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    Kis Kisko Pyaar Karoon 2 Review: पुराने फॉर्मूले पर बनी हल्की-फुल्की कॉमेडी, देखने लायक है कपिल शर्मा की मूवी?

    By Smita SrivastavaEdited By: Rinki Tiwari
    Updated: Fri, 12 Dec 2025 10:40 AM (IST)

    Kis Kisko Pyaar Karoon 2 Movie Review: 10 साल बाद कपिल शर्मा (Kapil Sharma) 'किस किसको प्यार करूं' का सीक्वल लेकर आए हैं। इस बार वह तीन नहीं बल्कि चार ...और पढ़ें

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    किस किसको प्यार करूं 2 मूवी रिव्यू। फोटो क्रेडिट- इंस्टाग्राम

    फिल्म रिव्यू: किस किसको प्यार करूं 2

    कलाकार: कपिल शर्मापारुल गुलाटीत्रिधा चौधरीआयशा खानहीर वरीना

    लेखक–निर्देशक: अनुकल्प गोस्वामी

    अवधि: 142 मिनट

    स्टार: ढाई

    स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। करीब दस साल पहले आई 'किस किस को प्यार करूं' (Kis Kisko Pyaar Karoon) से कामेडियन कपिल शर्मा (Kapil Sharma) ने बड़े पर्दे पर अभिनय की शुरुआत की थी। उस फिल्म में हीरो परिस्थितियों के कारण तीन शादियों के जंजाल में फंस जाता है जबकि उसका दिल किसी और के लिए धड़कता है। एक दशक बाद आए इसके सीक्वल का मूल आधार भी लगभग वैसा ही है। हालांकि कहानी, पात्र और स्थान अलग हैं, लेकिन केंद्रीय सूत्र वही उलझनों और गलतफहमियों से उपजा हास्य है। बदलते सिनेमाई दौर के बावजूद यह फिल्म मूल कथा, संरचना का दोहराव अधिक लगती है।

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    किस किसको प्यार करूं 2 की कैसी है कहानी?

    फिल्म की कहानी भोपाल से शुरू होती है, जहां मोहन शर्मा (कपिल शर्मा) अपनी प्रेमिका सान्या (हीरा वरीना) से बेइंतहा मोहब्बत करता है। दोनों अलग धर्म के हैं, इसलिए परिवार उनके रिश्ते के खिलाफ खड़े हैं। जब वे रजिस्ट्री मैरिज करने पहुंचते हैं, तो परिजन वहीं हंगामा खड़ा कर देते हैं। सान्या को पाने के लिए मोहन अपना धर्म बदलकर महमूद बन जाने का फैसला लेता है।

    इसी बीच सान्या के पिता उसकी शादी किसी और लड़के से तय कर देते हैं, पर जैसे ही उन्हें मोहन के धर्म परिवर्तन करके महमूद बनने का पता चलता है वे राजी हो जाते हैं। सान्या के पिता (विपिन शर्मा) उसे सरप्राइज देना चाहते है, पर घटनाओं की उलझन इतनी बढ़ जाती है कि महमूद का निकाह रूही (आयशा खान) से हो जाता है।

    Kis Kisko Pyaar Karoon

    दूसरी ओर मोहन के माता-पिता उसे जबरन मीरा (त्रिधा चौधरी) के साथ शादी के बंधन में बांध देते हैं। तभी सान्या का फोन आता है कि वह गोवा पहुंच चुकी है और उसने ईसाई धर्म अपना लिया है और सामूहिक विवाह में मोहन से शादी करना चाहती है। मोहन का जिगरी दोस्त हबी (मनजोत सिंह) उसकी हर शादी का गवाह भी बनता है और हर मुसीबत में उसके साथ रहता है। हबी ही गोवा जाने का इंतजाम करता है। मीरा और रूही भी अलग-अलग परिस्थितियों में गोवा पहुंच जाती हैं।

    चर्च में मोहन को सान्या नहीं मिलती, बल्कि जेनी (पारुल गुलाटी) के साथ उसकी एक और शादी हो जाती है। मोहन अपनी आपबीती फादर (असरानी) से साझा करता है। इसी बीच गोवा से इंस्पेक्टर डेविड डी’कोस्टा उर्फ डी.डी. (सुशांत सिंह) तीन शादियां करने वाले युवक की तलाश करते हुए भोपाल पहुंचता है। वह जेनी का भाई है और फादर से मिली जानकारी के आधार पर मोहन को पकड़ने निकला है। आगे कहानी इस सवाल पर टिकती है कि मोहन के तीनों विवाहों का राज कैसे खुलेगा? सान्या कहां गायब हो गई? और क्या मोहन-सान्या अंततः मिल पाएंगे?

