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Panga Movie Review: जया के किरदार में छा गयीं कंगना रनोट, जानिए मिले कितने स्टार

Panga Movie Review पंगा सारे देश की महिलाओं की कहानी है जो अपना सुनहरा करियर और भविष्य छोड़कर घर-परिवार की चक्की में पिस जाती हैं।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 12:06 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 08:59 AM (IST)
Panga Movie Review: जया के किरदार में छा गयीं कंगना रनोट, जानिए मिले कितने स्टार
Panga Movie Review: जया के किरदार में छा गयीं कंगना रनोट, जानिए मिले कितने स्टार

पराग छापेकर, मुंबई। सरल फिल्म बनाना सबसे मुश्किल काम होता है, जिसमें चमक-दमक ना हो, जिसमें हैरतअंगेज टेक्नोलॉजी की जगमग ना हो, लेकिन कंटेंट इतना प्रकाशमान हो, जिसमें सब साफ-साफ नजर आए। यकीन मानिए इतनी सरल फिल्म बनाना सबसे मुश्किल काम है। शायद इसीलिए हम ऋषिकेश मुखर्जी जैसे फिल्मकारों को आज भी अमर मानते हैं।

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पंगा उसी परंपरा को आगे बढ़ाती है। यह कहानी साधारण मध्यमवर्गीय सरकारी परिवार के परिवेश में बसाई गई है। जया (कंगना रनोट) और प्रशांत (जस्सी गिल) बेटे आदी (योग्य भसीन) के साथ भोपाल के रेलवे क्वार्टर में रहते हैं। जया रेलवे मैं नौकरी करती है। यात्रियों को टिकट देना उसका जॉब है। रेलवे में नौकरी उसे इसलिए मिली है क्योंकि वह कबड्डी नेशनल टीम की कप्तान रही है। देश के लिए कई सारे मेडल जीत चुकी है। लेकिन शादी के बाद घर-परिवार बच्चा नौकरी मे खो गई है।

एक इमोशनल दृश्य के बाद बेटा आदी इस बात की जिद पकड़ लेता है, उसकी मां को कमबैक करना चाहिए । और बाल हठ पूरा करने के लिए मां-बाप इस ड्रामे को अंजाम देने पर लग जाते हैं। आगे क्या होता है, इसी धागे से बुनी गई है पंगा। अभिनय की बात करें तो जया के किरदार में कंगना पूरी तरह से छा जाती हैं। एक मध्यमवर्गीय महिला, उसकी मजबूरियां, उसके सपने, उसका अतीत, जो बारीकियां कंगना ने पेश की हैं, वह वाकई काबिले-तारीफ़ है।

पंजाब के स्टार जस्सी गिल प्रशांत के किरदार में में लोगों के दिलों में बस जाते हैं। जिस तरह से उन्होंने प्रशांत को निभाया है, उनसे प्यार हो जाता है। रिचा चड्ढा एक अलग ही फॉर्म में नजर आती हैं। हालांकि वो फिल्म में मुख्य भूमिका में नहीं हैं, उनकी फिल्मोग्राफी में इस फ़िल्म का उल्लेख हमेशा आएगा। सबसे उल्लेखनीय रहा है भसीन का किरदार। छोटा पैकेट बड़ा धमाका। 10 साल के योग्य पर्दे पर जिस तरह से परफॉर्म करते हैं, लगता ही नहीं कि वह अभिनय कर रहे हैं।

जया की मां बनी नीना गुप्ता का किरदार लंबा नहीं है, मगर उनकी उपस्थिति दृश्य की मजबूती बढ़ा देती है। बाकी सब कलाकारों का भी प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा। कुल मिलाकर पंगा सारे देश की महिलाओं की कहानी है, जो अपना सुनहरा करियर और भविष्य छोड़कर घर-परिवार की चक्की में पिस जाती हैं और उफ़ तक नहीं करतीं। इस फिल्म को देखने के बाद उम्मीद की जा सकती है कि जो महिलाएं काम पर लौटने का सपना मन में संजोए हुए हैं, वे उस पर थोड़ा और ध्यान देंगी और साथ ही साथ उनका परिवार भी कहीं सोचने पर मजबूर होगा! 

निर्देशक अश्विनी अय्यर तिवारी ने अपना काम बख़ूबी अंजाम दिया है। निल बटे सन्नाटा और बरेली की बर्फ़ी जैसी सराही गयीं फ़िल्में बनाने वाली अश्विनी ने एक बार फिर साबित किया कि बड़ी बातों को सरलता के साथ पर्दे पर कैसे पेश किया जाता है।

विचार बहुत बड़ा है, मगर ये उम्मीद तो की ही जा सकती है। इसीलिए पंगा ना सिर्फ एक मनोरंजक फ़िल्म है। साथ ही प्रेरणादाई भी। इसे ज़रूर देखा जाना चाहिए। 

कलाकार- कंगना रनोट, जस्सी गिल, नीना गुप्ता, रिचा चड्ढा, योग्य भसीन आदि।

निर्देशक- अश्विनी अय्यर तिवारी

निर्माता- फॉक्स स्टार स्टूडियोज़

निष्कर्ष- **** (चार स्टार)


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