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The Fabelmans Review: रोमांच से भरी है जुरासिक पार्क बनाने वाले फिल्मकार स्टीवन स्पीलबर्ग की अपनी कहानी

The Fabelmans Review स्टीवन स्पीलबर्ग दुनिया के सबसे महान फिल्मकारों में शामिल हैं। जुरासिक पार्क जैसी फिल्मों के जरिए उन्होंने दर्शकों का दशकों तक मनोरंजन किया है। अब वो खुद अपनी कहानी लेकर आये हैं जो ऑस्कर अवॉर्ड्स में भी मजबूत दावेदार है।

By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthPublished: Thu, 09 Feb 2023 02:26 PM (IST)Updated: Thu, 09 Feb 2023 02:26 PM (IST)
The Fabelmans Review: रोमांच से भरी है जुरासिक पार्क बनाने वाले फिल्मकार स्टीवन स्पीलबर्ग की अपनी कहानी
The Fabelmans Review Jurassic Park Director Steven Spielberg. Photo- Twitter

स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। लिंकन, द पोस्‍ट, वेस्‍ट साइड स्‍टोरी जैसी फिल्‍में देने वाले फिल्‍ममेकर स्‍टीवन स्‍पीलबर्ग ने अब अपने बचपन और किशोरावस्‍था से प्रेरित फिल्‍म द फेबेलमैंस बनाई है। हालांकि, इसमें कुछ काल्‍पनिक चीजों को भी जोड़ा गया है। इसमें दर्शाया गया है कि बचपन में कैसे उन्‍होंने पहली बार फिल्‍म देखी, उस फिल्‍म का उन पर कितना गहरा असर हुआ और किस तरह से उन्‍हें फिल्‍ममेकिंग से प्‍यार हुआ।

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बचपन में पिता की नौकरी के चलते न्‍यूजर्सी से ऐरिजोना फिर कैलिफोर्निया आना पड़ा। यहूदी होने की वजह से किस प्रकार के तानों को सुनना पड़ा था, माता-पिता के तलाक से वह किस तरह बिखर गए थे। फिल्‍ममेकिंग ने किस तरह से उसके जीवन को आकार दिया।

इस फिल्‍म के जरिए वह पर्दे के पीछे की जिंदगी में होने वाली खुशियों और छलावों, कला के प्रति लगाव, माता पिता के जटिल संबंधों, खुशी पाने के तरीकों जैसे विभिन्‍न पहलुओं की ओर ले जाते हैं। यह फिल्म कलात्मक झुकाव और व्यक्तिगत जिम्मेदारी के साथ-साथ प्रतिभा और खुशी के रहस्यों के बीच संघर्ष पर केंद्रित है।

कई अवार्ड पहले ही हासिल कर चुकी द फेबेलमैंस को ऑस्‍कर अवार्ड्स में सर्वश्रेष्‍ठ फिल्‍म समेत सात श्रेणियों में नामांकन मिला है। रेस में आगे चल रही यह फिल्‍म अमेरिका में पहले ही रिलीज हो चुकी है। अब शुक्रवार (10 फरवरी) को भारत के सिनेमाघरों में आ रही है।

आठ साल की उम्र में हुआ कैमरे से प्यार

कहानी आठ साल के बाल सैमी फेबेलमैन से आरंभ होती है। मां मित्जी (मिशेल विलियम्स) और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर पिता बर्ट (पाल डानो) उसे पहली बार फिल्‍म द ग्रेटेस्‍ट शो ऑन द अर्थ (The Greatest Show on the Earth) दिखाने ले जाते हैं। फिल्‍म में ट्रेन दुघर्टना के दृश्‍य का बालमन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। वह एक ट्रेन की मांग करता है ताकि उस सीन को रीक्रिएट कर सके।

उसकी इच्‍छा पूरी होती हैं, लेकिन इससे पिता क्रोधित होते हैं। उन्‍हें लगता है कि सैमी अच्‍छी चीजों की सराहना नहीं करता। उसकी मां सुझाव देती है कि ट्रेन को बार बार टकराने से अच्‍छा है कि वह कैमरे से उसे शूट करे और बार-बार देखे। यही से सैमी को कैमरे से प्‍यार शुरू होता है।

वह शूटिंग में अपनी बहनों को भी शामिल करता है। वहीं बर्ट का सबसे अच्छा दोस्त बेनी (सेथ रोजन), उनके परिवार का हिस्सा है। मित्जी का मानना है, सब कुछ एक कारण के लिए होता है। वह इसी मंत्र के साथ जीवन के परिर्वतन को स्‍वीकारती है। वह पूर्व कंसर्ट पियानोवादक है, जो अपने बेटे सैम और तीन बेटियों के पालन पोषण के लिए गृहिणी बन गई है।

मां के प्रोत्साहन से मिली कल्पना को उड़ान

बेहतर जीवनयापन के लिए बर्ट अपनी नौकरी के लिए कई शहरों का रुख करते हैं। किशोर सैमी (ग्रेबियल लाबेल) फिल्‍ममेकिंग के बाद उसकी एडीटिंग भी खुद ही करता है। उस काम में जहां मां उसे प्रोत्‍साहित करती हैं। वहीं, पिता चाहते हैं कि वह रियल चीजों को बनाएं।

मित्जी और बेनी के संबंधों का पता फिल्‍ममेकिंग के दौरान सैमी को पता चलता है। वह कैसे इसका सामना करता है। 19 साल की उम्र में ‘नाइट गैलरी’ के एक एपिसोड में जोन क्रॉफोर्ड को निर्देशित करने वाले स्पीलबर्ग को दिखाने से पहले ही द फेबेलमेन्‍स समाप्त हो जाती है, लेकिन एक रोमांचकारी पल के तौर पर इसे प्रतिस्थापित करती है।

इसमें स्पीलबर्ग की अपने हीरो जॉन फोर्ड (डेविड लिंच) के साथ संक्षिप्त मुलाकात दिखाई है, जो एक सिगार को जलाने में लगभग उतना ही समय लेते हैं, जितना वह अपने आगंतुक से बात करने में लेते है।

दो घंटे की कहानी में जीवन के सभी पहलुओं को समेटना संभव नहीं होता। हालांकि, स्पीलबर्ग और उनके सह-लेखक टोनी कुशनर ने कहानी पर गहराई से काम किया है। कहानी का फोकस सैमी पर ही है। कुशनर ‘म्यूनिख’, ‘लिंकन’, और ‘वेस्ट साइड स्टोरी’ पर स्पीलबर्ग के साथ काम कर चुके हैं।

फिल्‍म में युद्ध के दृश्‍यों को उस समय सीमित संसाधनों में शूट करने को लेकर सैमी की प्रतिभा अचंभित करती है। फिल्‍म की सिनेमैटोग्राफी उस दौर और परिवेश को खूबसूरती से कैमरे में कैप्‍चर करती है। द फेबेलमैन्स इस बात की पड़ताल करती है कि अपने जुनून को पूरा करने के लिए जीवन को समर्पित करने का क्या मतलब है। निश्चित रूप से स्पीलबर्ग की निजी कहानी में और भी बहुत कुछ है।

कलाकार: ग्रेबियल लाबेल, मिशेल विलियम्‍स, पॉल डानो, सेत रोजन

निर्देशक: स्‍टीवन स्‍पीलबर्ग

अवधि: 152 मिनट

स्‍टार: साढ़े तीन


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