Move to Jagran APP

Liger Movie Review: बेहद 'फीकी' है विजय देवरकोंडा और अनन्या पांडे की 'लाइगर', यहां पढ़ें फिल्म का पूरा रिव्यू

Liger Movie Review अनन्या पांडे और विजय देवरकोंडा की फिल्म पर पुरी जगन्नाथ ने बिल्कुल भी फोकस नहीं कर पाए। उन्होंने लॉजिक रखना कतई जरूरी नहीं समझा। पुराने फार्मूलों पर आधे अधूरे किरदारों के साथ लाइगर को बनाया है।

By Ruchi VajpayeeEdited By: Published: Fri, 26 Aug 2022 01:46 PM (IST)Updated: Fri, 26 Aug 2022 01:46 PM (IST)
Liger Movie Review: बेहद 'फीकी' है विजय देवरकोंडा और अनन्या पांडे की 'लाइगर', यहां पढ़ें फिल्म का पूरा रिव्यू
Vijay Deverakonda and Ananya Panday's Liger is fails to impress

स्मिता श्रीवास्‍तव, मुंबई। फिल्‍म लाइगर के प्रमोशन के दौरान बताया गया था कि यह शीर्षक लायन और टाइगर को मिलाकर कर बनाया गया है। फिल्‍म के नायक में यह खूबियां बताई गई हैं। वह बखूबी उसमें हैं, लेकिन बाकी किरदार और क्‍लाइमेक्‍स इतना कमजोर है कि आप इसे लाइक नहीं कर पाएंगे, यह माइंडलेस फिल्‍म है।

loksabha election banner

कहानी साधारण सी है। चाय विक्रेता बालामणि (राम्‍या कृष्‍णन) और उसका बेटा लाइगर (विजय देवरकोंडा) बनारस से मुंबई आते हैं। मुंबई में लाइगर की एंट्री के साथ ही उसकी ताकत का परिचय हो जाता है पर वह हकलाता है। हकलाने को लेकर उसे कोई शर्म भी नहीं है। वह मिक्‍स्ड मार्शल आर्ट (एमएमए) लीजेंड मार्क एंडरसन (माइक टायसन) का प्रशंसक है।

बाला अपने बेटे को एमएमए का नेशनल चैंपियन बनाना चाहती है। वह उसे एमएमए एकेडमी चलाने वाले मास्‍टर (रोनित राय) के पास लेकर जाती है। मास्‍टर उसे लड़कियों से दूर रहने की सलाह देते हैं। लाइगर की फाइट देखने के बाद सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर तान्‍या (अनन्‍या पांडे) उसे दिल दे बैठती है। अमीर परिवार से संबंध रखने वाली तान्‍या का भाई संजू (विश) भी प्रख्‍यात फाइटर होता है। तान्‍या के प्‍यार में पड़ने के बाद लाइगर की जिंदगी का रुख बदल जाता है।

हिंदी में ‘शर्त द चैलेंज’ और ‘बुड्ढा होगा तेरा बाप’ फिल्‍में दे चुके फिल्‍ममेकर पुरी जगन्‍नाथ ने अब फिल्‍म लाइगर की स्‍टोरी, स्‍क्रीनप्‍ले, लिखने के साथ निर्देशन भी किया है। फिल्‍म में मास्‍टर कई बार फोकस करने को कहता है, लेकिन पुरी लेखन पर बिल्‍कुल भी फोकस नहीं कर पाए। उन्‍होंने लॉजिक रखना कतई जरूरी नहीं समझा। पुराने फार्मूलों पर आधे अधूरे किरदारों के साथ लाइगर को बनाया है। लेखन के स्‍तर पर फिल्‍म बेहद कमजोर है। एमएमए आर्टिस्‍ट की बहन होने के बावजूद तान्‍या, लाइगर की फाइटिंग स्‍टाइल को देखकर कहती है- यह चाइनीज है क्‍या? उसके फाइट पंच देखकर ऐसे अचंभित होती है, जैसे पहली बार देख रही है। उसने अपने भाई को कभी रिंग में फाइट करते देखा ही नहीं।

फिल्‍म में महिलाओं को लेकर जिस प्रकार की डायलागबाजी है, वह भी कहीं-कहीं अखरती है। लाइगर खुद एमएमए आर्टिस्‍ट है। वह विदेशी महिलाओं को क्राव मागा करते देखकर आश्‍चर्यचकित होता है। ऐसा लगता है कि उसे इस दुनिया के बारे में कुछ पता ही नहीं है। फिल्‍म लाइगर का आकर्षण पहली बार किसी भारतीय फिल्‍म में अमेरिकी मुक्‍केबाज माइक टायसन का होना है।

फिल्‍म प्रमोशन के दौरान जोर शोर से उनका जिक्र किया गया। फिल्‍म में उन्‍हें देखने की खासी जिज्ञासा थी। हालांकि, जिस तरह से उनके किरदार को लिखा गया और उनके साथ दृश्‍यों को फिल्‍माया गया, वह माइंडलेस है। उसे देखकर घोर निराशा होती है। फिल्‍म में कई फाइट सीन हैं, लेकिन उनमें कोई कौतूहल, रोमांच या इमोशन नहीं है।

विजय देवरकोंडा की यह पहली पैन इंडिया फिल्‍म है। उन्‍होंने अपने किरदार को लेकर खासी मेहनत की है। उनकी मेहनत स्‍क्रीन पर साफ झलकती भी है। हकलाने की वजह से उनके हिस्‍से में ज्‍यादा डायलाग भी नहीं आए हैं। डायलागबाजी ज्‍यादातर राम्‍या और रोनित के हिस्‍से में आई है। फिल्‍म बाहुबली के बाद यहां भी राम्‍या कृष्‍णन को सशक्‍त मां का किरदार मिला है पर वह ज्‍यादातर चीखती चिल्लाती और ज्ञान देती ही नजर आई हैं। ड्रामा क्‍वीन तान्‍या के किरदार में अनन्‍या पांडेय ग्‍लैमरस लगी हैं।

हालांकि अभिनय के स्‍तर पर उन्‍हें अभी काफी काम करने की जरूरत है। माइक टायसन के साथ विजय के फाइटिंग सीन भी यादगार नहीं बन पाए हैं। रोनित राय अपने किरदार में सहज लगे हैं। फिल्‍म में चंकी पांडेय को सरप्राइज के तौर पर रखा गया है। उनके और तान्‍या के इक्‍के दुक्‍के सीन हैं, लेकिन वह बिल्‍कुल भी दमदार नहीं हैं। विश का किरदार बेहद कमजोर है। विष्‍णु शर्मा की सिनेमेटोग्राफी जरूर दिलचस्प है।

बहरहाल, एमएमए की पृष्‍ठभूमि में गढ़ी गई इस कहानी में कोई नयापन नहीं है। फिल्‍म का गीत संगीत भी साधारण है। फिल्‍म में मनोरंजन के लिए एक्‍शन, रोमांस, डांस सबका तड़का लगाया गया है, लेकिन कमजोर स्क्रीनप्ले की वजह से यह ना तो यह पूरी तरह स्पोर्ट्स ड्रामा बन पाई, ना ही समुचित प्रेम कहानी।

फिल्‍म रिव्‍यू: लाइगर साला क्रासब्रीड

प्रमुख कलाकार: विजय देवरकोंडा, अनन्‍या पांडे, राम्‍या कृष्‍णन, विश, माइक टायसन, चंकी पांडेय

निर्देशक: पुरी जगन्‍नाथ

अवधि: दो घंटा बीस मिनट

स्‍टार: डेढ़


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.