Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kandahar Movie Review: हार्डकोर एक्शन फिल्म है जेरार्ड बटलर और अली फजल की 'कंधार', कहानी मत ढूंढिए

    By Manoj VashisthEdited By: Manoj Vashisth
    Updated: Fri, 16 Jun 2023 08:01 PM (IST)

    Kandahar Movie Review कंधार का निर्देशन रिक रोमन वा ने किया है जो एंजेल हैज फालेन और ग्रीनलैंड जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। जेरार्ड ने अभिनय के साथ सह-निर्माण भी किया है। कहानी ईरान में दिखायी गयी है।

    Hero Image
    Kandahar Movie Review Gerard Butler Ali Fazal Film Hardcore Action Film. Photo- Instagram

    प्रियंका सिंह, मुंबई। डिजिटल प्लेटफार्म पर एक्शन और स्पाइ फिल्मों की फेहरिस्‍त में जेरार्ड बटलर और अली फजल अभिनीत ‘कंधार’ भी शामिल हो गई है। जेरार्ड इस फिल्म से बतौर निर्माता भी जुड़े हैं। फिल्म प्राइम वीडियो पर आ गयी है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या है 'कंधार' की कहानी?

    फिल्म की कहानी ईरान से शुरू होती है। अमेरिका नहीं चाहता है कि ईरान अपनी परमाणु शक्ति को बढ़ाए। ऐसे में वह अपने सीआईए एजेंट टॉम हैरिस (जेरार्ड बटलर) को ईरान मिशन पर भेजता है। टॉम वहां के खुफिया न्यूक्लियर रिसर्च प्लांट में बम लगाकर निकल जाता है। टॉम की निजी जिंदगी में भी काफी उथल-पुथल मची है। पत्नी से उसका तलाक होने वाला है।

    इस मिशन को अंजाम देने के बाद वह अपनी बेटी के ग्रेजुएशन समारोह में जाने वाला है। घर लौटने से पहले उसका सीआईए संचालक रोमन (ट्राविस फिमल) उसे अफगानिस्तान में एक और मिशन पर जाने के लिए कहता है। इसके लिए वह उसे मुंह मांगे पैसे देता है। बेटी की पढ़ाई के लिए पैसों की खातिर टॉम मिशन पर जाने के लिए तैयार हो जाता है।

    वहां उसके अनुवादक के तौर पर मोहम्मद उर्फ मो (नेविड नेगबन) को भेजा जाता है। टॉम को ईरान में अफगानी इलाके हेरात से होते हुए दाखिल होना होता है। हेरात में पहले से ही कई देश के एंजेंट्स हैं। न्यूक्लियर प्लांट में ब्लास्ट करने के लिए जिम्मेदार टॉम का चेहरा न्यूज चैनल पर दिखा दिया जाता है।

    ईरानियों के साथ आइएसआइ एजेंट काहिल नसीर (अली फजल) भी टॉम को पकड़ने में लग जाता है। टॉम को अब कंधार पहुंचना हैं, जहां से उसे उसकी टीम निकाल सकती है। क्या वह इसमें कामयाब होगा? इस पर फिल्म बढ़ती है।

    कैसा है स्क्रीनप्ले और अभिनय?

    एंजेल हैज फालेन, ग्रीनलैंड जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके रिक रोमन वा की यह फिल्म अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनी कमर्शियल फिल्मों के लिए बने उन सभी मानकों पर खरी उतरी है, जिनमें अनदेखे लोकेशन्स, जबरदस्त एक्शन, पीछा करने वाले सीन, विजुअल इफेक्ट्स हैं, लेकिन जब बात आती है कहानी की तो वहां फिल्म बहुत कमजोर पड़ जाती है।

    बहुत तेजी से फिल्म में एक के बाद एक कई किरदार जुड़ते चले जाते हैं। ऐसे में सभी पात्रों को उनके नामों के साथ याद रखना, उनके मंसूबों को जानकर कहानी से जोड़ने में दर्शकों को भी सजग रहना होगा।

    फिल्म की शूटिंग सउदी अरब के अलऊला शहर में हुई है। सिनेमैटोग्राफर मैकग्रेगर की तारीफ करनी होगी, जिन्होंने रेगिस्तान में इस एक्शन फिल्म को शूट किया गया।

    अली और जेरार्ड के बीच गोलियां बरसाने वाला सीन भी जबरदस्त हैं। अफगानिस्तान में तालिबानियों की घुसपैठ और उनकी वजह से वहां रह रहे अफगानी परिवारों का हाल, लड़कियों की पढ़ाई-लिखाई पर पांबदी, महिलाओं की आजादी पर पहरा जैसे कई मुद्दों को सतही तौर पर केवल संवाद में खत्म कर दिया गया है।

    पहले अमेरिकी आर्मी और फिर तालिबानियों को झेल रहे एक पीड़ित अफगानी और सीएआई एजेंट के बीच भावनात्मक बातचीत इंसानियत का वह पक्ष दिखाती है, जिसके बारे में तनावपूर्ण और जंग के माहौल में कोई नहीं सोचता। फिल्म के कुछ सीन गहरे अंधेरे में शूट किए गए हैं, जिनके लिए आंखें स्क्रीन पर गड़ानी पड़ती हैं।

    अभिनय की बात करें, तो जेरार्ड बटलर का अनुभव उनके इस पात्र में भी दिखता है, जो अपने मिशन के लिए प्रतिबद्ध है, जांबाज भी है, लेकिन अंदर से परिवार को लेकर बहुत सौम्य है।

    विक्टोरिया एंड अब्दुल, फ्यूरियस 7 जैसी हालीवुड फिल्में कर चुके अली फजल अंतरराष्ट्रीय फिल्मों का सुर समझ गए हैं। वह नकारात्मक भूमिका में जंचते हैं। ईरानी मूल के अमेरिकी अभिनेता नविड नेगाबन भावुक दृश्यों में अपनी छाप छोड़ते हैं।

    कलाकार: जेरार्ड बटलर, अली फजल, नविड नेगाबन, ट्राविस फिमल आदि।

    निर्देशक: रिक रोमन वा

    अवधि: एक घंटा 59 मिनट

    प्लेटफार्म: अमेजन प्राइम वीडियो

    रेटिंग: दो