Mardaani 2 Movie Review: मौजूदा हालात में दमदार परफॉर्मेंस वाली ज़रूरी फ़िल्म, जानिए मिले कितने स्टार
Mardaani 2 Movie Review मासूम लड़कियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं की जांच करते हुए शिवानी को अपने ही डिपार्टमेंट की रूढ़िवादी सोच का सामना करना पड़ता है पढ़ें पूरा रिव्यू।
पराग छापेकर, मुंबई। तेलंगाना दुष्कर्म और हत्या का मामला हो या उन्नाव की पीड़ित लड़की के साथ दरिंदगी, महिलाएं आज भी सुरक्षित नहीं हैं। 21वीं सदी में हम महिला सशक्तिकरण और विकास की कितनी ही बातें क्यों ना कर लें, किसी किसी ना किसी कोने में नारी उत्पीड़न का शिकार हो रही है।
कुछ नर पशु औरत को सिर्फ उपभोग की वस्तु समझते हैं। वहीं समाज के कुछ तबके ऐसे हैं, जो औरत को बराबरी का दर्जा देना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं। फिल्म 'मर्दानी 2' कुछ ऐसे ही विषय-वस्तु पर आधारित है। शिवानी शिवाजी रॉय (रानी मुखर्जी) जो एक आईपीएस ऑफिसर है। उसका तबादला कोटा शहर में एसपी के पद पर होता है।
शहर में महिलाओं के ख़िलाफ़ दुष्कर्म और हत्याकांड का सिलसिला शुरू होता है। मासूम लड़कियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं की जांच करते हुए शिवानी को अपने ही डिपार्टमेंट की रूढ़िवादी सोच का सामना करना पड़ता है और इसी राजनीति के तहत उसका तबादला हो जाता है। 3 दिनों में शिवानी को इस नर पशु को पकड़ना है। मनोवैज्ञानिक रूप से बीमार और चालाक। क्या शिवानी पकड़ पाएगी या नहीं, इसी ताने-बाने पर बुनी गई है मरदानी2।
निर्देशक गोपी पुथरन ने फिल्म की पटकथा लिखी है। वह दर्शकों पर अपनी पकड़ लगातार बनाए रखती है। फिल्म के हर दृश्य में उत्सुकता के साथ भयावहता बनी रहती है। फिल्म के माध्यम से जो संदेश देना चाहते थे, वह पूरी तरह से सफल हुआ है। शिवानी शिवाजी रॉय के किरदार में रानी मुखर्जी पूरी तरह से अपनी भूमिका को जीवंत करती नजर आती हैं।
खासतौर पर क्लाइमैक्स के दृश्य में जब वह रोती हैं और उसके के बाद उनके चेहरे पर जो निश्चय का भाव आता है, उस दृश्य में वह कमाल कर जाती हैं। फिल्म में ख़ूंखार अपराधी का किरदार निभा रहे विशाल जेठवा ने अभूतपूर्व परफॉर्मेंस दी है। उनके पर्दे पर आते ही दर्शकों के दिलों में एक ख्वाब भर जाता है। किरदार के लिए नफरत की इंतेहा वह खुद पैदा कर देते हैं।
एक सशक्त अभिनेता के रूप में विशाल जेठवा को आगे भी इतनी अच्छी भूमिकाएं बॉलीवुड देगा, उम्मीद की जा सकती है। आज के परिप्रेक्ष्य में मरदानी 2 एक आवश्यक फिल्म है। आवश्यक इसलिए, ताकि इसी तरह की फिल्मों से शायद समाज के उन तबकों में थोड़ी समझ पैदा हो, जो औरत को दोयम दर्जे का मानते हैं। साथ ही ऐसे हालातों की शिकार लड़कियां लड़ने के लिए प्रेरित हो सकें।
कलाकार- रानी मुखर्जी, विशाल जेठवा आदि।
निर्देशक- गोपी पुथरन
निर्माता- यशराज फ़िल्म्स
वर्डिक्ट- **** (चार स्टार)