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    Pitchers Season 2 Review: बहुत देर कर दी हुजूर आते-आते! शार्क टैंक के जमाने में कमजोर पड़े पिचर्स

    Pitchers Season 2 Review टीवीएफ की पेशकश पिचर्स एक कल्ट शो है। इससे दर्शकों की इतनी यादें जुड़ी हैं कि इसके दूसरे सीजन का इंतजार कर रहे थे। मगर सीजन 2 को देखकर अब यही कहा जा सकता है कि गैप ज्यादा हो गया।

    By Manoj VashisthEdited By: Updated: Fri, 23 Dec 2022 07:38 PM (IST)
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    Pitchers Season 2 Review Zee5 Series Staring Naveen Kasturia. Photo- Instagram

    नई दिल्ली, जेएनएन। जी5 पर टीवीएफ की पिचर्स सीरीज का दूसरा सीजन स्ट्रीम हो चुका है। इस कल्ट सीरीज का पहला सीजन 2015 में उस वक्त आया था, जब ओटीटी शब्द भारतीय दर्शकों के लिए नया सा था और शार्क टैंक जैसे शोज के बारे में उन्होंने सुना भी नहीं था।

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    उस दौरान इंटरनेट पर मौजूद कंटेंट को एक्सप्लोर कर रही पीढ़ी ने पिचर्स में कुछ ऐसा देखा, जो उनके लिए नया था और शो की यही नॉवल्टी इसकी कामयाबी की सबसे बड़ी वजह बनी। पहला सीजन हिट रहा था और दूसरा सीजन आने से पहले तक इसकी बातें होती रहीं।

    पिचर्स के शौकीन इसके दूसरे सीजन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, जो पूरे सात साल बाद खत्म हुआ। हालांकि, इस बीच ओटीटी स्पेस का कंटेंट इतना बदल चुका है कि दर्शक को प्रभावित करना आसान नहीं। इस बीच इससे मिलता जुलता भी बहुत कुछ आ चुका है। नॉस्टैलजिक वैल्यू भी एक हद तक सपोर्ट कर सकती है, मगर वक्त की खाई को पूरी तरह पाट नहीं सकती। 

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    पिचर्स 2 सीक्वल सिंड्रोम का शिकार हुआ है, यानी ऐसा सीक्वल, जो अपने पहले भाग की मुकाबले कमजोर है। पिचर्स सीजन 2 के साथ भी ऐसा ही हुआ है। दूसरा सीजन देखने लायक तो है, मगर मनोरंजन के मामले के मोर्चे पर उतना जोरदार नहीं, जितना पहला सीजन था। इस सीजन में जितेंद्र कुमार की कमी भी खलती है।

    स्टार्ट अप से कॉरपोरेट हुआ पिचर्स

    सीजन एक के फिनाले में दिखाया गया था कि सफल पिचिंग के बाद नवीन बंसल (नवीन कस्तूरिया), जितेंद्र माहेश्वरी (जितेंद्र कुमार), योगेंद्र कुमार (अरुणाभ कुमार) और सौरभ मंडल (अभय महाजन) 20 कर्मचारियों के साथ अपना स्टार्ट अप शुरू करते हैं। दूसरे सीजन की कहानी कुछ साल के गैप के बाद दिखायी गयी है। 

    सीजन दो में नवीन, योगी और मंडल की बिजी और भागदौड़ भरी जिंदगी दिखायी गयी है। उनका संघर्ष कभी खत्म नहीं होता। पहले पिचिंग के लिए और अब अपनी कम्पनी को जमाने के लिए तीनों भागमभाग करते रहते हैं। केसी एंटरप्राइजेज के साथ डील क्रैक करना इनके लिए बेहद जरूरी है। यह पार्ट शो की जान है और इसे बेहद खूबसूरती के साथ दिखाया गया है। शो के कलाकारों का अभिनय इस हिस्से को दर्शनीय बनाता है।

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    कलाकारों ने जिये किरदार

    पिचर्स सीजन 2, ख्वालों और ख्यालों से निकालकर हकीकत की दुनिया में ले जाता है, जहां जिंदगी बदलने वाले आइडिया से ज्यादा जरूरी अमलीजामा पहनाने के लिए पैसा का जुगाड़ अधिक जरूरी होता है। सीजन 2 में भावनाओं से अधिक तकनीक की बात की गयी है। शार्क टैंक के जरिए स्टार्ट अप और इनवेस्टमेंट की दुनिया को करीब से जानने वाले दर्शक कैमियोज देखकर चौंकेंगे।

    इस शो की खासियत इसके किरदार और कलाकार ही हैं। हालांकि, सभी मुख्य कलाकार अपने करियर में काफी आगे बढ़ चुके हैं और अपने काम से नाम कमा चुके हैं। नवीन इस साल ब्रीद इन टु द शैडोज में नेगेटिव किरदार में अपना दम दिखा चुके हैं। अगर आपने पिचर्स देखा है तो फिर दूसरा सीजन आपको विंज वाच के लिए मजबूर करेगा। 

    कलाकार- नवीन कस्तूरिया, अरुणाभ कुमार, अभय महाजन, रिद्धि डोगरा, अभिषेक बनर्जी आदि।

    निर्देशक- वैभव बंधू

    निर्माता- टीवीएफ

    प्लेटफॉर्म- जी5

    अवधि- 45-60 मिनट प्रति एपिसोड, कुल एपिसोड 5

    रेटिंग- तीन स्टार