Move to Jagran APP

Shehzada Movie Review: एक्शन में हिट पर कॉमेडी में फेल नजर आए कार्तिक आर्यन, दिलों को छू नहीं पाई शहजादा

Shehzada Movie Review in Hindi दर्शकों के दिलों में उतरने में नाकाम रहा शहजादा। एक्शन सीन में हिट तो कॉमेडी में फ्लॉप नजर आए कार्तिक आर्यन। मसालेदार बनाने की कोशिश में फीकी रह गई रोहित धवन की ये फिल्म।

By Ruchi VajpayeeEdited By: Ruchi VajpayeePublished: Fri, 17 Feb 2023 04:13 PM (IST)Updated: Fri, 17 Feb 2023 04:13 PM (IST)
shehzada movie review, kartik aaryan shehzada Review, Shehzada Movie Review in Hindi

स्मिता श्रीवास्‍तव, मुंबई ब्यूरो। Shehzada Movie Review in Hindi: अल्लू अर्जुन अभिनीत तेलुगु फिल्म अला वैकुंठपुरामुलू की हिंदी रीमेक है शहजादा। वर्ष 2020 में रिलीज इस तेलुगु फिल्‍म में केंद्रीय भूमिका में अल्‍लू अर्जुन, पूजा हेगड़े, तब्‍बू थे। फिल्‍म पुष्‍पा : द राइज की सफलता के बाद अल्‍लू अर्जुन हिंदी पट्टी में अपनी पहचान बना चुके हैं। अब उनकी रीमेक में अभिनेता कार्तिक आर्यन केंद्रीय भूमिका में हैं। बतौर निर्माता यह उनकी पहली फिल्‍म है। त्रिविक्रम श्रीनिवास लिखित कहानी का रुपांतरण रोहित धवन ने किया है।यहां पर कुछ चरित्र पात्रों को हटा दिया है।

loksabha election banner

कैसी है कार्तिक आर्यन की शहजादा?

फिल्म में ज्‍यादातर किरदारों के नाम भी समान रखे हैं। रोहित ने मूल फिल्‍म के निर्देशक त्रिविक्रम श्रीनिवास की दृश्‍य संरचना का अनुपालन किया है। हिंदी रीमेक में कलाकार अलग हैं,लोकेशन में थोड़ी भिन्‍नता है,लेकिन सिचुएशन और इमोशन वही हैं। इसे यूं कह सकते हैं कि एक ही कहानी का मंचन अलग भाषा और सुविधाओं के साथ अलग कलाकारों ने किया है। कलाकारों की अपनी क्षमता से दृश्‍य कमजोर और प्रभावशाली हुए हैं। खास बात यह है कि मूल फिल्‍म में सचिन खेड़ेकर नाना की भूमिका में थे। रीमेक में भी वह इसी भूमिका में हैं।

मनीषा कोईराला का हुआ कमबैक

रणदीप (रोनित राय) और वाल्‍मीकि (परेश रावल) ने अपना करियर एक साथ अमीर व्‍यवसायी आदित्‍य जिंदल की कंपनी में आरंभ किया होता है। रणदीप बाद में आदित्‍य जिंदल (सचिन खेड़ेकर) की बेटी यशु (मनीषा कोईराला) से शादी कर लेता है और अमीर आदमी बन जाता है। जबकि वाल्‍मीकि क्‍लर्क ही बना रह जाता है। दोनों के बच्‍चों का जन्‍म एक ही दिन होता है। वाल्‍मीकि अस्‍पताल में अपने बेटे को रणदीप के बेटे की जगह रख देता है। कहानी 25 साल आगे बढ़ती है।

तेलुगु फिल्म का रीमेक है शहजादा

वाल्‍मीकि का व्‍यवहार बंटू (कार्तिक आर्यन) के साथ अच्‍छा नहीं होता है। वह हमेशा ताने कसता रहता है। इस बीच बंटू की जिंदगी में समारा (कृति सैनन) आ जाती है। पर समारा की सगाई रणदीप के बेटे राज (अंकुर राठी) से हो जाती है। घटनाक्रम नाटकीय मोड़ लेते हैं बंटू को सच का पता चलता है। वह रणदीप के परिवार में कैसे अपनी जगह बनाएगा? क्‍या वह इस सच को परिवार को बताएगा? कहानी इसी पहलू पर आगे बढ़ती है।