    Kis Kisko Pyaar Karoon movie

    मूल फिल्म के लेखक अनुकल्प गोस्वामी ने इस बार निर्देशन की कमान संभाली है और वही फार्मूला दोहराया है। हास्य, गलतफहमियों की भरमार और निजी संबंधों की उलझन से पैदा हुई कॉमेडी। उसमें शुरुआती हिस्सा मोहन की तीन शादियों और उससे उपजी परिस्थितियों में गढ़ा है। डी.डी. के आगमन के बाद कहानी में गति आती है।

    कहां चूकी फिल्म?

    फिल्म एक सिरे से बेसिर-पैर की कॉमेडी है जहां तर्क की तलाश बेमानी है। कई दृश्य घिसे-पिटे महसूस होते हैं, खासकर वे पल जहां दोनों पत्नियां मोहन से एक जैसे संवाद बोलती हैं ट्रेन पटरी पर जाकर जान देने की धमकी देना आदि। फिर भी बीच-बीच में कुछ संवाद चुटीले हैं और हंसी के क्षण गढ़ लेते हैं। फिल्म का एक सराहनीय पक्ष यह है कि मजाकिया घटनाओं के बीच यह सभी धर्मों के प्रति सम्मान और समानता का संदेश भी देने की कोशिश करती है। किन्नरों के नृत्य वाले दृश्य में हास्य और ऊर्जा दोनों हैं। हालांकि क्लाइमैक्स बहुत दमदार नहीं बन पाया है।

    कॉमेडियन की छवि नहीं छोड़ पाए कपिल शर्मा

    कलाकारों में कपिल शर्मा बेहतरीन कॉमेडियन हैं, लेकिन अभिनय की दृष्टि से यहां चिरपरिचित अंदाज में दिखते हैं। कई दृश्यों में लगता है मानो द कपिल शर्मा शो देख रहे हों। अभिनेत्रियों में आयशा खान, हीरा वरीना और पारुल गुलाटी ने अपनी भूमिकाओं को ईमानदारी से निभाया है। त्रिधा चौधरी इनमें बाजी मारती हैं। सुशांत सिंह पूरी शिद्दत से भूमिका में उतरते हैं और स्क्रीन पर दमदार मौजूदगी दर्ज कराते हैं। 

    बाकी कलाकारों ने फूंकी जान

    असरानी का बहुभाषी कॉमिक अंदाज मनोरंजक है, वहीं अखिलेंद्र मिश्रा और विपिन शर्मा अपने दृश्यों को जीवंत बना देते हैं। मनजोत सिंह दोस्त की भूमिका में जंचे हैं। हालांकि उन्‍हें अब दोस्‍तों की भूमिका से इतर कुछ नया तलाशना चाहिए। गीत-संगीत में हनी सिंह का गाना ‘फुर्र’ छोड़ दें तो बाकी ट्रैक साधारण हैं। सिनेमेटोग्राफर रवि यादव ने भोपाल के एरियल शॉट्स प्रभावी तरीके से कैद किए हैं।

    Kapil Sharma Movie

    यदि कहानी थोड़ी चुस्त होती और हास्य पर अधिक मेहनत की जाती, तो यह फिल्म बेहतरीन कॉमेडी साबित हो सकती थी। फिर भी, कुछ मजेदार पलों और हल्के-फुल्के मनोरंजन के कारण 'किस किस को प्यार करूं 2' को टाइमपास के तौर पर देखा जा सकता है। हल्की-फुल्की, दिमाग बंद करके देखने वाली कॉमेडी पसंद करने वालों के लिए यह फिल्म ठीक-ठाक मनोरंजन देती है बस अधिक उम्मीदें लेकर न बैठें।