Move to Jagran APP

Movie Review: नानी की कहानियों का तिलिस्म है 'तुम्बाड'

फिल्म में हॉरर, तिलिस्मी दुनिया की कहानियां, दादी-नानी की कहानियां और नैतिक शास्त्र का मनोरंजन मिश्रण है।

By Rahul soniEdited By: Published: Fri, 12 Oct 2018 12:50 PM (IST)Updated: Fri, 12 Oct 2018 12:50 PM (IST)
Movie Review: नानी की कहानियों का तिलिस्म है 'तुम्बाड'
Movie Review: नानी की कहानियों का तिलिस्म है 'तुम्बाड'

- पराग छापेकर 

loksabha election banner

- स्टारकास्ट :

- निर्देशक : राही अनिल बर्वे और आनंद गांधी

- निर्माता : सोहम शाह और आनंद एल राय

भूत, प्रेत, राक्षस और चुड़ैल इस तरह की रहस्यमई कहानियां हर हिंदुस्तानी बच्चे ने दादी नानी से सुनी है और शायद इसीलिए भारतीय दर्शक इस रहस्यमई दुनिया मैं हमेशा झांकना पसंद करता है। भूत प्रेत आत्माओं पर आधारित हॉरर फिल्म हमारे यहां पर काफी पुरानी है और दर्शकों के बीच लोकप्रिय भी है।  रामसे से लेकर रामू तक हमने कई हॉरर फिल्में देखी लेकिन 'तुम्बाड' अपनी तरह की पहली हिंदुस्तानी फिल्म है जिसमें भूत प्रेत नहीं मगर शैतान बन चुके भगवान की एक रहस्यमई दुनिया है। 

इंसान अपनी प्रगति के लिए कदम उठा सकता है मगर अगर वह लालच के अधीन हो जाए तो क्या हालात पैदा हो सकते हैं, इसका बहुत ही खूबसूरती से निर्देशन राही अनिल बर्वे और आदेश प्रसाद ने किया है। 19वी सदी के अंत में यह कहानी को पुणे के आस-पास किसी तुम्बाड गांव में दर्शाया गया है। इस गांव में राव परिवार अभिशाप और आशीर्वाद दोनों से ही ग्रस्त है। उनके पास है खानदानी खजाना है जहां तक पहुंचने का रास्ता और तरीका बेहद खतरनाक। बचपन से ही विनायक इस खजाने को हासिल करना चाहता था मगर हालात के चलते उसकी मां के साथ उसे गांव छोड़ना पड़ता है। मगर खजाने का लालच बड़ा होने पर उसे तुम्बाड की ओर खींच लाता है। क्या विनायक को खजाना मिलेगा या उस रहस्यमई दुनिया में विनायक खो जाएगा? इसी पर आधारित है फिल्म तुम्बाड। 

फिल्म शताब्दी के ब्रिटिश शासन काल की पृष्ठभूमि में है। इसमें हॉरर, तिलिस्मी दुनिया की कहानियां, दादी नानी की कहानियां और नैतिक शास्त्र का मनोरंजन मिश्रण है। फिल्म के निर्माण में एक-एक चीज का बहुत ही सावधानी से ध्यान रखा गया है। एक पीरियड फिल्म की तरह बैकग्राउंड की एक-एक चीज को विश्वसनीय बनाया गया है। मोटरसाइकिल से लेकर लाइटर तक हर चीज को फिल्म में दर्शाने में इतनी मेहनत हुई होगी जितनी किसी बड़ी पीरियड फिल्म को बनाने में की जाती है यह समझना बहुत ही आसान है। इसका प्रोडक्शन डिजाइन हर मायने में विश्वस्तरीय है।

अभिनय की बात करें फिल्म के निर्माता और अभिनेता सोहम शाह विनायक के किरदार में पूरी तरह से आपका दिल जीत लेते हैं। बाकी कलाकारों ने भी फिल्म की विश्वसनीयता को ही आगे बढ़ाया है। मितेश शाह, आदेश प्रसाद, राही अनिल बर्वे और आनंद गांधी का स्क्रीनप्ले कमाल है।

पंकज कुमार की सिनेमैटोग्राफी फिल्म को आगे बढ़ाती है। अजय अतुल का संगीत कर्णप्रिय है। कुल मिलाकर यह कहा जाए तो गलत नहीं होगा अगर 'तुम्बाड' को आप हॉरर फिल्म की तरह देखने जाएंगे तो शायद आप निराश हो जाए लेकिन अगर आप एक रहस्यमई तिलिस्मी दुनिया में जाना चाहते हैं तो निश्चित ही तुम्बाड आपको एक अलग दुनिया में ले जाएगी जहां आप कभी नहीं गए हैं। इस जॉनर कि यह अपने आप में पहली फिल्म है।

जागरण डॉट कॉम रेटिंग: पांच (5) में से तीन (3) स्टार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.