Move to Jagran APP

Sunny Deol के बेटे Rajveer को पहली फिल्म के लिए देने पड़े थे कई ऑडिशन, मूवी 'दोनों' को लेकर की दिल की बात

सनी देओल की फिल्म गदर 2 बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है। लेकिन अब सभी की निगाहें सनी के छोटे बेटे राजवीर की डेब्यू फिल्म ‘दोनों’ पर है। राजवीर ने कहा कई महीने लंदन में एक्टिंग की वर्कशाप की। मैंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा पुणे स्थित एफटीआईआई की वर्कशाप की। दरअसल मैं जिस परिवार से आता हूं सरनेम की वजह से सब जगह जाना थोड़ा कठिन होता है।

By Jagran NewsEdited By: Shubham SharmaPublished: Mon, 02 Oct 2023 05:00 AM (IST)Updated: Mon, 02 Oct 2023 05:00 AM (IST)
ट्रेलर देखा बहुत खुश हुए थे दादा धर्मेंद्र। (फाइल फोटो)

बीते दिनों सिनेमाघरों में रिलीज सनी देओल अभिनीत फिल्म गदर 2 बॉक्स आफिस पर धमाल मचा रही है। अब निगाहें सनी के छोटे बेटे राजवीर की डेब्यू फिल्म ‘दोनों’ पर है। फिल्म पांच अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्ममेकर सूरज बड़जात्या के बेटे अवनीश इस फिल्म से निर्देशन में कदम रख रहे हैं।

loksabha election banner

राजवीर से हुई बातचीत के प्रमुख अंश :

1 - सनी ने बड़े बेटे करण को लांच किया था। आपकी लांचिंग राजश्री से कैसे हुई ?

मुझे पता चला कि सूरज सर (सूरज बड़जात्या) के बेटे अवनीश फिल्म बना रहे हैं। राजश्री प्रोडक्शन विख्यात प्रोडक्शन कंपनी हैं। मैंने बिना किसी उम्मीद के उनसे कहा कि मेरी फिल्म को करने में दिलचस्पी है। उस समय मैं बहुत सारे निर्देशकों से मिल रहा था। कहीं बात नहीं बनी। जब मैं अवनीश से मिला तो उन्हें पता नहीं था कि मेरे पिता के दो बेटे हैं। हर कोई चकित था कि मैं इंटरनेट मीडिया पर नहीं हूं। मैं खुद को सनी के बेटे के तौर पर प्रचारित नहीं करता हूं। जब उन्होंने नरैशन दिया तो मुझे किरदार वाकई बहुत पसंद आया। फिर उन्होंने आडिशन देने को कहा। मैं भी साबित करना चाहता था कि मैं किरदार के लिए उपयुक्त हूं। तीन बार आडिशन देने के बाद मुझे यह किरदार मिला।

2- एक्टिंग की तैयारी के लिए आपने कहां से पढ़ाई की?

मैंने कई महीने लंदन में एक्टिंग की वर्कशाप की। मैंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, पुणे स्थित एफटीआईआई की वर्कशाप की। दरअसल, मैं जिस परिवार से आता हूं सरनेम की वजह से सब जगह जाना थोड़ा कठिन होता है। लोग आपको वहां से जोड़कर देखते हैं। उनका आपकी ओर झुकाव हो जाता है। तो मुझे विदेश जाना ज्यादा आसान लगा। वैसे भी हम घर में फिल्मों की ज्यादा बात नहीं करते हैं। वो ज्ञान नहीं देते कि एक्टिंग ऐसे करो वैसे करो। मुझे लगता है कि हर कलाकार की अपनी खोज होती है कि उसे किस तकनीक या फार्मेट में काम करना है। तो पापा चाहते थे कि इन सारी चीजों का अहसास मैं खुद करुं। मैं गलती करुं और उनसे सबक लूं।

3- पापा की गदर 2 सुपरहिट हुई है। अपनी फिल्म को लेकर कितना प्रेशर महसूस कर रहे हैं ?

एक्साइटेड हूं, नवर्स हूं। अभी प्रेशर और बढ़ गया है पापा की फिल्म सुपरहिट होने से। हर कोई चाहता है कि उसकी फिल्म हिट हो जाए। बाकी झूठ नहीं बोलूंगा लेकिन थोड़ा तो सोचता ही हूं कि दर्शकों को पसंद आएगी कि नहीं। हालांकि, फिल्म का बॉक्स आफिस दर्शक के हाथ में हैं, लेकिन हमने कड़ी मेहनत की है।

4- सनी ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म बेताब से की थी। क्या नवोदित कलाकारों के लिए प्रेम कहानी बेहतर शुरुआत है?

