Saand Ki Aankh Movie Review: तापसी पन्नू और भूमि पेडणेकर का 'अचूक' निशाना, मिले इतने स्टार
Saand Ki Aankh Movie Reviewनिर्देशक तुषार हीरानंदानी की पकड़ साफ नजर आती है। फिल्म देखकर जब आप बाहर निकलते हैं तो उनकी निर्देशकीय क्षमता की दाद दिए बिना नहीं रह सकते।
पराग छापेकर, मुंबई। कुछ फिल्में ऐसी होती है जिन्हें देखकर आप ना सिर्फ मनोरंजन हासिल करते हैं बल्कि कुछ सीखकर बाहर निकलते हैं. यह फिल्में आपके ज़हन में गहरे बैठ जाती हैं और आपको जिंदगी की लड़ाई लड़ने में जाने-अनजाने मदद भी करती हैं।
ऐसी ही फिल्म इस हफ्ते बॉक्स ऑफिस के मैदान में आ रही है- सांड की आंख। बागपत की शूटिंग स्टार चंद्रो दादी और प्रकाशी दादी, जिन्होंने 60 साल की उम्र में तमाम सारे विरोध और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद ना सिर्फ शूटिंग सीखी बल्कि ढेर सारी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिताओं में गोल्ड जीतकर देश का मान बढ़ाया, जिनका मानना है तन बूढ़ा होता है मन हमेशा जवान रहता है। यह उन्हीं की प्रेरणादाई जिंदगी पर आधारित फिल्म है।
निर्देशक तुषार हीरानंदानी की पकड़ एक-एक दृश्य पर साफ नजर आती है। फिल्म देखकर जब आप बाहर निकलते हैं तो उनकी निर्देशकीय क्षमता की दाद दिए बिना नहीं रह सकते। दादी प्रकाशी और चंद्रो तोमर के किरदार में भूमि पेडणेकर और तापसी पन्नू इस तरह नजर आते हैं, जिस तरह से पिच पर सचिन और धोनी नजर आते थे। दोनों का ही शानदार अभिनय यादगार बन के रह जाता है।
इसके अलावा निर्देशक-निर्माता प्रकाश झा घर के मुखिया के रूप में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराते हैं। डॉक्टर यशपाल के किरदार से विनीत कुमार प्यार करवा देते हैं। कुल मिलाकर सांड की आंख एक ऐसी फिल्म है जो आपकी जिंदगी में प्रेरणा भर देगी। भले ही आप किसी भी उम्र के क्यों ना हो। सांड की आंख परिवार के साथ जरूर देखी जानी चाहिए। इसे छोड़ना यानी खुद को एक बेहतरीन सिनेमा से वंचित रखना है।
कलाकार- तापसी पन्नू, भूमि पेडणेकर, प्रकाश झा, विनीत कुमार आदि।
निर्देशक- तुषार हीरानंदानी
निर्माता- अनुराग कश्यप, रिलांयस एंटरटेनमेंट, निधि परमार।
स्टार- ****(4 स्टार्स)