‘रूद्र’ स्टार अजय देवगन ने डिजिटल प्लेटफार्म को लेकर की बात, कहा- यह हर अभिनेता को आकर्षित कर रहा है
‘रूद्र- द एज डार्कनेस’ से डिजिटल प्लेटफार्म पर डेब्यू करने वाले एक्टर अजय देवगन ने हाल ही में फिल्म इंडस्ट्री में अपने 30 साल पूरे किए हैं। अपने तीन दशक के अनुभव और डिजिटल प्लेटफार्म पर स्टारडम को लेकर उन्होंने एक खास मुलाकात में कई बातें बताईं।
प्रियंका सिंह, दीपेश पांडेय, जेएनएन। फिल्म इंडस्ट्री में अपने करियर के 30 वर्ष पूरे कर चुके अभिनेता अजय देवगन (Ajay Devgan) ने अब डिजिटल प्लेटफार्म पर भी डेब्यू कर लिया है। डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई वेब सीरीज ‘रूद्र- द एज डार्कनेस’ (Rudra-The Age Of Darkness) में वह पुलिस अधिकारी के किरदार में हैं। डिजिटल प्लेटफार्म के स्टारडम, तीस वर्ष के अनुभव और इस शो के बारे में उनसे जागरण डॉट कॉम की प्रियंका सिंह और दीपेश पांडेय ने खास बातचीत।
इंडस्ट्री के सुपरस्टार्स डिजिटल प्लेटफ्रॉम पर काम कर रहे हैं। क्या स्टारडम बनाए रखने के लिए इसे वक्त की डिमांड मानते हैं?
मेरा मानना है कि सिनेमाघरों में चलने वाले मनोरंजक कंटेंट की बराबरी में अब डिजिटल प्लेटफार्म भी चल रहा है। यह बात सही है कि महामारी के दौरान डिजिटल प्लेटफार्म बहुत बड़ा बन गया है, क्योंकि थिएटर्स बंद थे। यह हर अभिनेता को आकर्षित कर रहा है। इसकी पहुंच वैश्विक है, यह भी एक बड़ा कारण है कि कई लोग इस माध्यम से जुड़ रहे हैं। हालांकि, स्टारडम आपकी मेहनत और दर्शकों पर निर्भर करता है। ऐसे में यह डिजिटल प्लेटफार्म और थिएटर के लिए हमेशा एक जैसा रहेगा।
हाल ही में आपने फिल्म इंडस्ट्री में 30 साल पूरे किए हैं। इस दौरान आपने फिल्म इंडस्ट्री में सबसे प्रभावी बदलाव क्या देखा है?
तीन दशक का सफर शानदार रहा है। यह एक ऐसा सफर रहा, जिसमें मैंने कई गलतियां कीं तो कई उपलब्धियां भी हासिल कीं। मैं हर परिस्थिति में, हर तरीके से खुश रहा हूं। मुझे लगता है कि मैं अगले 30 वर्ष तक काम करने के लिए और तैयार हो गया हूं। जहां तक बात है फिल्म इंडस्ट्री की तो मेरा मानना है कि यह इंडस्ट्री और बड़ी बन गई है। बड़े प्रयोग करने के लिए तैयार है। 30 वर्ष तक फिल्मों में अभिनय करने के बाद डिजिटल प्लेटफार्म पर डेब्यू का मतलब है कि मैं और चीजें एक्सप्लोर करना चाहता हूं।
आपने कहा था कि आप अलग कंटेंट इसलिए चुनते हैं, ताकि देश में मनोरंजन के स्तर को ऊंचा किया जा सके। अब भारतीय कंटेंट को कहां देखते हैं?
आगे बढ़ने का मंत्र यही है कि प्रयोग और आविष्कार करते रहें। भारतीय कंटेंट पहले से ज्यादा प्रयोगात्मक हो गए हैं। दर्शक भी अलग जॉनर्स की कहानियां और कंटेंट देखने के लिए तैयार हैं।
‘रूद्र-द एज आफ डार्कनेस’ वेब सीरीज ब्रिटिश शो ‘लूथर’ की रीमेक है। ब्रिटिश कहानी से भारतीय दर्शकों को जोड़ना मुश्किल रहा होगा?
‘रूद्र’ वेब शो ‘लूथर’ की तरह एक साइकोलाजिकल क्राइम ड्रामा है। ब्रिटिश कहानी की जो रूपरेखा है, इसे उसी के आसपास रखा गया है। विदेशी कंटेंट का अडैप्टेशन भारतीय दर्शकों को ध्यान में रखकर ही किया जाता है। रूद्र की कहानी को भारतीय दर्शकों की पसंद को ध्यान में रखकर ही बनाया गया है।
आप ‘सिंघम’ फ्रेंचाइज में पुलिस अधिकारी का किरदार निभा चुके हैं। ‘रूद्र’ के किरदार को अलग रखना कितना मुश्किल रहा?
रूद्र का जो कांसेप्ट था, वह मेरे लिए दिलचस्प रहा। रूद्र चतुर पुलिसवाला है, जो अपराधियों से आगे रहने के लिए अपनी माइंड स्किल्स का उपयोग करता है। वह हिंसा को हथियार के रूप में प्रयोग करने की आवश्यकता महसूस नहीं करता है। इसके बजाय, वह विश्लेषणात्मक है, जो भी जानकारियां उसके पास होती हैं, उन्हें आगे रखकर फिर वह कोई कदम उठाता है। रूद्र का किरदार सौम्य होने के साथ ही तेज दिमाग वाला भी है। यही वजह है कि मैं पहली बार में ही इस किरदार की ओर आकर्षित हुआ।
शो को मुंबई की वास्तविक लोकेशंस पर शूट किया गया है। उस वक्त क्या कोई पुरानी यादें ताजा हुईं?
इस वेब सीरीज के निर्देशक राजेश मापुस्कर ने लगभग 70 जगहों पर शो की शूटिंग की है। इनमें कुछ लोकप्रिय जगहें भी थीं, जहां हमने शूटिंग की, वहीं कुछ लोकेशन मेरे लिए नई थीं, जहां मैं पहली बार शूट कर रहा था। मुंबई में शूटिंग करना हमेशा तरोताजा और सुकून देने वाला होता है। राजेश और उनकी टीम ने पहले ही हर जगह को शूटिंग के लिए तैयार कर लिया था। मुझे इस सीरीज शूटिंग के दौरान शायद ही किसी चुनौती का सामना करना पड़ा है।