फिलहाल मार्केट एक्शन फिल्मों का है। आप देख सकते हैं कि गदर 2, जवान ने बॉक्स आफिस पर अच्छी कमाई की। मेरी ऐसी कोई सोच नहीं थी कि रोमांटिक फिल्म सुरक्षित विकल्प हो सकता है। यह महज संयोग है कि मुझे स्क्रिप्ट अच्छी लगी और बात बन गई। बहरहाल, (हंसते हुए) फिल्म में मेरे ज्यादा रोमांटिक सीन नहीं हैं। मेरा किरदार भी रोमांटिक नहीं है। यह काफी कुछ मुझसे मिलता जुलता है। उसमें विनम्रता है और शर्मीला है। मैं भी वैसा ही हूं। असल जिंदगी में भी मैं रोमांटिक इंसान नहीं हूं। मुझे रोमांटिक फिल्में भी बहुत ज्यादा पसंद नहीं रही हैं। तो मेरे लिए भी यह किसी मजाक की तरह रहा कि ईश्वर ने मुझे पहली फिल्म रोमांटिक जानर की दी।

5- आपके भाई करण देओल जब पहली फिल्म पल-पल दिल के पास कर रहे थे तो आप उससे जुड़े थे ?

हां उस फिल्म को बनाने में करीब तीन साल का समय लगा था। मैंने उस फिल्म में असिस्ट किया था। यह ट्रेनिंग की तरह रही। उस सेट पर काल टाइम रात दो बजे होता था। हम करीब एक महीने पहाड़ों के बीच कैंप लगा कर रहे थे। वह हम सभी के लिए चुनौती थी। उस फिल्म के दौरान सेट पर कई दोस्त बने जो आज भी हैं। उस फिल्म के दौरान अनुभव हुआ कि एक्टर को किन चीजों से गुजरना पड़ता है। सेट के पीछे एडी (असिस्टेंट डायरेक्टर) वगैरह के बीच गॉसिप चलते हैं और कलाकार को वो सब नजरअंदाज करते हुए आगे बढ़ना पड़ता है। यह सब अनुभव काम आया।

6- ‘दोनों’ की पहले दिन की शूटिंग का अनुभव कैसा रहा ?

मुझे याद है कि उस दिन बहुत बारिश हो रही थी। सुबह करीब चार बजे उठकर हमें पूजा भी करनी थी। यह मेरी पहली शुरुआत थी। हमें मुंबई के कोलाबा में एक बंगले में शूट करना था, जिसे ऑफिस बना रखा था। उस दिन मेरे डैड, माम और परिवार वहां पर मौजूद था। मेरा मेकअप हो चुका था और खुद को घूर रहा था कि और यकीन नहीं हो रहा था कि सपना वाकई साकार हो रहा है। कई बार हम बहुत कल्पनाएं करते हैं लेकिन वैसा होता नहीं हैं। मुझे याद है कि मेरा पहला टेक बहुत खराब हुआ था क्योंकि मैं बहुत तेजी से चलकर जा रहा था। जबकि धीरे चलना था। दरअसल, मैं बहुत एक्साइटेड और नर्वस था। तब अवनीश ने कहा आराम से करो। फिर जाकर शाट ओके हुआ।

7- दादा धर्मेंद्र के साथ कैसी बांडिंग रही है?

जब मैं बड़ा हो रहा था तब हम खूब बातें किया करते थे। वो मुझे अपनी कविताएं और शायरी सुनाते थे। उसके पीछे अपनी सोच को बताते थे, जब भी कुछ लिखते थे। समझदार होने के बाद मैं काफी शांत हो गया था। जब एक्टिंग सीखनी शुरू की तो समझ आया कि वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेता हैं। मैं अपने काम से उन्हें गर्व की अनुभूति कराना चाहता हूं और यह साबित करना चाहता हूं कि मैं भी अच्छा अभिनेता हूं। जब उन्होंने मेरा ट्रेलर देखा था तो बहुत खुश हुए थे। उन्हें यह बात अच्छी लगी कि मैंने उनकी, अपने पिता, चाचा बाकी की तरह बनने की कोशिश नहीं की। मैंने अपनी पहचान अपने तरीके से बनाने का प्रयास किया। अपने किरदार के साथ न्याय किया।

स्मिता श्रीवास्तव

यह भी पढ़ेंः  Gadar 2 एक्टर सनी देओल के नक्शे कदम पर न चले राजवीर, जाने क्यों पोते को Dharmendra ने दी ऐसी सलाह


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.