अभिनेता पंकज त्रिपाठी ‘क्रिमिनल जस्टिस: अधूरा सच’ वेब सीरीज में एक बार फिर वकील के किरदार में आएंगे नजर
अब नजरिया भी बड़ा हुआ है कि अब मेरा जीवन अच्छा चल रहा है तो अब मेरे होने का क्या मकसद है। मेरे बनने में समाज का कितना बड़ा योगदान है। मैं उस सामाजिक ऋण को कैसे लौटाऊंगा। उनके घर पर प्रियंका सिंह से हुई बातचीत के अंश...

प्रियंका सिंह। अभिनेता पंकज त्रिपाठी ‘क्रिमिनल जस्टिस: अधूरा सच’ वेब सीरीज में एक बार फिर वकील के किरदार में नजर आएंगे। यह शो 26 अगस्त से डिज्नी प्लस हाटस्टार पर स्ट्रीमिंग के लिए उपलब्ध होगा। उनके घर पर प्रियंका सिंह से हुई बातचीत के अंश...
घर पर ही आपने हल्दी का पौधा लगाया है...
हां, देखिए कैसे हवा बहने की वजह से झूल रहा है। गांव की हल्दी है। मेरे ससुर जी हल्दी की खेती करते हैं। उन्होंने ही (पौधा) दिया है। शहर में गमले में ही लगा सकते हैं। मुझे पौधों से लगाव है, हजार किस्म के पौधे पहचान लेता हूं।
आपने पिछले इंटरव्यू में कहा था कि आप काम से ब्रेक लेना चाह रहे हैं, क्या वह मौका मिल गया?
कोरोना से पहले तीन साल तक बिना किसी वीकली आफ के काम किया है। हमारी शिफ्ट तो आम श्रमिकों से ज्यादा की होती है। कम से कम 12 घंटे काम होता ही है। इन 12 घंटों में इमोशनल, फिजिकल, मेंटल तीनों थकान हो जाती है। छुट्टी का मौका तो नहीं मिला, लेकिन अब थोड़ा सचेत हुआ हूं। अब एक प्रोजेक्ट खत्म करके एक हफ्ते या दस दिन का ब्रेक ले लेता हूं। अब एक वीकली आफ भी लेना शुरू कर दिया है।
आपने इंस्टाग्राम पर अपने प्रोफाइल में लिखा है अभिनेता हिंदी सिनेमा। क्या इसको एडिट करेंगे? डिजिटल प्लेटफार्म पर भी आपकी मजबूत मौजूदगी है...
प्लेटफार्म कोई भी हो, है तो हिंदी सिनेमा ही। मैं हिंदी कंटेंट का हिस्सा हूं। आप मेरी बातचीत में कभी बालीवुड शब्द नहीं सुनेंगे। मैं हमेशा हिंदी फिल्म इंडस्ट्री, भारतीय फिल्म इंडस्ट्री ही बोलता हूं। मुझे लगता है कि इतनी अंग्रेजी भी क्यों उधार लें।
इस शो में वकील माधव मिश्रा के किरदार को तीसरे सीजन में निभाने के लिए पीछे मुड़कर देखना पड़ा?
नहीं, मैं पीछे मुड़कर नहीं देखता। शूटिंग में कुछ गड़बड़ होती है और निर्देशक कहते हैं कि यह किरदार पहले वाले किरदार से भटक रहा है, तो कभी-कभार शूटिंग के दौरान ही एक सीन देख लेता हूं। वैसे मुझे चीजें याद रहती हैं कि कौन सा किरदार कैसे किया था। बाकी जो ग्रोथ एक इंसान में होती है, वह ग्रोथ इस सीजन में माधव मिश्रा के किरदार में भी दिखेगी। शो में जुवेनाइल जस्टिस का सिस्टम दिखाया गया है। इसके बारे में लोग कम सचेत हैं। मनोरंजन के साथ इसमें जानकारी भी है।
ट्रेलर में डायलाग है कि कभी-कभी उत्तर नहीं, सही प्रश्न भी मिल जाए तो खेल कर जाता है। आपकी जिंदगी का कौन सा सवाल रहा, जिसने खेल कर दिया?
(मुस्कुराते हुए) हम जीवन में हमेशा कुछ न कुछ खोज रहे होते हैं कि यह जो जीवन ईश्वर ने दिया है, उसके पीछे का उद्देश्य क्या है। हमारे होने का अर्थ क्या है। जो चिंतन और दर्शन का छात्र होता है, वह अपने होने का मूलभाव खोजता रहता है। यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। मैं पांरपरिक तौर पर कहीं से भी हिंदी सिनेमा का अभिनेता बनने योग्य नहीं हूं। मन में था कि अभिनय करने में मजा आ रहा है, अभिनय से जीवन चलाना है।
तो उस सामाजिक ऋण को चुकाने की दिशा में कोई काम कर रहे हैं?
हां, कर रहा हूं। मैं उसके बारे में बहुत ज्यादा बात करना पसंद नहीं करता हूं। मुझे लगता है कि जो कुछ काम कर रहे हैं, उसे गुप्त रूप से करते जाएं। बताने से लगता है कि प्रचार-प्रसार कर रहा हूं। कोई भी सामाजिक कार्य इंसान आत्मीय सुख के लिए करता है।
किसी भी काम का श्रेय लेना अब आपके लिए कितना जरूरी हो गया है?
आप अच्छा काम करते हैं तो श्रेय मिल ही जाता है। सिनेमा अगर अच्छा है, तो देर-सवेर दर्शकों तक पहुंच ही जाता है। मैं क्रेडिट देने में ज्यादा भरोसा करता हूं। मेरे जीवन में किसी का भी अगर छोटा सा योगदान है, तो मैं उसे रेखांकित करता हूं। यह मैं निजी सुख के लिए करता हूं।
आपने कहा था कि आपका मुख्य काम अभिनय नहीं है। यह आप इसलिए करते हैं, ताकि घूम सकें, अच्छा खा सकें। क्या अब भी यही उद्देश्य है?
हां, वही है। हम जिस युग में जी रहे हैं, उसमें पैसे की प्रधानता है। अपने मन की चीजें करने के लिए, फिर चाहे वह घूमना-फिरना हो, खाना-पीना हो, सब कुछ महंगा है। समाज के हित के लिए काम करने में भी पैसों की जरूरत पड़ती है। व्यक्ति को उद्यमी तो होना ही चाहिए। परिश्रम करें, पैसे कमाएं और नेक काम करें। पैसे कैसे कमा रहे हैं और उसका क्या कर रहे हैं, उसका ज्ञान होना भी जरूरी होता है।
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