Sara Ali Khan Interview: मैं अब खुले दिमाग से स्क्रिप्ट पढ़ती हूं, हॉलीवुड में एंट्री को लेकर खोला अपना राज
एक्टर होने के नाते मेरा सपना यही रहा है कि मैं हर तरह की फिल्में करूं। लेकिन उन फिल्मों को करने के लिए मौके मिलना बहुत जरूरी होता है। अभिनेत्री सारा अली खान इस साल इंडस्ट्री में अपने अभिनय करियर के पांच साल पूरे करेंगी। भविष्य की योजनाओं कहानियों को लेकर बदली पसंद जैसे कई मुद्दों पर उनसे हुई बातचीत के प्रस्तुत हैं कुछ अंश।

फिल्म इंडस्ट्री में सफलता मिलने पर स्टारडम तो मिलता है, लेकिन एक फ्लॉप फिल्म उस स्टारडम को आसानी से छीन भी लेती है। इस अनिश्चितता के बीच खुद के लिए राहें बनानी पड़ती हैं। विफल होने पर दोबारा हिम्मत जुटाकर सफलता की ओर कदम बढ़ाना पड़ता है। यह मानना है अभिनेत्री सारा अली खान का। इस साल इंडस्ट्री में सारा अपने अभिनय करियर के पांच साल पूरे करेंगी। भविष्य की योजनाओं, कहानियों को लेकर बदली पसंद जैसे कई मुद्दों पर उनसे हुई बातचीत के अंश।
1. इंडस्ट्री में पांच साल पूरे करने वाली हैं। इन पांच वर्षों में आपमें सबसे बड़ा बदलाव क्या आया है?

हर फिल्म के साथ मैं समझदार हुई हूं। हर किरदार को निभाने से जो अनुभव मिले, उनके साथ विकासित हुई हूं। मैं अपनी दो फिल्मों मर्डर मुबारक और ऐ वतन मेरे वतन की शूटिंग एक साथ कर रही थी। दोनों ही भूमिकाएं एक-दूसरे से बिल्कुल अलग थीं। कलाकार जब सेट पर जाकर एक नया किरदार निभाता है, तो उसे पिछला किरदार भूलकर खुद को निर्देशक को सरेंडर करना पड़ता है। यह प्रक्रिया मैं सीख चुकी हूं। अब मुझे इससे अलग, कुछ नया सीखना है। उम्मीद है आने वाली फिल्में में वह कर पाऊंगी।
2. अब किस तरह की फिल्मों की तलाश है?

एक्टर होने के नाते मेरा सपना यही रहा है कि मैं हर तरह की फिल्में करूं। लेकिन उन फिल्मों को करने के लिए मौके मिलना बहुत जरूरी होता है। साल 2020 में कूली नंबर 1 और लव आज कल, मैंने दो ऐसी फिल्में की थीं, जो पेपर पर देखकर मुझे लगा था कि चलेंगी, लेकिन नहीं चलीं। फिर मैंने सीख लिया कि पेपर पर हमें कुछ नहीं पता चलता है।
3.अब पेपर पर लिखी कहानियों को पढ़कर कैसे निर्णय लेती हैं?

मैं बस खुले दिमाग से स्क्रिप्ट पढ़ती हूं। अगर मन में आता है कि मुझे इस कहानी में होना चाहिए, फिल्म के निर्देशक से कुछ सीखने का मौका मिलेगा और कहानी अलग है, तो वह मैं कर लेती हूं। लव आज कल फिल्म की असफलता के बाद मैंने सीखा कि जब आप गिरते हैं, तो उठकर फिर भागना बहुत जरूरी होता है। दो फिल्में जब नहीं चलीं, तो भी मैं रुकी नहीं। अतरंगी रे फिल्म से मैंने उठकर भागना शुरू किया। जब वह फिल्म पसंद की गई, तब मैंने खुद से वादा किया कि मैं अपने काम करने की सीमाओं को आगे बढ़ाऊंगी और प्रयोगात्मक सिनेमा का हिस्सा बनकर अलग-अलग भूमिकाएं निभाऊंगी। मैं अपने दायरों को विकसित करूंगी और इस सफर में सीखती भी रहूंगी।
4. कहा जाता है कि एक्टर की शेल्फ लाइफ होती है। क्या आपको भी यह महसूस होता है?
.jpg)
मुझे कभी इन बातों से फर्क नहीं पड़ा कि एक्टर की शेल्फ लाइफ होती है या मैं लड़की हूं तो शायद मेरे लिए मौके कम होंगे। पता नहीं यह सब चीजें कितनी सही हैं। मैं बस इतना मानती हूं कि अभिनय एक अभ्यास है। आप जितना अभ्यास करेंगे, उतना निखरेंगे। कोरोना काल के दौरान मैंने दो साल सीखने में लगाए। मेरे अंदर एक शिष्य है, जिसे मैं हमेशा अपने अंदर रहने देना चाहती हूं। उन दो वर्षों में हर किसी की तरह मेरा काम भी रुका हुआ था, लेकिन अब बहुत सारा काम करके आगे बढ़ना है।
5. हो सकता है कि सीखने के इस सफर में कुछ गलतियां भी हों। उसे होने से कैसे रोकेंगी?

हां, मुझसे गलतियां होंगी। मेरी उम्र भी ऐसी है, जिसमें गलतियां होंगी, लेकिन फिर उन गलतियों से सीखना है। ऐसी फिल्में करनी हैं, जो मेरी पिछली फिल्म जरा हटके जरा बचके की तरह कई दिनों तक सिनेमाघरों में चले। लोग कहते हैं कि आप विफलता से सीखते हैं। मुझे लगता है कि आप सफलता से भी काफी कुछ सीख सकते हैं। चलते रहने में यकीन करें, रुके नहीं।
6. आपने जितनी भी फिल्में की हैं, सब अलग-अलग निर्देशकों के साथ की हैं। किसी को रिपीट नहीं किया। क्या इसे उपलब्धि मानती हैं?

जब वह निर्देशक मुझे अपनी फिल्मों में रिपीट करेंगे, तब वह मेरे लिए उपलब्धि होगी। मुझे अपने सभी निर्देशकों को साथ दोबारा काम करना है। विदेशी निर्देशकों के साथ भी काम करने की इच्छा है।
7. हॉलीवुड में काम करने की कोई योजना है?

हां, मुझे हर भाषा की फिल्में करनी हैं। मैं कभी भी अपने सपनों को सीमित नहीं करना चाहूंगी, ताकि मैं प्रयत्न करती रहूं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।