हिंदी दर्शकों के ध्यान में रखकर बनी फिल्म

रीमेक करते समय उसे हिंदी पट्टी को दर्शकों को ध्‍यान रखकर बनाने की बात फिल्‍ममेकर कहते हैं। यहां पर भी फैमिली एंटरटेनर के तौर पर प्रचारित शहजादा में एक्‍शन, रोमांस, कामेडी, ड्रामा, नाच गाने, भव्‍य सेट है। यानी मसाले भरपूर है लेकिन सही मात्रा में न होने की वजह से वह कहानी को स्वादिष्ट नहीं बना पाए हैं। कार्तिक आर्यन फिल्‍म के निर्माता भी हैं। लिहाजा पूरी फिल्‍म में वह छाए हैं। बाकी किरदार पूरी तरह विकसित न होने की वजह से फिल्‍म का स्‍वाद बिगड़ गया है।

जल्दबाजी में निपटाए गए सीन

मसाला फिल्‍म में खलनायक को आम तौर पर खतरनाक दिखाया जाता है। यहां पर सारंग (सनी हिंदुजा) का किरदार वैसा दमदार नहीं बन पाया है। बंटू को जब उसकी असलियत का पता चलता है तो यह सीन भावनात्‍मक और हतप्रभ करने वाला होता है। उसे निर्देशक जल्‍दबाजी में निपटाते नजर आते हैं। फिल्‍म में एक सीन में सचिन खेड़ेकर का किरदार कहता है बंटू उसका पोता है जबकि वह उसका नाती होता है। हिंदी फिल्‍में बनाते समय भाषा और रिश्‍तों को व्‍यक्‍त करने में विशेष ध्‍यान देने की जरूरत है। इसी तरह एक जगह दीवार पर सुपर हिरो लिखा गया है जबकि इसे सुपरहीरो लिखना चाहिए था।

बोझिल लगती है कॉमेडी

बंटू और समारा की प्रेम कहानी मूल फिल्‍म से थोड़ा अलग दर्शाने की कोशिश की है लेकिन वह प्रभावी नहीं बन पाई है। समारा का किरदार भी समुचित तरीके से गढ़ा नहीं गया है। उसके परिवार की कोई बैकस्‍टोरी नहीं है। राज के साथ उसकी सगाई शब्‍दों में ही बताकर निपटा दी गई है। राज के किरदार को बहुत बचकाना दर्शाया है। वह अपच है। फिल्‍म में कामेडी के लिए कुछ दृश्‍यों को डाला गया है लेकिन वह जबरन ठूंसे हुए लगते हैं।

एक्शन सीन में अच्छे लगे कार्तिक आर्यन

कलाकारों में कार्तिक आर्यन को बंटू की भूमिका में हंसाने, रूलाने और एक्‍शन करने का भरपूर मौका मिला है। उसमें वह‍ अपने चिरपरिचित अंदाज में नजर आते हैं। एक्‍शन करते हुए वह जंचते हैं। कृति सैनन के हिस्‍से में कुछ खास नहीं आया है। वह इस फिल्‍म में चंद डायलाग बोलने या नाचने गाने के लिए ही हैं। वाल्‍मीकि का किरदार निभा रहे परेश रावल मामूली और रुटीन दृश्‍यों में भी अपना प्रभाव छोड़ जाते हैं।

किरदार में ढल गए सचिन खेडेकर

सचिन खेडेकर का काम उल्‍लेखनीय है। मनीषा कोईराला, रोनित राय और सहयोगी पात्रों में नजर आए कलाकारों ने अपनी भूमिका साथ न्‍याय किया है। फिल्‍म की सिनेमेटोग्राफी मोहक है। फिल्‍म का गीत-संगीत औसत है। मसाला एंटरटेनर फिल्‍मों को उनकी कहानी या तकनीक से जज नहीं किया जाता है। इसमें देखा जाता है यह फिल्‍में दर्शकों का मनोरंजन करने में कितनी सफल रही। उस पैमाने पर यह फिल्‍म खरी नहीं उतर पाई है।

फिल्‍म रिव्‍यू : शहजादा

प्रमुख कलाकार : कार्तिक आर्यन, कृति सैनन, मनीषा कोइराला, परेश रावल, रोनित रॉय, सचिन खेडेकर

निर्देशक : रोहित धवन

अवधि : दो घंटा 25 मिनट

स्‍टार : ढाई

ये भी पढ़ें

Shehzada Collection Day 1 Prediction: 'भूल भुलैया 2' का आधा भी नहीं कमा पाएगी 'शहजादा'? पठान के आगे होगी फेल!


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.