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Kalank Movie Review: इश्क नहीं 'कलंक' है ये, मिले सिर्फ इतने ही स्टार

Kalank Movie Review कुल मिलाकर यही है कि मसाला चाहे जितना भी अच्छा हो अगर चावल ही खराब है तो अच्छी बिरयानी नहीं बन सकती।

By Hirendra JEdited By: Updated: Thu, 18 Apr 2019 08:20 AM (IST)
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Kalank Movie Review: इश्क नहीं 'कलंक' है ये, मिले सिर्फ इतने ही स्टार

Kalank Movie Review बहुत दिनों से करण जौहर की फ़िल्म कलंक को लेकर काफी शोर था। फैंस इस फ़िल्म का लंबे समय से इंतज़ार कर रहे थे। लेकिन, आलिया भट्ट, वरुण धवन, माधुरी दीक्षित, संजय दत्त, सोनाक्षी सिन्हा जैसे भारी भरकम स्टारकास्ट के बावजूद यह फ़िल्म बेअसर रही। जैसा कि आप जानते हैं यह एक पीरियड फ़िल्म है। आज़ादी के समय देश के विभाजन के आस-पास की कहानी है। हीरामंडी, लाहौर की। यह करण जौहर के पिता का सपना था कि इस पर फ़िल्म बने और फ़िल्म बनी लेकिन, इस फ़िल्म में सारा जोर सिर्फ इसकी भव्यता पर ही है। 

कहानी कुछ ऐसी है कि हुस्नाबाद के चौधरी साहब के यहां सत्या (सोनाक्षी सिन्हा) को मालूम होता है कि अब वो ज्यादा दिनों तक ज़िन्दा नहीं रहेगी तो यहां से वो अपने पति देव चौधरी (आदित्य रॉय कपूर) के लिए एक नयी दुल्हन की तलाश शुरू करती है। वो चाहती है कि उसके बाद कोई उसके पति का उसी की तरह ही ध्यान रखे और इस तरह कहानी में आलिया भट्ट की इंट्री होती है और फिर यहां से कहानी आगे बढ़ती है!

इस फ़िल्म में एक गीत है 'ये कलंक नहीं इश्क है पिया...!' तो आपको बता दूं कि फ़िल्म में मुझे कहीं भी इश्क नज़र नहीं आया। हालांकि, डायरेक्टर अभिषेक बर्मन ने बहुत कोशिश की इश्क दिखाने की लेकिन, फ़िल्म से इश्क की आत्मा गायब ही रही। एकाध दृश्यों को छोड़ दें तो यह फ़िल्म कहीं भी आपको नहीं छू पाती। 2 घंटे 48 मिनट लंबी इस फ़िल्म में आपको कहीं पर भी इश्क महसूस नहीं होगा। तो ऐसे में आप कह सकते हैं कि ये इश्क नहीं कलंक है पिया।

सेट काफी भव्य है, आउटफिट एकदम करण जौहर स्टाइल की है, लाइटिंग कमाल की है। यह कहा जा सकता है कि अभिषेक बर्मन एक आर्ट डायरेक्टर की तरह ही फ़िल्म में नज़र आये हैं। अभिषेक जोधा अकबर में असिस्टेंट डायरेक्टर रह चुके हैं, इसलिए भव्य सेट्स का अनुभव उनके पास काफी अच्छा है! यह कहा जा सकता है अभिषेक बर्मन फ़िल्म के डायरेक्टर नहीं बल्कि आर्ट डायरेक्टर हैं। 

पहले ही गाने में राजपूताना की बात हो रही है और गाने में बर्फ की वादियों का दृश्य चलने लगता है। जब आप राजपूताना और राजस्थान की शान दिखा रहे हैं तो वहां बर्फ कहां से आया यह सोच कर आप चौंक सकते हैं? एक जगह वरुण और सांड (Bull) के बीच लड़ाई का दृश्य है, वहां भी वो बुल काफी आज्ञाकारी लगता है जिसे वरुण पीट रहे हैं और वो चुपचाप खड़ा है? इस तरह की कई क्रिएटिव फ्रीडम फ़िल्म में आपको जगह-जगह देखने को मिलते हैं।  

अभिनय की बात करें तो आलिया भट्ट ने कमाल का काम किया है। सोनाक्षी सिन्हा छोटी लेकिन दमदार भूमिका में दिखी हैं। वरुण धवन, आदित्य रॉय कपूर ने भी अच्छा काम किया। संजय दत्त और माधुरी दीक्षित भी प्रभावित करते हैं। लेकिन, कुल मिलाकर यही है कि मसाला चाहे जितना भी अच्छा हो अगर चावल ही खराब है तो अच्छी बिरयानी नहीं बन सकती। हालांकि, संवाद लेखक की तारीफ करनी होगी, कुछ संवाद बड़े असरदार हैं फ़िल्म में।- *पराग छापेकर 

फ़िल्म: कलंक (Kalank)

स्टार कास्ट: आलिया भट्ट, वरुण धवन, माधुरी दीक्षित, संजय दत्त, सोनाक्षी सिन्हा, आदित्य रॉय कपूर आदि।

निर्देशक: अभिषेक बर्मन

निर्माता: करण जौहर

जागरण डॉट कॉम रेटिंग: पांच (5) में से दो (2) स्टार

अवधि: 2 घंटे 48 मिनट