777 Charlie Review: इंसान और जानवर के रिश्ते की एक खूबसूरत कहानी, कलयुग के 'धर्मराज' का प्यार छू लेगा दिल
777 Charlie Film Review अभिनेता रक्षित शेट्टी की कन्नड़ फिल्म 777 चार्ली आज सिनेमाघरों में रिलीज कर दी गई है। यह इंसान और जानवर के अनोखे रिश्ते की कहानी बयां करती हैं। साथ ही फिल्म जानवरों को लेकर कुछ महत्वपूर्ण संदेश भी देती है।
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई ब्यूरो। हिंदी सिनेमा में इंसानों और जानवरों के रिश्ते पर तेरी मेहरबानियां, चिल्लर पार्टी, एंटरटेनमेंट जैसी कई फिल्में बनी हैं। इस कड़ी में इंसान और कुत्ते के बीच भावुक रिश्ते को फिल्म 777 चार्ली में दर्शाया गया है। मूल रूप से कन्नड़ में बनी 777 चार्ली को हिंदी, तमिल, तेलुगू और मलयालम भाषाओं में सिनेमाघरों में रिलीज किया गया है। फिल्म में मुख्य किरदार निभा रहे रक्षित शेट्टी ने हिंदी में खुद ही डबिंग की है।
फिल्म '777 चार्ली' की कहानी धर्मा (रक्षित शेट्टी) नामक अहंकारी और नीरस किस्म के शख्स की कहानी है। वह अपनी दिनचर्या चलाने के लिए एक कारखाने में काम करता है। हालांकि वह काफी क्रिएटिव भी है। उसका कड़वा अतीत है शायद उसकी वजह से दुनिया से कटकर रहता है। उसकी जिंदगी घर से फैक्ट्री जाने, घर पर इडली खाने, धूम्रपान करने और बीयर पीने में ही गुजरती है। वह टीवी पर चार्ली चैपलिन के शो देखा करता है। उसके मुहल्ले में बाइक से एक्सीडेंट में लेब्राडोर कुतिया को काफी चोट आती है। वह उसका इलाज कराने ले जाता है। धर्मा डाक्टर से उसे अपने पास रखने को कहता है पर वो इन्कार कर देता है। वह उसे कुछ दिन अपने पास रखने को कहता है तब तक किसी ऐसे परिवार की खोज करने की बात करता है जो उसे पालने का इच्छुक हो। फिर कुछ ऐसा होता है कि धर्मा उसे प्यार करता है और उसे नाम देता है चार्ली। चार्ली के आने से उसकी जिंदगी बदलती है। अचानक एक दिन चार्ली के बारे में उसे ऐसी बात पता चलती है जो उसे तोड़ देती है।
कुत्ते को सबसे वफादार जानवर माना जाता है। उसकी वफादारी को यहां पर भी बहुत खूबसूरती से दर्शाया गया है। निर्देशक किरणराज के ने ही फिल्म की कहानी लिखी है जो दिल को छूती है। यहां पर कहानी के केंद्र में चार्ली है जो जीवन के कई पाठ भी पढ़ा जाती है। चार्ली जिस तरह से धर्मा को देखती हैं और प्यार करती है उसे देखकर आप भी प्यार करने लग जाएंगे। फिल्म में कुत्तों की जिंदगी से जुड़े कुछ जानकारियां भी दी गई है। मसलन एक ही मां से जन्में कुत्तों के बीच ब्रीडिंग कराने से किस प्रकार के नुकसान होते हैं। कुत्ते के सोने की पोजिशन में उनकी फीलिंग छुपी होती है। अगर आप पशुप्रेमी नहीं भी हैं तो कई दृश्य आपको भावुक कर जाएंगे। चार्ली के सीन आपको विस्मित करेंगे। इसका श्रेय चार्ली के ट्रेनर प्रमोद बीसी को जाता है। धर्मा के किरदार में रक्षित शेट्टी जंचे हैं। वह फिल्म के सहनिर्माता भी हैं। उन्होंने निष्ठुर होने से लेकर चार्ली के घर में आने के बाद उसमें आए बदलावों को बखूबी आत्मसात किया है।
एनिमल एक्टिविस्ट की भूमिका में संगीता श्रृंगेरी खूबसूरत लगी हैं। उनके अलावा सहायक भूमिकाओं में नजर आए कलाकारों ने अपनी भूमिका के साथ पूरा न्याय किया है। तमिल कलाकार बॉबी सिंबा का किरदार भी कहानी का अहम हिस्सा है। हालांकि फिल्म की अवधि थोड़ा लंबी हो गई है। धर्मा और चार्ली की यात्रा का प्रसंग भी थोड़ा लंबा हो गया है। बहरहाल, धर्मा जब चार्ली के साथ हिमाचल प्रदेश की यात्रा पर निकलता है तो उस दौरान मनोरम दृश्यों को सिनेमेटोग्राफर अरविंद एस कश्यप ने कैमरे में खूबसूरती से कैप्चर किया है। यह फिल्म जानवरों के प्रति निर्दयता न बरतने, स्ट्रे डॉग को गोद लेने का संदेश देती है, जो इन परित्यक्त जानवरों के जीवन संवारने के साथ आपके जीवन में भी खुशियां ला सकता है।
फिल्म रिव्यू : 777 चार्ली
प्रमुख कलाकार : रक्षित शेट्टी, संगीता श्रृंगेरी, राज बी शेट्टी, दानिश सेठ
लेखक और निर्देशक : किरणराज के
अवधि: 166 मिनट
स्टार : साढ़े तीन