Phone Bhoot Review: कटरीना की फिल्म में न डर है और न कॉमेडी, यहां पढ़ें 'फोन भूत' का पूरा रिव्यू
Phone Bhoot Review कटरीना कैफ ईशान खट्टर और सिद्धांत चतुर्वेदी की हॉरर कॉमेडी फोन भूत सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। अगर आप भी फिल्म की टिकट पर पैसे खर्च करने की सोच रहे हैं तो यहां पढ़ें पूरा रिव्यू।
प्रियंका सिंह, मुंबई। हॉरर के साथ कॉमेडी का तड़का स्त्री, भूल भुलैया 2 फिल्मों में पसंद किया गया है। बॉक्स ऑफिस पर महामारी के बाद पड़े सूखे को हॉरर कॉमेडी फिल्म 'भूल भुलैया 2' ने हरियाली में बदल दिया था। अब कटरीना कैफ, ईशान खट्टर और सिद्धांत चतुर्वेदी अभिनीत फिल्म फोन भूत भी हॉरर कॉमेडी का स्वाद लिए हुए है। दो दोस्त गुल्लू (ईशान खट्ट) और मेजर ऊर्फ शेरदिल शेरगिल (सिद्धांत चतुर्वेदी) भूत-प्रेतों से बहुत प्रेरित हैं। उनके घर में रखे सामान, दीवारें भूतिया जगहों की याद दिलाती हैं।
क्या है फिल्म 'फोन भूत' की कहानी'
एक दिन दोनों भूतिया थीम वाली पार्टी ऑर्गनाइज करते हैं। वहां दोनों को करंट लगने के बाद सब बदल जाता है, उन्हें भूत दिखने लगते हैं। उनकी जिंदगी में भटकती आत्मा रागिनी (कटरीना कैफ) की एंट्री होती है। वह दोनों को एक बिजनेस आइडिया देती है कि वह लोगों के शरीर में घुसेगी और दोनों उसे बाहर निकालकर नाम और पैसे दोनों कमा सकते हैं। गुल्लू और मेजर की मदद करने के पीछे रागिनी का अपना मकसद है। वह तांत्रिक आत्माराम (जैकी श्रॉफ) से अपने प्रेमी को बचाना चाहती है। रागिनी की बात मानकर गुल्लू और मेजर फोन भूत हेल्पलाइन की शुरुआत करते हैं।
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पुरानी हिंदी हॉरर फिल्मों की याद दिलाती है कटरीना कैफ की 'फोन भूत'
जब दो जॉनर को मिलाकर कोई कहानी बनाई जाती है, तो उसमें दोनों जॉनर के बीच सतुंलन होना आवश्यक है। मिर्जापुर वेब सीरीज का निर्देशन कर चुके गुरमीत सिंह की इस फिल्म में कॉमेडी तो है, लेकिन हॉरर गायब है। डरते हुए हंसाने वाले पल कम ही आते हैं। फिल्म का क्लाइमेक्स पुरानी हिंदी हॉरर फिल्मों की याद दिलाती है, जिसमें एक हवेली में तांत्रिक हुआ करता था, जो भूतों को बोतल में कैद कर देता था या लाल आंखों वाले पुतले में भी अचानक से जान आ जाती थी। फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी निर्मित इस फिल्म में विजुअल इफेक्ट्स की गुंजाइश थी, लेकिन उस स्तर पर फिल्म निराश करती है। हालांकि भूतों के नजरिए से कई नई चीजें जोड़ी गई हैं, जैसे बांग्ला बोलने वाली चुड़ैल बनी शीबा चड्ढा का चरित्र कहता है कि वह फ्रीलासिंग करके थक गई है, अब वह भूतों के ग्रुप से जुड़ना चाहती हैं या फिर आत्मा को घेरने के लिए सफेद आटे की जगह फोम से सफेद लाइन बनाकर गुल्लू का उसे पार न करने की चेतावनी देना।
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ईशान और सिद्धांत की जोड़ी लोगों को आई पसंद
बच्ची में से भूत निकालने वाला सीन मजेदार है, जिसमें गुल्लू को जब पता चलता है कि भूत तमिल बोलती है, तो वह रजनीकांत की फोटो दिखाकर उसे कंट्रोल कर लेता है। ईशान और सिद्धांत की जोड़ी जब भी स्क्रीन पर आती है, वह हंसाते हैं। कटरीना कैफ ग्लैमरस तो लगी हैं, लेकिन अकेले हंसाने में कामयाब नहीं होती हैं। उनकी अंग्रेजी अंदाज में बोली गई हिंदी उनकी भूमिका को और कमजोर बनाती है। आत्माराम की भूमिका में जैकी श्रॉफ कभी हंसाते, तो कभी डराते हैं। बीच-बीच में टपोरी भाषा में उनका बात करना मजेदार है।
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आ सकता है 'फोन भूत' का सीक्वेल
चाहे चुड़ैल का चरित्र हो या इंसानों का फिल्म के लेखकों ने उन्हें अलग-अलग जाति और भाषा का बनाकर राष्ट्रीय एकीकरण का संदेश देने की नाकाम कोशिश की है। बैकग्राउंड में कई जगहों पर हिंदी फिल्मी गानों की बजाय दमदार डरावने म्यूजिक की जरुरत महसूस होती है। फिल्म के अंत में सीक्वल बनने का भी संकेत है।
फिल्म – फोन भूत
मुख्य कलाकार – कटरीना कैफ, सिद्धांत चतुर्वेदी, ईशान खट्टर, जैकी श्रॉफ, शीबा चड्ढा
निर्देशक – गुरमीत सिंह
अवधि – दो घंटा 17 मिनट
रेटिंग – दो
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