते हैं। शेख खान उसे अपना शिकार बनाने की धमकी देकर चला जाता है। मोगली की सुरक्षा को देखते हुए उसे मनुष्यों की बस्ती में भेजने का फैसला होता है। मोगली वहां जाता है या शेर खान का शिकार बन जाता है, फिल्म इस बारे में हैं।

फिल्म के माध्यम से यह बताने की भी कोशिश की गई है कि इंसान अगर जानवरों का दोस्त बने तो वे भी अपनी दोस्ती शिद्दत से निभाते हैं। ऐसा होता भी है। हाथी, कुत्ते इंसान के वफादार हैं। बहरहाल, जंगल के माहौल को वीएफएक्स की मदद से बखूबी पेश किया गया है। खास बात है कि जानवरों का इंसानीकरण बहुत खूबसूरती से किया गया है। बारिश में मेढक़ का पंजे से पानी को हटाना वाला दृश्य दिल को छू जाता है। उस किस्म के कई मनमोहक सीन हैं।

फिल्म की कसावट कमाल की है। कहानी में रोमांच लगातार बना रहता है। वह किस मोड़ की ओर जा रही अंदाजा लगाना आसान नहीं होता। संवाद भी चुटीले हैं। हिंदी में सितारों द्वारा की गई डबिंग से अपनापन लगता है। बल्लू की आवाज में इरफान बाजी मार ले जाते हैं। शेर खान की संवाद अदायगी में नाना पाटेकर, बघीरा की आवाज में ओमपुरी ने अमिट छाप छोड़ी है। मादा भेडिय़ा रक्षा की आवाज शेफाली शाह और अजगर का की प्रियंका चोपड़ा की है। भारतीय मूल के अमेरिकी नील सेठी ने मोगली की भूमिका साथ पूरा न्याय किया है। उनके चेहरे पर खुशी, रोमांच, उत्सुकता, गम और बदले के भाव बखूबी उभरे हैं। तकनीकी पक्ष में कहीं खोट नजर नहीं आता।

अवधि- 106 मिनट

स्टार- 4


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