Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Meenakshi Sundareshwar Review: लांग डिस्टेंस रिलेशनशिप को समझाने में कमजोर पड़े सान्या मल्होत्रा और अभिमन्यु दसानी

    By Anand KashyapEdited By:
    Updated: Mon, 08 Nov 2021 06:05 PM (IST)

    फिल्ममेकर करण जौहर जहां एक तरफ सिनेमा के लिए भव्य स्तर पर फिल्में बना रहे हैं। वही उनकी कंपनी धर्मे टिक एंटरटेनमेंट प्रोडक्शन डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए लगातार कंटेंट बना रही है। मीनाक्षी सुंदरेश्वर फिल्म भी उन्हीं में से एक है जो डिजिटल प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है।

    Hero Image
    फिल्म मीनाक्षी सुंदरेश्वर- तस्वीर : Instagram: abhimanyud

    प्रियंका सिंह। फिल्ममेकर करण जौहर जहां एक तरफ सिनेमा के लिए भव्य स्तर पर फिल्में बना रहे हैं। वही उनकी कंपनी धर्मे टिक एंटरटेनमेंट प्रोडक्शन डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए लगातार कंटेंट बना रही है। मीनाक्षी सुंदरेश्वर फिल्म भी उन्हीं में से एक है, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है। कहानी शुरू होती है मदुरै से जहां मीनाक्षी (सान्या मल्होत्रा) को देखने के लिए लड़का आने वाला है। इंजीनियर सुंदरेश्वर (अभिमन्यु दसानी) अपने परिवार के साथ मीनाक्षी के घर पहुंचता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरअसल, यह वह परिवार नहीं है जिसका इंतजार मीनाक्षी के घर वाले कर रहे हैं। मैरिज ब्यूरो की गलती की वजह से सुंदरेश्वर का परिवार मीनाक्षी के घर पहुंच जाता है। हालांकि इस कंफ्यूजन के बाद भी मीनाक्षी और सुंदरेश्वर एक-दूसरे को पसंद कर लेते हैं। सुंदरेश्वर जॉब की तलाश में है। उसे बेंगलुरु की ऐप डेलवप करने वाली कंपनी में जॉब मिल जाती है। उसकी कंपनी शादीशुदा लोगों को जॉब नहीं देती है। ऐसे में अपनी शादी की बात सुंदरेश्वर को छुपानी पड़ती है। सुंदरेश्वर मीनाक्षी को अपनी दिक्कत बताता है। वह समझ जाती है।

    दोनों लांग डिस्टेंस रिलेशनशिप को संभालने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। क्या अलग-अलग शहर में रहने की वजह से उनका रिश्ता बिगड़ जाएगा, क्या वह अपने रिश्ते को संभाल पाएंगे। इसी पर कहानी आगे बढ़ती है। मीनाक्षी सुंदरेश्वर एक साधारण सी फिल्म है, जिसमें कोई ट्विस्ट नहीं है। ऐसे में कहानी एक वक्त के बाद ऊबाऊ हो जाती है। फिल्म की अवधि कहानी को और बोझिल बना देती है। अरेंज मैरिज, लांग डिस्टेंस रिलेशनशिप से गुजरते हुए फिल्म अंत तक पहुंचती जरूर है, लेकिन वह अहसास गायब है, जो इस जोड़े को बांधे रखता है।

    अरेंज मैरिज में दो लोगों के बीच इतनी समझदारी होने के पीछे की वजहों को फिल्म के लेखक अर्श वोरा और विवेक सोनी समझा नहीं पाए हैं, जबकि उनके पास वक्त की कमी नहीं थी। उन्होंने फिल्म का फील दक्षिण भारतीय जरूर रखा है, लेकिन उन्होंने कलाकारों के डायलाग्स को उस भाषा में नहीं बांधा, ऐसे में दृश्य सुंदर जरूर लगते हैं, लेकिन जैसे ही किरदार अपने डायलाग्स बोलते हैं, उनके बीच तालमेल बिठाना मुश्किल हो जाता है। संयुक्त परिवार के बीच नवविवाहित जोड़े का खुद के लिए फुर्सत के लम्हें बिताने वाले दृश्य अच्छे बन पड़े हैं।

    पति की गैरमौजूदगी में पत्नी का किसी पुरुष मित्र से बात करने पर ससुराल वालों का बुरा मानना या मीनाक्षी का छोटी सी कंपनी में काम करके कुछ बड़ा कर दिखाने की सोच को सतही तौर पर दिखा दिया गया है। ऐसे में विवेक ने मुद्दे कई उठाए हैं, लेकिन उन सबको बीच में अधूरा छोड़ दिया है। अरेंज मैरिज में लड़की का अपने मनपंसद साथी के लिए बनाई लिस्ट पर टिक करने वाले दृश्य मजेदार बन पड़े हैं। रजनीकांत की फिल्म रिलीज होने पर सिंगल स्क्रीन थिएटर में उनके प्रशंसकों का प्यार दर्शाने वाले सीन वास्तविक लगते हैं।

    कम्युनिकेशन रिलेशनशिप के लिए एक ऑक्सीजन की तरह होता है...कम्युनिकेशन न होने पर गलतफहमियां पैदा होती हैं, उससे रिलेशनशिप खत्म हो जाती है... लांग डिस्टेंस रिलेशनशिप मुश्किल होते हैं, लेकिन खास भी होते हैं... ऐसे कई संवाद हैं, जिससे लांग डिस्टेंस रिलेशनशिप में रहने वाले इत्तेफाक रखेंगे। सान्या दक्षिण भारतीय लड़की के किरदार में जंची हैं। जहां एक ओर वह नए परिवार के बीच पति के इंतजार में नई बहू की पीड़ा को दर्शाती हैं, वहीं रजनीकांत के फैन के किरदार में वह मनोरंजन करती हैं।

    एक साधारण दक्षिण भारतीय परिवार के लड़के के किरदार में अभिमन्यु का काम अच्छा है। फिल्म के बाकी कलाकार अपने किरदारों में सहज लगे हैं। फिल्म में शुरुआत में मदुरै के प्रसिद्ध मंदिर मीनाक्षी सुंदरेश्वर की जिक्र भी है, जिसकी अहमियत भी बताई गई है। देबोजीत रे की सिनेमैटोग्राफी और प्रोडक्शन डिजाइनर्स की मेहनत की वजह से दक्षिण भारतीय संस्कृति को महसूस किया जा सकता है। तितर बितर गाना कर्णप्रिय है।

    फिल्म : मीनाक्षी सुंदरेश्वर

    मुख्य कलाकार : सान्या मल्होत्रा, अभिमन्यु दसानी

    निर्देशक : विवेक सोनी

    अवधि : दो घंटा 21 मिनट

    प्रसारण प्लेटफॉर्म : नेटफ्लिक्स

    रेटिंग : ढाई